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Tuesday, 15 April 2014

फसली अवकाश में स्कूल खुले रखने पर बीईओ ने कार्रवाई के लिए लिखा पत्र

** एडमिशन की होड़ में खोलते हैं स्कूल 
** चार स्कूलों पर कार्रवाई के लिए लिखने पर उठ रहे हैं सवाल
चरखी दादरी : शिक्षा विभाग द्वारा फसली अवकाश घोषित करने के बावजूद खोले गए निजी स्कूलों पर विभाग के अधिकारी ने छुट्टियों के अंतिम दिन कार्रवाई के लिए आला अधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने सिर्फ चार स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। यहां खास बात ये भी है कि नगर व आसपास के अधिकतर निजी स्कूल छुट्टियों में खुले रहे हैं। फिर चार स्कूलों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखना संदेह के घेरे में है। सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों की निजी स्कूलों के संचालकों के साथ हमेशा सांठगांठ रहती है। इसी लिए विभाग जल्दी से इन पर कार्रवाई नहीं करता। 
शहर व आसपास गांवों में खुले निजी स्कूलों में से ज्यादातर स्कूल संचालक शिक्षा विभाग के नियमों की सरे आम धज्जियां उड़ा रहे थे। शिक्षा विभाग ने 5 से 14 अप्रैल तक सभी सरकारी व गैरसरकारी स्कूलों में फसली अवकाश घोषित किए हुए थे। बावजूद इसके कुछ निजी स्कूल संचालक शिक्षा विभाग के नियमों को दरकिनार कर स्कूल चला रहे थे। दैनिक भास्कर ने छुट्टियों के दौरान दो बार समाचार प्रकाशित कर विभाग के अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया था। इसे बाद सोमवार को विभाग के अधिकारियों की नींद खुली और उन्होंने स्कूलों का दौरा किया। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने चार स्कूलों के नाम लिखकर उच्च अधिकारियों को भेजे हैं ताकि इन स्कूलों पर विभाग कार्रवाई कर सके। 
खंड शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए थे कि 5 से 14 अप्रैल तक सरकारी व निजी स्कूलों में फसली अवकाश रहेंगे। विभाग के आदेश हमने सभी स्कूलों में भेज दिए थे। मगर इसके बाद भी कुछ स्कूल खुल रहे थे। सोमवार को खंड अधिकारी ने अपनी टीम के साथ स्कूलों का दौरा किया। इस दौरान एपीजे वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, आरईडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चरखी, एससीआर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चरखी, दादरी पब्लिक स्कूल, हीरा चौक स्कूलों पर छापा मारा है जोकि खुले मिले। इन स्कूलों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर विभाग के उच्च अधिकारियों को भेद दी है। जिस भी स्कूल ने शिक्षा विभाग से मान्यता ले रखी है उस पर विभाग के सभी नियम लागू होते हैं। अगर मान्यता लेने के बाद कोई निजी स्कूल संचालक शिक्षा विभाग के आदेशों की पालना नहीं करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। खंड शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने बताया कि विभाग के नियम तोडऩे पर विभाग निजी स्कूल की मान्यता भी रद्द कर सकता है तथा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
ऐसा क्यों 
नगर व आसपास के गांवों में स्थित स्कूलों में इन दिनों दाखिला का समय चल रहा है। इसके लिए स्कूल संचालकों ने अधिक से अधिक बच्चों का स्कूल में दाखि नगर परिषद के कार्यवाहक चेयरमैन मामनचंद ने कहा कि अनीता भिवानी की बहादुर बेटी है। इस संकट में उसने हौसला नहीं छोड़ा और पति के संग जाने का सही फैसला लेकर माता-पिता के साथ-साथ पंचायत का भी मान बढ़ाया है। अनीता के साथ भविष्य में कोई अनहोनी न तो इसके लिए भी मामनचंद ने उसे पूरी तरह से आश्वस्त किया। ३ला हो, इसके लिए स्कूल स्टॉफ की ड्यूटी लगाई हुई है। स्कूल संचालकों में एक दूसरे स्कूल को मात देने में लगे हुए हैं। इसीलिए इन छुट्टियों में भी ये स्कूल संचालक स्कूल खोलने को मजबूर हैं।
"मैंने सोमवार को खुद स्कूलों का दौरा किया फसली अवकाश के चलते मौके पर चार स्कूल खुले पाए गए है। इन स्कूलों के नाम लिखकर जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दिया है। वही इन स्कूल संचालकों पर कार्रवाई करेंगे। हमने तो शिक्षा विभाग के नियमों को तोडऩे पर इनकी मान्यता रद्द करने की सिफारिश भेजी है।"--जयप्रकाश सभ्रवाल, खंड शिक्षा अधिकारी                            db

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