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Sunday, 2 April 2017

सरकारी स्कूलों में बनेगी विद्यार्थियों की स्किल पास बुक, दर्ज होगा हर ब्यौरा

** स्कूलों में दाखिले को इनवीटेशन कार्ड के साथ घर घर जाएंगे शिक्षक 
** हर शनिवार को होगी जॉयफुल एक्टिविटी, बनाए जाएंगे क्विज क्लब
** मासिक टेस्ट के बजाय पांच परीक्षाएं होंगी
रोहतक : नए शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई रोमांचक अंदाज में होगी। विद्यार्थियों को खेल-खेल में शिक्षित करने के लिए स्कूलों में कई एक्टिविटी की जाएंगी। इसके लिए अब 45 दिन का कैचअप प्रोग्राम शुरू किया गया है। यही नहीं इस बार विद्यार्थियों के मासिक सेमेस्टर एग्जाम नहीं होंगे। छमाही वार्षिक परीक्षा के अलावा पांच टेस्ट होंगे। इनके स्तर पर विद्यार्थियों का ज्ञान परखा जाएगा। 
शिक्षा विभाग नए सत्र में बड़ा कदम उठाने का प्रयास कर रहा है। विद्यार्थियों को खेल-खेल में पाठ सिखाने के लिए प्रदेश के स्कूलों में विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी। इसमें क्विज बड़ा कदम होगा। शिक्षक ने एक सप्ताह में क्या सिखाया उसका रिव्यू मूल्यांकन सप्ताह के अंत में क्विज के जरिए होगा। इसके लिए क्विज क्लब बनाए जाएंगे। स्कूलों में विद्यार्थियों की स्किल पासबुक भी बनाई जाएंगी। इसमें पूरे वीक का शेड्यूल दर्ज रहेगा। इसके अलावा मासिक टेस्ट के बजाय पांच परीक्षाएं होंगी। ये छमाही वार्षिक परीक्षा से अलग होंगी। इन परीक्षाओं के जरिए विद्यार्थियों को सिखाए गए पाठ्यक्रम को परखा जाएगा। इस काम को बेहतर ढंग से करने के लिए विद्यालय हेड की हर महीने ब्लॉक स्तर पर बैठक की जाएगी। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा। प्रवेश उत्सव के तहत शिक्षक घर-घर जाएंगे। इस दौरान अभिभावकों को बच्चों स्कूल की उपलब्धियां, सुविधाओं वाले कार्ड दिए जाएंगे। इसके लिए स्थानीय स्तर पर इनवीटेशन कार्ड तैयार किए जाएंगे। 
नए सत्र में दाखिला बढ़ाने का होगा प्रयास: फूलिया 
"नएसत्र में शिक्षा के सुधार को लेकर बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें क्विज क्लब बनाकर क्विज कराना, मासिक टेस्ट के बजाय पांच परीक्षा कराना मुख्य है। स्कूलों में दाखिले बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा। इसके लिए प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है।"-- एसएसफूलिया, डायरेक्टर सेकेंडरी स्कूल एजुकेशन। 
जॉयफुल लर्निंग पर जोर 
"स्कूलों में स्किल पास बुक तैयार की जाएगी। इस 45 दिवसीय कैचअप प्रोग्राम के तहत जॉयफुल लर्निंग पर जोर दिया जाएगा। मंथली टेस्ट के बजाय पांच परीक्षाएं होंगी। शिक्षा के स्तर में सुधार लाया जाएगा"-- किरणमयी, डायरेक्टर, एससीआरटी। 

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