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Thursday, 6 February 2014

पदोन्नति का तोहफा बना घाटे का सौदा

भिवानी : पदोन्नति मिली थी तो खुशी का ठिकाना नहीं था, लेकिन वेतन मिला तो पैरों तले जमीन खिसक गई। पदोन्नति का तोहफा ही घाटे का सौदा बन गया। हम बात कर रहे हैं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा हाल ही में सहायक पद से पदोन्नत किए गए 22 अधीक्षकों की। केवल ये 22 ही नहीं, बल्कि अधिकांश सरकारी विभागों में कार्यरत अधीक्षकों के साथ इस बार ऐसा ही कुछ हुआ है। 
हाल ही में सीएम की घोषणा के अनुसार सहायकों के वेतन में बढ़ोतरी कर दी गई। इस वजह से सहायकों का वेतन 49 हजार 880 रुपये हो गया है, जबकि अधीक्षकों का वेतन 48 हजार 480 ही है। इस महीने जब उन्हें वेतन सहायकों से लगभग 1500 रुपये कम मिला तो वे हैरान हो गए। लेकिन नियमों के समक्ष वे भी कुछ नहीं कर पाए। जाहिर है कि सहायकों को अधीक्षकों के अधीन कार्य करना होता है और वेतनमान अधीनस्थों का अधिक होने की स्थिति हास्यास्पद हो गई है। कमोवेश यहीं स्थिति मास्टर व प्रवक्ताओं के साथ हो गई है। वेतन विसंगति को लेकर विरोध की आवाज तेज हो गई है। 
अधिकारियों की गलत सलाह से ऐसा हुआ : 
सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित कर्मचारी यूनियन के जिला उप प्रधान एवं बोर्ड के कर्मचारी नेता ऋषि राम शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार को अधिकारियों ने गलत सलाह दे दी, जिसकी वजह से यह परिस्थिति खड़ी हो गई है।
जांच की जाएगी : 
शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. अंसज सिंह ने कहा कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। लेकिन यदि ऐसी कोई बात है तो जांच की जाएगी।                                                    dj

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