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Friday 30 November 2012

14 दिसंबर को घोषित होगा 10वीं और 12वीं का प्रथम सेमेस्टर का परिणाम

हरियाणा शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं के प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम 14 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। पिछले दिनों बोर्ड सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में परिणाम निकालने की तिथि 14 दिसंबर निर्धारित की गई। हरियाणा शिक्षा बोर्ड की ओर से सितंबर, अक्टूबर में 10वीं व 12वीं की परीक्षा ली गई थी। करीब 9,24,828 परीक्षार्थियों ने परीक्षा थी। 10वीं के 5,05,572 व 12वीं के 3,69,065 परीक्षार्थी शामिल थे। 212 उडऩदस्तों ने सैकड़ों परीक्षार्थियों को अनुचित साधन प्रयोग करते पकड़ा और केस बनाए। पिछले महीनेभर से ही बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम का इंतजार किया जा रहा था तथा बार-बार संभावित तिथियां बताई जा रही थी। बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम समय पर निकालने के लिए बोर्ड सचिव डीके बहरा ने बोर्ड अधिकारियों की बैठक ली और दोनों कक्षाओं का परिणाम जल्द तैयार करने के निर्देश दिए।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड सचिव ने परिणाम शाखा को दिए तुरंत रिजल्ट तैयार करने के निर्देश 
"हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी परीक्षाओं का परिणाम 14 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। परिणाम के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को सभी कार्य निपटाने के निर्देश दिए है।"          डीके बेहरा, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

मंत्री और शिक्षकों के बीच '45 मिनट' पर ठनी

1दिसंबर से 27 हजार से ज्यादा स्कूलों का समय क्या हो, इस पर विवाद 
शिक्षामंत्री गीता भुक्कल और राज्य के अध्यापकों के बीच '45 मिनट' को लेकर बुरी तरह ठन गई है। प्रदेश के 28 हजार स्कूलों का समय पहली दिसंबर से चार महीने के लिए बदलना है। यह समय कब से कब तक हो, इसी को लेकर दोनों पक्ष अड़े हुए हैं। भुक्कल के अड़ जाने पर शिक्षकों ने फैसला किया है कि अब वह मुख्यमंत्री से मिलकर हस्तक्षेप का आग्रह करेंगे। 
प्रदेश के 17 हजार सरकारी और नौ हजार से ज्यादा निजी स्कूलों का समय पहली दिसंबर से बदलेगा। इन स्कूलों में करीब 30 लाख बच्चे पढ़ते हैं। वर्तमान में स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर ढाई बजे तक है। शिक्षक चाहते हैं कि पहली दिसंबर से इसे सुबह 9 बजे से अपराह्न 3 बजे तक कर दिया जाए। दूसरी ओर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल दो टूक कह चुकी हैं कि समय सुबह 8.45 बजे से अपराह्न 3.30 बजे तक रहेगा। बस, इसी अतिरिक्त 45 मिनट को लेकर दोनों पक्ष अड़े हुए हैं। शिक्षक तो इसे अपने राज्यस्तरीय आंदोलन के एजेंडे में शामिल कर चुके हैं। 
सरकार अड़ी है : शिक्षक 
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह व महासचिव सीएन भारती ने कहा, 'जब 9 बजे से 3 बजे तक का समय रखने पर छह घंटे में सारे पीरियड पूरे हो जाते हैं तो सरकार क्यों अड़ी है। 15 मिनट पहले टीचर्स की हाजिरी लगवाना भी गलत है। मंत्री हमारी बात नहीं मान रहीं इसलिए मुख्यमंत्री को पहल करनी चाहिए।' 
अब आगे क्या 
शिक्षक बेशक अड़े हो लेकिन स्कूलों का समय साढ़े छह घंटे से कम होना मुश्किल है। बीच का रास्ता निकालते हुए इसे सुबह 9 बजे से 3.30 बजे तक किया जा सकता है। टीचर्स को हाजिरी 15 मिनट पहले ही लगानी होगी। फैसले को लागू करने के लिए डीसी व डीईओ से स्कूलों की समय-समय पर जांच करने को कहा जा रहा है। 
पहली से बदलेगा समय :गीता 
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि पहली दिसंबर से समय बदलेगा। समय कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। फैसला लेते समय बच्चों का हित देखा जाएगा। 

Thursday 29 November 2012

सेमेस्टर प्रणाली के खिलाफ फिर बजा बिगुल


रेवाड़ी.  शिक्षा के बोझ को सहज व कम करने के लिए लागू की गई सेमेस्टर प्रणाली अब विद्यार्थियों व  शिक्षकों को रास नहीं आ रही है। लगातार इस प्रणाली का विरोध करने के बाद भी अमल नहीं होने पर शिक्षकों ने अब आर-पार लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
 शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट तौर से चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अप्रैल 2013 से इस प्रणाली को खत्म करने का जल्द ऐलान नहीं किया तो जल्द ही प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन के साथ हरियाणा भिवानी एजुकेशन बोर्ड का घेराव किया जाएगा।  
 सेमेस्टर प्रणाली के कमजोर आ रहे परिणामों को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने रिपोर्ट तैयार की है जिसे दोबारा मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजा गया है। शिक्षक संगठनों का तर्क है कि पिछले तीन सालों से चल रही सेमेस्टर प्रणाली ने शिक्षा के स्तर को बजाय बेहतर करने के कमजोर कर दिया है। जिसके परिणामों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी जा चुकी है।  
बहुत हो चुका, जल्द करेंगे धरना-प्रदर्शन :
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन लगातार 2008 से इस प्रणाली का विरोध करती आ रही है। एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव के मुताबिक विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री के संज्ञान में नए सिरे से इस प्रणाली से कमजोर होती शिक्षा प्रणाली से अवगत कराया जाएगा।
 हम चाहते हैं कि सरकार दिसंबर माह तक यह स्पष्ट कर दें कि वह अप्रैल 2013 में नए शिक्षा सत्र से सेमेस्टर प्रणाली को लागू नहीं करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश के हजारों शिक्षक जिला व राज्य स्तर पर धरना प्रदर्शन के साथ साथ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का घेराव करेंगे।
क्या है शिक्षकों की मांग :
एसोसिएशन की मांग है कि परीक्षाएं पद्धति वार्षिक यानि एकल होनी चाहिए। इससे विद्यार्थी पढ़ाई के सबसे अनुकुल सितंबर से दिसंबर मध्यांतर तक के समय में परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर पाए। पुरानी शिक्षा पद्धति बेहतर रही है। उसी को नए सिरे से लागू होना चाहिए।
इस तरह बताया प्रणाली को गलत :  
शिक्षकों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रणाली के तहत साल में दो बार एग्जाम होते हैं। 
अप्रैल में दाखिला प्रक्रिया शुरू होती है। मई में गर्मी इतनी बेतहाशा होती है कि शिक्षा विभाग जून की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद भी जुलाई-अगस्त तक दाखिला प्रकिया को चालू रखता है। 
सितंबर के मध्यांतर में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो जाती है। जिसके समापन के बाद 15 दिनों तक मार्किग चलती है।
अक्टूबर माह इस प्रक्रिया में गुजर जाता है। नवंबर वर्ष का ऐसा महीना होता है जो पूरी तरह से फेस्टीवल सीजन होता है। इस माह का एक चौथा हिस्सा छुट्टियों में चला जाता है। 
20 दिसंबर तक पढ़ने का समय मिलता है। उसके बाद सर्दी की धुंध अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। 
15 जनवरी तक इसका असर रहता है। अधिकांश सरकारी स्कूलों में बिजली की समस्या के कारण पढ़ाई पूरी तरह से बाधित रहती है। 
फरवरी माह पढ़ाई के लिए मिलता है और मार्च में सेमेस्टर की फाइनल परीक्षा होती है।
रिपोर्ट में इस प्रणाली के दूसरे बड़े  दुष्प्रभाव को भी उल्लेखित किया गया है जिसमें बताया गया है कि इस प्रणाली से विद्यार्थी पूरे साल में एक विषय को पूरी तरह से रिवाइज नहीं कर पाता है। पहले सेमेस्टर के बाद वह शेष रह गए सिलेबस को पूरा करने की तैयारी में जुट जाता है। नतीजा पीएमटी व ट्रिपल आईटी के राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सिलेबस की आधी अधूरी जानकारी के कारण पोजीशन लेने से रह जाता है।

जेबीटी भर्ती विवाद : आज खोला जाएगा सील रिकॉर्ड

भिवानी.  जेबीटी भर्ती में हुई गड़बड़ी और फर्जी तरीके से पात्रता परीक्षा पास कर जेबीटी शिक्षक लगने वालों की सही मामले में जांच गुरुवार से शुरू होगी। इस दौरान पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर सील रिकॉर्ड को खोलकर उम्मीदवारों के आवेदन फार्म, ओएमआर सीट व हाजिरी सीट पर लगाए अंगूठों का मिलान किया जाना शुरू होगा। 
हाईकोर्ट के निर्देश पर बोर्ड के रिकॉर्ड को सील कर उपायुक्त की निगरानी में पंचायत भवन में रखवाया गया था। मामले की जांच मौलिक शिक्षा निदेशक को सौंपी गई है। कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को सील किया रिकॉर्ड मौलिक शिक्षा निदेशक के नॉमिनी ज्वाइंट डायरेक्टर को सौंपकर सील खोली जाएगी। इस दौरान उपायुक्त, बोर्ड सचिव व केस करने वाली पार्टी के सदस्य मौजूद रहेंगे।
कोर्ट के निर्देश पर जेबीटी में चयनित सभी 8400 उम्मीदवारों व वेटिंग लिस्ट में चल रहे करीब 306 उम्मीदवारों के रिकार्ड की जांच होगी। जांच में पात्रता परीक्षा के दौरान तीन जगह एप्लीकेशन फार्म, ओएमआर सीट व हाजिरी सीट पर लगाए अंगूठों के निशानों की जांच होगी।
हस्ताक्षरों की भी जांच में जुटी विभाग की टीम :
कोर्ट के निर्देश पर जेबीटी भर्ती की जांच 23 नवंबर से ही शुरू हो चुकी है। जांच के प्रथम चरण में सभी चयनित उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान व हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। जांच कमेटी अपने साथ जेबीटी आवेदन वाले फार्म भी लिए हुए हैं तथा इन पर उम्मीदवारों द्वारा किए गए हस्ताक्षरों का वर्तमान हस्ताक्षरों के साथ मिलान किया जा रहा है। हस्ताक्षरों की जांच के दौरान ही अन्य फार्म पर बाएं व दाएं दोनों हाथों के अंगूठों के तीन-तीन निशान लिए जा रहे हैं। जिनकी बाद में जांच की जाएगी।
54 उम्मीदवार शुरुआती जांच में ही निकले थे फर्जी :
2009 में जेबीटी 8400 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की गई थी तथा 16 सितंबर को परिणाम घोषित किया गया था। जनवरी 2011 में सभी चयनित जेबीटी उम्मीदवारों ने नौकरी भी ज्वाइन कर ली थी। इसी दौरान कविता कुमारी नामक एक अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में जेबीटी शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की।
शिकायत के बाद कोर्ट ने चयनित उम्मीदवारों की जांच के निर्देश दिए। पहले दिन कविता द्वारा उठाए ऑब्जेक्शन वाले 54 उम्मीदवारों के अंगूठों की जांच की गई। जांच में केवल आठ उम्मीदवार ही सही पाए गए तथा करीब 21 उम्मीदवार फर्जी पाए गए। अन्य 25 उम्मीदवारों के अंगूठों के निशान साफ नहीं होने के कारण उन्हें संदेहास्पद मानते हुए दोबारा जांच करने के निर्देश दिए गए।
शुरुआती 54 उम्मीदवारों की जांच में ही गड़बड़ी पाए जाने पर हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सभी चयनित उम्मीदवारों के साथ वेटिंग 306 उम्मीदवारों की भी जांच के आदेश दिए। साथ ही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ ना हो सके, इसलिए रिकॉर्ड सील कर डीसी की निगरानी में रखवा दिया गया।
गुरुवार को पंचकूला से आने वाली जांच टीम को रिकॉर्ड सौंपा जाएगा। उपायुक्तकी ओर से हमें रिकॉर्ड की सील तोड़ने के दौरान बुलाया है। बोर्ड सचिव भी मौजूद रहेंगे। जेबीटी भर्ती में गड़बड़ी हुई है, यह तो शुरुआती जांच में सामने आ चुका है। सही जांच हुई तो करीब ढाई से तीन हजार फर्जी उम्मीदवारों के फंसने की संभावना है। 
जसबीर मोर, एडवोकेट, शिकायत पार्टी 
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर रिकॉर्ड सील कर पंचायत भवन में रखवाया गया था। अब माननीय अदालत के निर्देश पर गुरुवार को रिकॉर्ड जांच अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। इस दौरान शिकायतकर्ता पार्टी के वकील व अन्य सदस्य व बोर्ड प्रतिनिधि भी रहेंगे। 
सुजान सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त

शिक्षा मंत्री व अध्यापक संघ में कुछ मुद्दों पर बनी सहमति

शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की बैठक हुई। यद्यपि 25 नवंबर को रोहतक में हुई शिक्षक आक्रोश रैली के बाद रोहतक प्रशासन ने मुख्यमंत्री के साथ संघ की बैठक तय की थी परंतु किन्हीं कारणों से मुख्यमंत्री को जींद जाना पड़ा। इस कारण बैठक का जिम्मा शिक्षा मंत्री को सौंपा गया। साढ़े 3 घंटे तक चली बैठक में संघ ने मांग पत्र में शामिल सभी मुद्दों को गंभीरता से शिक्षा मंत्री व अधिकारियों के समक्ष उठाया।
शिक्षा मंत्री के अतिरिक्त इस बैठक में विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन, मौलिक शिक्षा के निदेशक अभय सिंह यादव, बीआर वत्स एवं जिले सिंह शर्मा उपस्थित थे। संघ की ओर से राज्य प्रधान वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, गजे सिंह, सुरजीत सिंह, बलवीर सिंह, महीपाल, मुकेश यादव, महताब सिंह, बलजीत सिंह, सुखदर्शन, सत्यनारायण यादव तथा भूङ्क्षपद्र सिंह ने बैठक में भाग लिया।
बैठक की जानकारी देते हुए महासचिव भारती ने कहा कि शिक्षा मंत्री के साथ यह बैठक लंबे समय बाद और संघर्ष के दबाव में हुई। इस लंबी बैठक का माहौल मिश्रित प्रभाव वाला रहा। कभी काफी गर्मा-गर्मी और कभी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। शिक्षा मंत्री ने संघ के कुछ मुद्दों पर सहमति जताई है और कुछ पर निकट भविष्य में रचनात्मक पहल करने का भरोसा दिया व कुछ नीतिगत मुद्दों को मानने से साफ इंकार किया है।
निम्न मुद्दों को माना गया:
संघ के सुझावों को मद्देनजर रखते हुए नई रेशनलाइजेशन नीति बनाई जाएगी, जिसमें नर्सरी के बच्चों को भी वर्कलोड में जोड़ा जाएगा, सभी प्रकार की पदोन्नतियां शीघ्र की जाएंगी। मिडल हैड मास्टर को उच्च विद्यालय मुख्याध्यापक एवं प्राचार्य की भांति केवल 12 पीरियड का ही वर्कलोड दिया जाएगा, इनकी पदोन्नति अतिशीघ्र कौंसिल द्वारा की जाएगी। मिडल हैड को 12 पीरियड का वर्कलोड देने का अर्थ है, 5548 मास्टर, सी. एंड वी. के पद और बचेंगे। मिडल हैड पदोन्नति में अंकों की कोई शर्त नहीं होगी, संघ की मांग अनुसार ये सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर होगी।
शिक्षा मंत्री ने अन्तर्जिला तबादला नीति में मेवात के अध्यापकों को शामिल करने, 1/3 अवकाश बहाल करने, सभी प्राथमिक विद्यालयों में स्वीपर कम चौकीदार एसएमसी द्वारा लगाने, विद्यालयों का समय भविष्य में 1 नवम्बर से व इस वर्ष 1 दिसम्बर से 28 फरवरी तक बदलने आदि मांगों को माना। भारती ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सेवा नियमों की समीक्षा के बाद जो संशोधन शैक्षणिक दृष्टि से जरूरी होंगे, उन्हें किया जाएगा।
इसके अलावा तीन मास के अंदर अध्यापकों के लिए सामान्य एवं अंतर-जिला स्थानांतरण नीति बनाकर लागू करने, उच्च विद्यालयों के मुख्याध्यापक व प्राध्यापक आदि के पद पर शीघ्र पदोन्नतियां करने, एसीपी के लिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण सरकार से मंजूरी लेकर जिला स्तर पर करने, शीघ्र ही सभी अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटियों से मुक्त करने, कोर्ट के निर्णयों के सामान्यीकरण एक-एक मामले की समीक्षा करके किया जाएगा, प्रमुख मामले जो संघ ने उठाए। कला व पीटीआई को 1-1-2006 से एरियर का भुगतान करने, 3 वर्ष की सेवा पर वंङ्क्षचग का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, 2000 में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों की पदोन्नति करने बारे, तदर्थ सेवा को अतिरिक्त वेतन वृद्धि व एसीपी में जोडऩे, 18.8.2009 से पहले नियुक्त सभी अध्यापकों को पर्सनल-पे का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, ए.सी.पी. रूल 13 में पे-फिक्सेशन नियमानुसार समस्त राज्य में एक जैसे रूप में करने, सभी प्रकार के बजट जैसे की वेतन, भत्ते, टीए, डीए, एलटीसी, मृत अध्यापकों  के आश्रितों को मासिक आर्थिक सहायता आदि शीघ्र उपलब्ध करवाने, एमडीएम में कार्यरत महिलाओं के बढ़े हुए मानदेय का पत्र 1-2 दिन में जारी करने, विभाग में लंबित सभी मामलों का शीघ्र निपटारा करने आदि मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया।

निम्न मुद्दों को मानने से साफ इंकार :  
शिक्षा मंत्री ने अतिथि अध्यापकों की सेवा पक्की करना व उनकी वेतन वृद्धि करना, विद्यालयों का समय 6 घंटे करना, अध्यापकों की हाजिरी 15 मिनट पहले न लगवाना, अध्यापकों को आखिरी तिमाही में केवल 25 प्रतिशत ही छुट्टी के बंधन से छूट, प्राध्यापक पदोन्नति में उसी विषय के अनुबंध की शर्त को हटाना, कम्प्यूटर शिक्षक के नियमित पद सृजित करना, वेतन विसंगतियां दूर करने व डीएड के छात्रों की 180 दिन की इंटरशिप रद्द करने आदि मांगों को मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया।

उन्होंने बताया कि फिलहाल अध्यापक संघ सांझे मुद्दों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ द्वारा घोषित आंदोलन 29 नवंबर, 5 व 12 दिसम्बर को जेल भरो में शामिल रहेगा। इसके अलावा 20 दिसम्बर को संसद कूच में भाग लेगा व 20-21 फरवरी 2013 की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा और यदि उपरोक्त मुद्दों, आश्वासनों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो रैली में घोषित कार्यक्रम अनुसार 27 जनवरी 2013 से रोहतक में क्रमिक अनशन शुरू करेगा व क्रमिक अनशन के दौरान ही समस्त राज्य में शहर-शहर, गांव-गांव, गली-गली में संपर्क अभियान भी चलाएगा।

Wednesday 28 November 2012

मेवात कैडर के टीचर्स का तबादला होगा ,अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।



हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने आज कहा कि मेवात कैडर के अध्यापकों को राज्य के जेबीटी और कला अध्यापकों की अंतर-राज्यीय स्थानांतरण नीति में शामिल कराने के प्रयास किए जाएंगे। भुक्कल हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत कर रही थी। ये प्रतिनिधि मांगों के संबंध में यहां शिक्षा मंत्री से मिलने आए थे। बैठक में विभिन्न मांगों पर विचार-विर्मश और समीक्षा की गई और मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके मुद्दों को वे स्वयं मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के समक्ष उठाएंगी और उनकी सभी उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों को प्राथमिकता आधार पर निपटाया जाएगा। यद्यपि, निदेशालय स्तर कर्मचारियों की कमी होने के बावजूद भी पदोन्नति की प्रक्रिया नियमित रूप से जारी है। उन्होंने कहा कि सभी जिला उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे अध्यापकों को अध्यापन समय के दौरान गैर-अध्यापन कार्य में ना लगाया जाए। उन्होंने कहा कि अध्यापक वर्ग अपना समय अध्यापन कार्य में ही लगाएं। प्रश्न के उत्तर में भुक्कल ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिएरेशनलाईजेशन प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि इस नीति में अध्यापक संघ द्वारा दिए गए सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। स्कूलों की समय-सारणी के बदलाव को लेकर पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर, 2012 से स्कूलों की समय-सारणी में बदलाव किया जाएगा। राज्य के सरकारी स्कूलों में ऐजुसेट प्रणाली बेहतर ढ़ंग से कार्य कर रही है, जहां पर भी ऐजुसेट प्रणाली स्थापित की गई है वहां पर बैटरी और जनरेटर सेट उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अलावा डीजल के लिए अलग से राशि स्वीकृत की गई है। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।

शिक्षा अधिकार सही ढंग से लागू न करने पर जनहित याचिका दायर

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार व निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है।जींद निवासी बिजेंद्र सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार शिक्षा के अधिकार को सही ढंग से लागू नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील आरएस ढुल ने कहा कि इस नियम के तहत छह से चौदह वर्ष के बच्चों को निशुल्क व जरूरी शिक्षा उपलब्ध करवाना सरकार का कर्तव्य बनता है। याचिकाकर्ता के अनुसार नियमानुसार एक कक्षा में 35 से ज्यादा छात्र नहीं होने चाहिए लेकिन हरियाणा शिक्षा विभाग ने एक कक्षा में 50 के करीब छात्र का अनुपात तय किया हुआ है। इस नियम के तहत विज्ञान, सामाजिक, हिंदी के जितने भी सप्ताह के लिए पीरियड तय किए गए थे, सरकार ने वो भी कम कर दिए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सभी मिडल स्कूलों में हेडमास्टर नियुक्त किए जाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। याचिकाकर्ता के अनुसार स्कूलों में पर्याप्त टीचर नहीं हैं। इस कारण शिक्षा का अधिकार बेमानी साबित हो रहा रहा है। खंडपीठ ने इस मामले में सभी प्रतिवादी पक्ष को 3 दिसंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मिडिल स्कूलों में हेड मास्टरों को मिली वित्तीय शक्तिया

चंडीगढ़ : प्रदेश के मिडिल स्कूलों के हेड मास्टरों को अब वित्तीय शक्तियां हासिल हो गई हैं। इन स्कूलों के हेड मास्टर अब न केवल आहरण-वितरण के फैसले ले सकेंगे, बल्कि शिक्षकों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान भी कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने मिडिल स्कूल हेड मास्टरों को वित्तीय शक्तियां प्रदान की हैं। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक ने पिछले दिनों वित्तायुक्त एवं महानिदेशक से मिलकर हेड मास्टरों को वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने की मांग की थी। प्रदेश में अभी तक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल व हाई स्कूलों के हेड मास्टरों के पास मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के वित्तीय अधिकार थे। इस कारण मास्टरों तथा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जिन मिडिल स्कूलों में हेड मास्टर नहीं हैं, वहां खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मास्टरों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान करेंगे।

Tuesday 27 November 2012

एमएड की प्रवेश परीक्षा दो दिसंबर को

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में सत्र 2012-13 में एमएड में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा दो दिसंबर को दोपहर 12 बजे से एक बजे तक होगी। रोल नंबर 12800001 से लेकर 12800300 तक कोड नंबर एमई-एक, यूआईईटी ब्लॉक-एक में, रोल नंबर 12800301 से लेकर 12800600 तक कोड नंबर एमई-दो यूआईईटी ब्लॉक-दो में, रोल नंबर 12800601 से लेकर 12800900 तक कोड नंबर एमई-तीन यूनिवर्सिटी कॉलेज ब्लॉक-एक में, रोल नंबर 12800901 से लेकर 12801200 तक कोड नंबर एमई-चार यूनिवर्सिटी कॉलेज ब्लॉक-दो में परीक्षा करवाई जाएगी। केयू के लोकसंपर्क विभाग के निदेशक प्रो. बृजेश साहनी ने बताया कि प्रवेश परीक्षा से संबंधित जानकारी केयू की वेबसाइट केयूके डॉट एसी डॉट इन पर उपलब्ध है।

3 हजार कर्मचारी 29 को देंगे गिरफ्तारियां

                  सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष शरबत सिंह पुनिया व उप महासचिव जीवन सिंह ने कहा है कि अंबाला जोन के तहत कैथल के विभिन्न विभागों के तीन हजार कर्मचारी 29 नवंबर को डीसी का घेराव करके गिरफ्तारियां देंगे। इस बारे में डीसी को प्रबंध करने के लिए जानकारी दे दी गई है। यह जानकारी उन्होंने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में सवा लाख अस्थाई कर्मचारी हैं। जो विभिन्न विभागों में लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक प्रदेशभर से 22 सौ अस्थाई कर्मचारियों को ही स्थाई किया है। 
                  सरकार अस्थाई कर्मचारियों का शोषण कर रही है। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलनों का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन कर्मचारियों को मांगें पूरी करने का आश्वासन देकर चुप करवा दिया जाता है। ऐसा एक बार नहीं अनेक बार कर्मचारियों के साथ हुआ है। सरकार कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी कर रही है। सरकार ने दावा किया था कि अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के पूरे वेतन का आधा वेतन दिया जाएगा, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ। कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां भी दूर नहीं की गई। अन्य राज्यों में कर्मचारियों के भत्ते और वेतन प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों से ज्यादा है। इस मौके पर जिला सचिव नरेश कुमार और ब्लाक सचिव जरनैल सिंह ने बताया कि सरकार प्रदेश में हर विभाग का निजीकरण कर रही है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को भी प्राइवेट करने का भी मन बना रहा है। इन पांच जिलों में कैथल जिले का नाम भी शामिल है। कर्मचारियों की प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार की एक समान नीतियां हैं। उन्होंने कहा कि घेराव व गिरफ्तारियों का सिलसिला लंबा चलेगा। पांच दिसंबर को रोहतक जोन, 12 दिसंबर को गुडगांव जोन में भी घेराव व गिरफ्तारियां दी जाएंगी। अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे 20 दिसंबर को संसद की ओर कूच करेंगे। अपनी मांगों को लेकर 20 और 21 फरवरी को देश भर के कर्मचारी हड़ताल और चक्का जाम करके अपना रोष प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रेस सचिव सतबीर गोयत, जसबीर, राजेश और प्रकाश गोयत भी उपस्थित थे।

Monday 26 November 2012

रोहतक में गरजे 15 हजार शिक्षक

शिक्षा विभाग की अव्यावहारिक नीतियों से तंग आए प्रदेश के 15 हजार शिक्षकों ने रविवार को रोहतक में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस 'आक्रोश रैली' में प्रदर्शनकारियों ने हुड्डा सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इस प्रदर्शन के चलते रोहतक जिला प्रशासन की सांसें दिनभर अटकी रहीं। आला अधिकारियों से बात करने के बाद एसडीएम जगदीश शर्मा ने शिक्षक नेताओं को 27 नवंबर को उनकी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कराने का भरोसा दिया। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह ने कहा कि उन्हें इस बैठक से कोई उम्मीद नहीं है और वह 20 दिसंबर को दिल्ली में संसद पर प्रदर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
रैली में एकजुटता का प्रदर्शन करते शिक्षक संघों के नेता।
शिक्षक नेताओं ने मंच पर पहुंचे अफसरों को नहीं सौंपा ज्ञापन 
दोपहर 3.45 बजे एसडीएम जगदीश शर्मा और तहसीलदार प्रमोद चहल पुलिस अफसरों के साथ ज्ञापन लेने मंच पर पहुंचे तो शिक्षक नेताओं ने ज्ञापन देने से मना कर दिया। वह बोले, 'हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा विभाग की आयुक्त और प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कब होगी, इसकी घोषणा की जाए' इसके बाद एसडीएम जगदीश शर्मा ने आला अफसरों से संपर्क साधा और करीब डेढ़ घंटे की ऊहापोह के बाद शाम 5.20 बजे बताया कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ बैठक 27 नवंबर को होगी। इसके बाद ही प्रदर्शनकारी शांत हुए। 
आठ माह में कर चुके हैं पांच बार प्रदर्शन 
> 28 अप्रैल २०१२ को सरकार के नए सेवा नियमों के विरुद्ध रोहतक में प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन किया।

 > 29 मई को झज्जर में शिक्षामंत्री के निवास के बाहर रैली की।

 > 11 सितंबर को 21 जिलों से मांगपत्र जमाकर सीएम व शिक्षामंत्री को सौंपे।

 > 13 अक्टूबर को पंचकूला में शिक्षा सदन का घेराव।

 > 25 नवंबर को सरकार की नीतियों के विरुद्ध रोहतक में आक्रोश रैली।
ये हैं प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें 
> रेशनेलाइजेशन नीति में संशोधन कर प्राथमिक कक्षा में 30, मिडिल में 35 और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 40 बच्चों का सेक्शन बने।

 > स्कूलों में प्राचार्य के 600, मुख्याध्यापक के 1400 और प्राध्यापकों के खाली पड़े 7500 पद पदोन्नति देकर भरे जाएं।

 > अनुबंधित अध्यापकों, कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को नियमित किया जाए।

 > अंतर जिला स्थानांतरण नीति में मेवात समेत सभी जिला कॉडर के शिक्षकों को शामिल किया जाए।

 > हर कक्षा/सेक्शन के लिए अलग अध्यापक दिए जाएं।

 > जेबीटी कोर्स में से इंटर्नशिप खत्म की जाए।

 > शिक्षकों की छुट्टियां अन्य कर्मचारियों के बराबर हों।

 > साल 2000 में लगे जेबीटी शिक्षकों को प्रमोट किया जाए।

 > प्रमोशन का कोटा न्यूनतम 50 फीसदी रखा जाए।

 > सरकारी स्कूलों का समय 9 बजे से 3 बजे तक हो।

प्रशासन ने दिया 27 को सीएम के साथ बैठक कराने का भरोसा 
20 दिसंबर को संसद पर भरेंगे हुंकार 













वरिष्ठता पर मिलेगी मिडल हेड को प्रमोशन, ग्रेजुएशन अंक वाली शर्त लिया वापस

शिक्षा विभाग ने मिडल हेड की पदोन्नति के लिए स्नातक में अंक प्रतिशतता की शर्त को वापस ले लिया है। अब वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की जाएगी। इसके साथ ही मिडल हेड को संबंधित विषय के वर्क लोड से भी छूट दी गई है। इसी मामले को लेकर अध्यापकों और शिक्षा विभाग के बीच तनातनी चली हुई थी।विभाग की ओर से दी गई इस छूट से हजारों अध्यापकों को फायदा होगा।
शिक्षा विभाग ने हाल ही में मिडल हेड के पांच हजार से भी अधिक पदों को स्वीकृति दी है। इन्हें पदोन्नति के आधार पर भरा जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से पदोन्नति केस मांगे गए थे, लेकिन इसमें वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए अंक प्रतिशतता की शर्त रख दी गई थी। जिस पर अध्यापकों ने भारी रोष प्रकट किया था। हालांकि अध्यापकों के विरोध को देखते हुए विभाग ने अंक प्रतिशतता में पांच अंकों की छूट दे दी थी, मगर अध्यापक संगठन पूर्ण रूप से वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की मांग कर रहे थी। इसी मुद्दे को लेकर पिछले दिनों अध्यापकों का एक शिष्टमंडल शिक्षा मंत्री से मिला था, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया कि अब मिडल हेड के पद वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति करते हुए भरे जाएंगे।
विभाग ने मांगे आवेदन
इसी फैसले पर अब विभाग ने नए सिरे से आवेदन मांगे हैं। इसमें वे अध्यापक आवेदन कर सकेंगे, जो पहले अंकों के कारण आवेदन करने से वंचित रह गए थे। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह सहरावत बताते हैं कि सामान्य वर्ग में वरिष्ठता क्रमांक 4800 और अनुसूचित वर्ग में वरिष्ठता क्रमांक 6000 तक के अध्यापक अपने पदोन्नति केस तैयार करते हुए सोमवार को आवेदन जमा करा सकते हैं। नई वरिष्ठता सूची अगले सप्ताह तक विभागीय वेबसाइट पर डाल दी जाएगी।
अध्यापकों ने जताई खुशी
इसी मुद्दे को लेकर हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन की रविवार को क्रांतिमान पार्क में बैठक हुई। इसमें विभाग के फैसले पर खुशी प्रकट की गई। जिला प्रधान रोहताश छाछिया ने कहा कि इससे वंचित अध्यापकों के लिए पदोन्नति के रास्ते खुल गए हैं। इसके अलावा जिला स्तर पर एलटीसी, कार लोन, हाउस बिल्डिंग अलाउंस और मेडिकल बिल जैसे मामले भी सुलझा दिए गए हैं। इससे अध्यापकों को काफी लाभ मिलेगा। इस मौके पर आर्य संजय, राजसिंह मलिक, जोगेंद्र सिंह मलिक, रमेश पूनिया, विनोद मोर, ईश्वर हुडा, सत्यनारायण सिवाच, विजेंद्र नैन, अजमेर सिंह, दलबीर सिंधू सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

Sunday 25 November 2012


फरवरी 2013 में होगा एचटेट


बलवान शर्मा, भिवानी

एक ओर जहां शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड प्रशासन इन दिनों स्टैट की ओएमआर सीट पर लगे अंगूठे के निशानों का मिलान उम्मीदवारों के निशान से करने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक बार फिर से एचटेट (हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा) की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शिक्षा बोर्ड ने एचटेट के लिए संभावित तिथि 2 व 3 फरवरी निर्धारित की है।

माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग में की जा रही भर्तियों में शामिल होने का मौका इस परीक्षा में शामिल होने वालों को भी मिल सकेगा। ऐसे में प्रदेश के हजारों उम्मीदवारों के लिए यह एक अच्छी खबर है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को एचटेट करवाने की हिदायत दे दी है। इसके तहत शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने संभावित तिथि 2 व 3 फरवरी 2013 निर्धारित की है। क्योंकि इस बीच बोर्ड प्रशासन परीक्षाओं की तैयारियों को अंतिम रूप दे सकेगा। इधर बोर्ड प्रशासन ने अधिकारियों की बैठक बुला ली है।

आन लाइन कर सकेंगे आवेदन

इस बार शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने उम्मीदवारों के आवेदन आन लाइन करवाने का फैसला किया है। बोर्ड ने पहले से ही इस संबंध में कंप्यूटराइजेशन को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया हुआ है। इसी के तहत इस बार एचटेट के आवेदन भी आन लाइन मांगे जाएंगे।

Saturday 24 November 2012

8706 जेबीटी टीचरों की भर्ती पर खतरा


प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2010 में हुई 8706 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर कराई गई जांच में 54 स्टैट पास धारकों में से 21 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान का मिलान नहीं हुआ है। इस चौंकाने वाले रिजल्ट ने स्टेट मामले की जांच में तेजी ला दी है। हाई कोर्ट ने प्रदेश के सभी स्टेट पास पात्रों के अंगूठे के निशान की जांच के आदेश दे दिए हैं।

शुक्रवार को शिक्षा बोर्ड मुख्यालय में फोरेंसिक लैब मधुबन की टीम को लेकर शिक्षा निदेशालय के अधिकारी पहुंच गए हैं। प्रथम चरण में भिवानी के उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान की जांच होगी। इसके बाद अन्य जिलों के उम्मीदवारों को संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी लेकर भिवानी पहुंचेंगे।

प्रवीण कुमारी बनाम हरियाणा सरकार के केस में हाई कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने 54 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशानों का मिलान कराया था। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि फोरेसिंक जांच टीम ने अगस्त 2012 में इसकी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें पाया है कि 54 में से 21 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान नहीं मिले हैं। इस रिपोर्ट से जाहिर है कि स्टेट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठे थे। केवल 8 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान ही सही पाए गए। शेष 25 उम्मीदवारों का पूरा रिकार्ड न होने के कारण रिजल्ट पेंडिंग है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को सभी स्टैट पास की जांच के आदेश दे दिए हैं।

तीन माह तक जांच का अनुमान

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 2008 में एक बार और 2009 में दो बार स्टैट की परीक्षा संचालित कराई थी। अब हाईकोर्ट के आदेश पर तीनों ही परीक्षाओं में पास उम्मीदवारों के अंगूठों के निशान मिलाए जाएंगे।

प्रथम चरण में भिवानी जिले के उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान की जांच शुरू की गई है। यह जांच लगभग तीन माह तक चलने का अनुमान है। अधिवक्ता जसवीर मोर ने कहा कि शिक्षा बोर्ड के प्रोस्पेक्टस के अनुसार अंगूठे के निशान लिए जाने थे, लेकिन बोर्ड ने अंगूठे के निशान लिए ही नहीं। दिसंबर 2010 में कविता कुमारी के नाम से याचिका डाली थी। कोर्ट ने मौलिक शिक्षा निदेशक को जांच के आदेश दिए थे और चार माह में रिपोर्ट देने को कहा। रिपोर्ट नहीं दी गई। इसके बाद सीडब्ल्यूपी 3 आफ 2011 प्रवीण कुमारी एंड अदर्स वर्सिज स्टेट आफ हरियाणा याचिका डाली गई। इस याचिका में बताया गया कि बिना जांच के ही हरियाणा सरकार ने 8706 जेबीटी अध्यापकों को नियुक्तियां दे दी हैं। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को एक लाख रुपये की सुरक्षा राशि के आधार पर जांच के आदेश दिए।





Friday 23 November 2012

प्राध्यापकों ने पदोन्नति में मांगा शत-प्रतिशत कोटा

हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने नए त्रिस्तरीय ढांचे, प्रधानाचार्य एवं उप प्रधानाचार्य पदों की पदोन्नति में अपना शत प्रतिशत दावा पेश किया है। हसला प्रदेशाध्यक्ष किताब सिंह मोर व प्रांतीय महासचिव दलबीर पंघाल ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि जब प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग शिक्षा में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से 9 से 12 तक की कक्षाएं प्राध्यापकों से पढ़वाना चाहते हैं तो प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल के पदों पर पदोन्नति का शत प्रतिशत अधिकार भी केवल प्राध्यापकों का ही बनता है

Source:PunjabKesri,23.11.12

प्रदेश में बनेगी 20176 मास्टरों की वरीयता सूची

प्रदेश में जल्द ही करीब 20,176 मास्टरों की वरीयता सूची तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर 5548 पदों पर मास्टरों को मिडिल स्कूल हेड मास्टर के पदों पर पदोन्नत किया जाएगा। मौलिक शिक्षा निदेशक डा. अभय सिंह यादव ने हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को यह जानकारी दी है।

पीटीआई टीचर्स को राहत

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 2010 में भर्ती किए गए पीटीआई टीचर की हाईकोर्ट की सिंगल बैंच द्वारा नियुक्ति रद करने के खिलाफ पीटीआई टीचर व हरियाणा सरकार की अपील पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी की खंडपीठ ने इस मामले में अपील करने वाले पक्ष को कहा है कि वह इस मामले में एकल बैंच में याचिका दायर करने वाले सभी याचिकाकर्ता को प्रतिवादी बनाए। हाईकोर्ट इस मामले में एकल बैंच में याचिका दायर करने वाले सभी 68 याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद अपना निर्णय देगा। इसी के साथ खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई 18 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी। मामले की अगली सुनवाई तक पीटीआई टीचरों पर यथास्थिति बनी रहेगी। इस मामले में याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से एकल बैंच के फैसले को गलत ठहराते हुए डिविजन बैंच से इस पर रोक लगाने की मांग की गई है। पीटीआई की तरफ से कहा गया कि एकल बैंच ने उनका पक्ष सुने बगैर की इतना बड़ा फैसला सुना दिया। याचिकाकर्ता के वकील ने एकल बैंच द्वारा उसी टिप्पणी पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि यह भर्ती एक व्यक्ति के इशारे पर की गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दो लोगो को मानसिक रूप से परेशान करने पर हुडा को 15 लाख रुपये व दोषी एस्टेट आफिसर को दो लाख का जुर्माना लगाते हुए यह राशी पीर्डित को देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश पानीपत निवासी परमीदंर व कुलवींद्र द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। इस मामले में हुडा ने परमींद्र की जमीन का एक्वायर करे बगैर उसको कुलवींद्र को अलाट कर दी। हुडा के इस कदम से दोनो पक्ष मानसिक रूप से परेशान थे। हाईकोर्ट ने हुडा को दस लाख रूपये परमींद्र कके व पांच लाख रूपये कुलवींद्र को देने का आदेश दिया। जिन अधिकारियों की गलती से यह हुआ कोर्ट ने उन अधिकारियों को भी दो लाख का जुर्माना लगाते हुए यह राशी परमींद्र को देने का आदेश दिया। पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नियुक्ति किए गए 1983 पीटीआई टीचरों की नियुक्ति को रद कर दिया था। हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन क मीशन ने 10 अप्रैल 2010 को फाइनल सेलेक्शन लिस्ट जारी कर ये नियुक्तियां की थी। हाईकोर्ट ने कमीशन को निर्देश जारी किए थे कि आयोग नियमों के तहत नए सिरे से भरती शुरू करे और पांच महीने के अंदर इस भरती प्रRिया को पूरा कर लिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान साक्षात्कार होल्ड करवाने वाले आयोग की सेलेक्शन कमेटी के सदस्यों द्वारा कार्यवाहियों में शामिल न होने से आयोग की नाकारात्मक छवि को उजागर करता है। हाईकोर्ट ने कहा कि दस्तावेज खुलासा करते हुए एक बिंदु की तरफ इशारा करते हैं कि यह नियुक्तियां आयोग के निर्धारित नियमों के तहत नहीं हुई है और इन्हें गैरकानूनी कहलाना गलत नहीं है। खंडपीठ ने इस मामले में कमीशन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते यह तक कहा कि बहुसदस्यीय कमीशन होने के बाद भी कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है कि यह सब एक व्यक्ति के कहने से चल रहा है। कोर्ट ने कमीशन के चेयरमैन व सदस्यों पर भी टिप्पणी की।

Source:HariBhoomi,23.11.12

अध्यापकों की टेनिंग पर अधिक जोर


मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्कूल शिक्षा में अधिक गुणात्मक सुधार के लिए अध्यापक प्रशिक्षण को ज्यादा मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इसके लिए उन्होंने अलग से अध्यापक प्रशिक्षण विशेषज्ञों की सेवा की आवश्यकता पर बल दिया है।

मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की अलग से पहचान की जाए तथा उनका कार्य केवल अध्यापक प्रशिक्षण का ही होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारियों तथा निदेशालय स्तर पर निरीक्षण करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अध्यापक प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाए। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन ने अवगत करवाया कि अध्यापकों को प्रशिक्षण की वर्तमान व्यवस्था से अवगत कराया। स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए।

Source:Dainik Jagran,23.11.12

Thursday 22 November 2012

नियम बदले जाने से हजारों पीएचडी धारकों का भविष्य अधर में


हरियाणा सरकार ने उच्चतर शिक्षा सेवा नियम 2010 में परिवर्तन कर हजारों पीएचडी धारकों के लिए कॉलेज स्तर पर सहायता प्रवक्ता के पद पर नौकरी के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

सरकार ने उच्चतर सेवा नियम 2010 के अनुसार निजी विश्वविद्यालय से पीएचडी धारक अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। केवल उन्हीं पीएचडी धारकों को नेट परीक्षा से छूट होगी, जिन्होंने राज्य या केंद्र विश्वविद्यालय या वैसे निजी विश्वविद्यालय पीएचडी हासिल की जो कि नेक से ए ग्रेड है। सरकार की इस नीति से हजारों युवाओं को भविष्य अंधकार में डूब गया है। निजी विश्वविद्यालय से पीएचडी के पढ़ाई कर चुके राजेंद्र का कहना है कि हरियाणा का एक भी निजी विश्वविद्यालय नेक से ग्रेडिड नहीं है। यहां तक की सरकारी विश्वविद्यालय चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा जो 2003 में बनी थी व बीपीएस विश्वविद्यालय खानपूर भी नेक से ग्रेडिड नहीं है। कॉलेज ओर विश्वविद्यालय की नेट से निरीक्षण का कार्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तय करता है। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कॉलेज या विश्वविद्यालय को मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए पांच या सात साल का समय देता है।

किसी भी विश्वविद्यालय को खुलते ही नेक से निरीक्षण नहीं होता क्योंकि विश्वविद्यालय को विकसित होने में कुछ समय तो लगता ही है। जब हरियाणा सरकार को निजी विश्वविद्यालय की डिग्री अमान्य करनी है तो उसने प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी ही क्यों है। बेरोजगार युवा काफी कठिनाइयों से फीस भरकर निजी व अन्य विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके डिग्री प्राप्त करते हैं और सरकार उसे अमान्य घोषित कर देती है। पढ़े लिखे बेरोजगार युवा ने सरकार से मांग की कि इस तरह की शिक्षा विरोधी नीति को जल्द वापस लिया जाए।


Source: Dainik Jagran,22.11.12

Wednesday 21 November 2012

Monday 19 November 2012

जेबीटी भर्ती में बीएड पास भी कर सकेंगे आवेदन!


दयानंद शर्मा, चंडीगढ़, Daink Jagran,19.11.12 

बीएड पास उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। अगर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश को सरकार लागू करती है तो हजारों बीएड पास अभ्यर्थी वर्तमान में निकाले गए जेबीटी के 8763 पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। वैसे इसका सीधा-सीधा नुकसान जेबीटी पास उम्मीदवारों को होगा। 

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड को आदेश दिया है कि वह बीएड पास याचिकाकर्ता उम्मीदवार को जेबीटी के लिए प्रोविजनल तौर पर योग्य माने व उसे भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने दे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने कैथल निवासी सुमन बाला व अन्य द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी। साथ ही हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को 30 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजेश बंसल ने हाई कोर्ट से मांग की कि वह हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा 8 नवंबर को निकाले गए उस विज्ञापन को रद करे जिसमें बोर्ड ने 8763 जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। बंसल ने कोर्ट को बताया कि इस भर्ती में बीएड पास उम्मीदवार को जेबीटी टीचर के लिए आवेदन करने के योग्य नहीं माना गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि हरियाणा सरकार ने 23 अगस्त 2010 को एक अधिसूचना जारी कर बीएड पास उम्मीदवार को जेबीटी टीचर के लिए योग्य माना था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वह बीएड एवं जेबीटी के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा पास कर चुका है। 

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार का यह कदम गैर कानूनी है और इस भर्ती पर रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को प्रोविजनल तौर पर जेबीटी भर्ती में भाग लेने दे।

Sunday 18 November 2012

गेस्ट टीचर 24 व 25 नवम्बर को निकालेंगे पैदल यात्रा


फतेहाबाद। अतिथि अध्यापकों को नियमित किए जाने की मांग को लेकर राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ 24 व 25 नवम्बर को पैदल यात्रा करेगा। इसके अलावा हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ व राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ के संयुक्त आह्वान पर शिक्षा विभाग में लगे कच्चे कर्मचारियों को नियमित किए जाने व अन्य मांगों को लेकर आगामी 25 नवम्बर को रोहतक में की जा रही रैली में भी अनुबंधित अध्यापक बढ़चढ़ कर भाग लेंगे। 

District-Wise Literacy Rate in Haryana


Saturday 17 November 2012

Contratual Employee Services can be Terminated with a Notice Only













शिक्षागत ढांचे में विकास की कवायद शुरू


जागरण संवाद केंद्र, गुड़गांव,16.11.12 : 
शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने तथा स्तर को सुधारने तथा ‘यूनीफॉर्म एजुकेशन सिस्टम’ के विकास के लिए सरकार निजी शिक्षण संस्थानों पर नजर रख रही है। इसके लिए सारी तैयारियां हो चुकी हैं। एक योजना के तहत पायलेट प्रोजक्ट के रूप में यह काम आठ जिलों में शुरू किया गया है। इसके तहत छह जिलों के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया है। 

प्रदेश के आठ जिलों के लिए चार कमेटियां बनाई गई हैं। यह सभी कमेटियां निजी तथा सरकारी आदि शैक्षणिक संस्थानों का इंस्पेक्शन करेंगी और स्कूलों में पायी जाने वाली बुनियादी समस्याओं का निरीक्षण कर उनपर रिपोर्ट बनाएंगी। 

जिलेवार कमेटियों की स्थिति इस प्रकार है 

गुड़गांव और फरीदाबाद : एससीईआरटी की डिप्टी डायरेक्टर ज्योति चौधरी 

भिवानी और झज्जर : एससीईआरटी की डिप्टी डायरेक्टर संतोष तवंर 

महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी : एससीईआरटी के डिप्टी डायरेक्टर सुशील बत्र 

रोहतक और सोनीपत : अजीत कादियान।

Friday 16 November 2012

निर्माण कार्यो के विरुद्ध हाईकोर्ट पहुंचे स्कूल हेड और प्रधानाचार्य


रवि हसिजा, जींद, Kaithal Jagran City, 16.11.12

सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यो और मुख्याध्यापकों ने उनसे भवन निर्माण, मरम्मत और रखरखाव का कार्य कराए जाने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घिमाणा के प्राचार्य रमेश चंद्र मलिक व राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेलरखां के प्राचार्य रघुभूषण लाल गुप्ता व अन्य की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति एजी मसीज ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके इस विषय में 16 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।

अधिवक्ता रामनिवास शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में प्रधानाचार्यो व मुख्याध्यापकों से स्कूल भवन निर्माण, मरम्मत और रख-रखाव का कार्य कराए जाने को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 व सेवा नियमों का उल्लंघन बताते हुए उनसे प्रत्यक्ष या परोक्ष, किसी भी रूप में यह कार्य न कराए जाने का आदेश जारी करने की गुहार लगाई गई है। उन्हें सौंपा गया यह कार्य वापस लिया जाना चाहिए, क्योंकि इस काम में लगे रहने की वजह से अध्यापन और निरीक्षण की जिम्मेदारी नहीं निभा पाते, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हरियाणा राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गठित प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि स्कूलों में निर्माण कार्य पीडब्ल्यूबीएंडआर द्वारा कराया जाना चाहिए या इस कार्य को करने के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय में एक अलग निर्माण शाखा होनी चाहिए या फिर यह कार्य स्थानीय समितियों को भी सौंपा जा सकता है।

Tuesday 13 November 2012

Happy-Diwali

***A very Happy Diwali to u & your beautiful family, May god give u all that u want & need in yr life & enjoy the festival with lots of light ***

Sunday 11 November 2012

प्रदेश में नए सत्र से लेक्चरर पढ़ाएंगे नौवीं-दसवीं को


अजय दीप लाठर, अंबाला , Jagran City, Kaithal, Nov.08,2012

प्रदेश में नौवीं-दसवीं कक्षा पढ़ाने का विरोध कर रहे स्कूल लेक्चरर को नए शैक्षणिक सत्र से हर हाल में इन कक्षाओं को पढ़ाना ही होगा। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए स्कूली शिक्षा निदेशालय ने कमर कस ली है। प्रदेशभर से छह शिक्षाविदें को चिन्हित कर नौवीं से बारहवीं तक का टाइम टेबल बनाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी दी गई है।

शिक्षाविदें की कमेटी में खंड शिक्षा अधिकारी हांसी देवेंद्र सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद सतनाम सिंह, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद रितू चौधरी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी अंबाला सुधीर कालड़ा के अतिरिक्त हरियाणा स्कूल एजूकेशन आफिसर्स एसोसिएशन के प्रधान महेंद्र सिंह चौहान व महासचिव प्रेम सिंह पूनिया शामिल हैं।

इन शिक्षाविदें की प्रदेशस्तरीय टाइम टेबल पर पहली बार बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में बैठक होगी। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद से शिक्षा में बदलाव का दौर शुरू हो गया था। इसके तहत सिर्फ 11वीं व 12वीं कक्षा को पढ़ाने वाले लेक्चरर के जिम्मे 9वीं व 10वीं कक्षा भी लगाई जानी थी।

हरियाणा स्कूल लेक्चर्स एसो. के विरोध की वजह से शिक्षा विभाग को इसे लागू करने में दिक्कत आ रही थी। लेकिन अब विभाग ने आगामी शैक्षणिक सत्र से नौवीं -दसवीं कक्षा अनिवार्य तौर से पढ़ाने की योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।