Pages

Monday, 18 November 2013

प्रदेश के आठ हज़ार अध्यापकों को लेक्चरर बनने का इंतजार


हिसार : छह साल से मौलिक स्कूल  है। शिक्षा विभाग के उदासीन रवैये के कारण इन अध्यापकों की प्राध्यापकों के पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस संबंध में रविवार को टाउन पार्क में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन की बैठक जिला प्रधान विरेंद्र बडाला की अध्यक्षता में हुई। 
बडाला ने बताया कि सोमवार को सेकेंडरी शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक गीता भारती, जिला शिक्षा विभाग आएंगी। इस दौरान एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर उनसे मिलेगा। इस दौरान उनके समक्ष मास्टर से लेक्चरर पद पर पदोन्नत करने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी मौलिक स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों की पदोन्नति विभाग सेवा नियमों के अनुरूप हैं लेकिन शिक्षा अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण पदोन्नति अटकी हुई है। 
बैठक में मौजूद एसोसिएशन के प्रदेश वित्त सचिव आर्य संजय ने बताया कि मास्टर वर्ग की लेक्चरर पदोन्नति वर्ष 2007 में आखिरी बार हुई थी। 
इसके बाद से अभी तक सरकारी स्कूलों में कई वर्षो से कार्यरत मास्टरों की बतौर लेक्चरर पदोन्नति नहीं हुई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बीते छह वर्षो से पदोन्नति ने होने के कारण मास्टर स्कूल प्राचार्य बनने से भी वंचित रह गए। 
20 हजार पद खाली
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठ हजार मास्टरों की पदोन्नति लंबित है। वहीं स्कूलों में विभिन्न विषयों के करीब 20 हजार लेक्चरर के पद रिक्त है। ऐसे में शिक्षा विभाग के सामने अब पदोन्नति करने के सिवाए कोई रास्ता नहीं बचा है।
इन मांगों पर की गई चर्चा
  • मौलिक स्कूल मुखिया को डीडी पावर देना। 
  • एसीपी की पावर जिलास्तर पर देना।
  • अध्यापक-छात्र अनुपात 1:35 करना।
  • हाई स्कूल मुख्याध्यापक पदों पर पदोन्नति शीघ्र हो।
  • सत्र शुरू होने पर पुस्तकें मुहैया कराना।

ये रहे मौजूद
इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रदेश उप-महासचिव राज सिंह मलिक, पूर्व जिला प्रधान रोहताश छाछिया, महासचिव विनोद मोर, राजकंवर राजथल, कृष्ण कुमार, सुरेश कुमार, शीशपाल चहल, महावीर मसूदपुर, मनोज मूंड सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।        dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.