चंडीगढ़ : हरियाणा की एसोसिएशन आफ एनसीटीई (अप्रूव्ड कॉलेज
ट्रस्ट) की याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार,
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्र सरकार के अलावा प्रदेश के तीन
विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है। याचिका पर अगली सुनवाई 2 अगस्त को
होगी।
एसोसिएशन की याचिका में हरियाणा के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों,
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय और महर्षि दयानंद
विश्वविद्यालय रोहतक पर बीएड की पढ़ाई में नियमों की अवहेलना करने और
विद्यार्थियों से डेवलपमेंट फंड के नाम में अवैध वसूली करने का आरोप लगाया
गया है। याची की ओर से पेश एडवोकेट पंकज मैनी का कहना है कि उक्त तीनों
विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से विपरीत
है। तीनों विश्वविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से डेवलपमेंट फंड,
स्पोर्टस, यूथ वेलफेयर, एलिजिबिलिटी आदि के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं।
ये स्ववित्त पोषित संस्थानों की फीस के अलावा हैं। इसके अलावा तीनों
विश्वविद्यालय बीएड की परीक्षा में एनसीटीई द्वारा लागू नियमों का भी
उल्लंघन कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि एनसीटीई द्वारा जारी
डायरेक्शन के अनुसार बीएड का दो वर्षीय कोर्स या चार सेमेस्टर में परीक्षा
कराया जाना तय किया गया है वहीं उक्त तीनों विश्वविद्यालय वार्षिक परीक्षा
की पद्धति ही अपना रहे हैं। dj
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