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Sunday, 25 June 2017

कड़वी सच्चाई : स्कूली बैग में बढ़ते बोझ का कारण खुद सीबीएसई

** राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने तैयार की रिपोर्ट
** बोर्ड ने किया शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन
नई दिल्ली : आठवीं कक्षा तक के स्कूली बच्चों के बैग पर बोझ को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) समय-समय पर नोटिफिकेशन भी जारी करता है। महीनों की मशक्कत के बाद भी कोई विशेष समाधान नहीं निकल पाता। इस वर्ष भी ऐसा न हो, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसकी जांच शुरू कर दी है। तमाम कोशिशों के बाद स्कूली छात्रों के बैग का बोझ कम क्यों नहीं हो रहा है। बाल आयोग ने कंसलटेंट और कई शिक्षा के अधिकार अधिनियम विशेषज्ञों संग इन कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है। 
शुरुआती जांच में आयोग ने पाया कि सीबीएसई प्राथमिक शिक्षा के स्कूलों को पाठ्यक्रम के बारे में नहीं बता रहा है। जिस कारण स्कूल निजी पब्लिकेशन की किताबें पढ़ा रहे हैं। इस मामले में सीबीएसई से भी जवाब-तलब किया गया है। शिक्षा मामलों को देख रहे बाल आयोग सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा कि मामले पर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसकी जानकारी शिक्षा मंत्रलय समेत महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के साथ साझा की जाएगी।

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