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Sunday, 5 March 2017

बोर्ड सचिव की अफसरों कर्मचारियों को दो टूक- परीक्षा तक भूल जाओ रिश्तेदार

** कहा- ड्यूटी में थाेड़ी से भी लापरवाही दिखी तो तुरंत प्रभाव से की जाएगी कार्रवाई
भिवानी : सातमार्च से आरंभ होने वाली सेकंडरी, सीनियर सेकंडरी, शैक्षिक, स्वयंपाठी मुक्त विद्यालय परीक्षा जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक आपमें से कोई ना तो किसी रिश्तेदार का जानता है और ना ही किसी की बात मानेगा। 

अगर किसी भी परीक्षा केंद्र पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी में थाेड़ी से भी लापरवाही दिखी तो उसके खिलाफ तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। मैं सारे नियम अच्छी प्रकार जानता हूं इसलिए जिन कर्मचारी और अधिकारियों का रवैया ढीला है वो उसे अभी से ठीक करले तो बेहतर होगा। यह बात हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव अनिल नागर ने जिले के परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी देने वाले बोर्ड कर्मचारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। 
बोर्ड सचिव ने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी किसी किसी संगठन के साथ जुड़ा हुआ है और परीक्षा के दौरान कोई भी कर्मचारी लापरवाही करते हुए दिखा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और उसके बाद कोई भी संगठन चाहे धरना दे या फिर प्रदर्शन करें जो कार्रवाई होगी उसे वापस नहीं लिया जाएगा। 
परीक्षार्थियोंके रिश्तेदार ढूंढते हैं जुगाड़ 
परीक्षादेने वाले परीक्षार्थी के के साथ एक दो युवक अवश्य साथ आते हैं ताकि उन्हें नकल की पर्ची पकड़ा सके। पेपर शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र में यह पता किया जाता है कि ड्यूटी पर कौन कौन तैनात है और फिर वह किस की बात मान सकता है जिससे उनके बच्चे को पर्ची करते हुए किसी प्रकार की परेशानी ना हो। अक्सर देखने में आता है कि जब कोई परिचित व्यक्ति साथ आता है तो शर्म में परीक्षा केंद्र पर तैनात अधिकारी या कर्मचारी बोल देता है कि आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद पर्ची पकड़ाने तथा फेंकने का सिलसिला शुरू होता है। सूत्रों की माने तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बात का ध्यान रखा जाए कि एक भी परीक्षार्थी नकल से नहीं बल्कि अपनी अकल से पास हो। 
पिछलेसाल दावे हुए थे फुर्र 
पिछलेसाल हुई सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी परीक्षाओं में सेमेस्टर सिस्टम लागू था तो विद्यार्थियों की संख्या कम थी इस बार सेमेस्टर सिस्टम को हटा दिया गया है इसलिए अब परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि परीक्षा को नकल रहित बनाने के लिए बोर्ड प्रशासन कितना सख्त रवैया अपनाएगा। 
पिछले साल भी जब परीक्षा शुरू हुई थी तो बोर्ड अधिकारियों की तरफ नकल रहित परीक्षा करवाने के दावे किए गए थे। जिस समय परीक्षा शुरू हुई तो नजारा बदल गया। जितने परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में पेपर दे रहे थे उससे दो गुणा परीक्षा केंद्रों पर नकल पकड़ाने के लिए तैनात थे। 

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