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Thursday, 12 October 2017

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पानी और शौचालय क्यों नहीं

** हाई कोर्ट ने सरकार और कैथल डीईओ से किया जवाब तलब
** कैथल के बालू स्कूल के बच्चों की याचिका पर मांगी जानकारी
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्कूली बच्चों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के जस्टिस आरके जैन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार घर-घर शौचालय की बात करती है, लेकिन बच्चों को स्कूल में पानी व शौचालय की सुविधा क्यों नहीं दे पा रही। 
कैथल जिले के गांव बालू के स्कूल कक्षा छठी से दसवीं तक के सात छात्रों अमरजीत, अभिषेक, सौरभ, अजय, मंदीप, सावन और विकास ने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्कूल की दयनीय स्थिति के बारे में बताया। याचियों ने हाई कोर्ट को बताया कि कई साल से स्कूल की इमारत कंडम घोषित है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। स्कूल के 45 से अधिक बच्चों ने मौलिक शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर बताया था कि स्कूल में पीने के पानी और शौचालय की भी समूचित व्यवस्था नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। बच्चों की याचिका पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि वो हलफनामा दायर कर यह बताए कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के कितने पद खाली हैं और कितने स्कूलों में लड़के व लड़कियों के लिए पीने के पानी व शौचालय की समूचित व्यवस्था है?1कोर्ट ने कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी व बालू स्कूल के प्रिंसिपल को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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