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Sunday, 8 October 2017

स्कूल-कॉलेजों की पेटियों में शिकायतों की जगह जंग

** पहले लगाई शिकायत पेटियों को नहीं किया जा रहा चेक, स्कूल, कॉलेज प्रिंसिपल के पास नहीं पेटी संबंधी कोई सूचना
कैथल : स्कूल, कॉलेजों में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। छेड़छाड़ और शारीरिक शोषण संबंधी शिकायतों के लिए शिक्षण संस्थानों में शिकायत बॉक्स लगाए गए थे। इन बॉक्स का महत्व अब दीवारों पर टंगे डब्बों से ज्यादा कुछ नहीं है। लड़कियों महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की संजीदगी की सच्चाई ये शिकायत बॉक्स खुद बयां कर रहे हैं। 
शोषण की घटनाएं बढ़ जाने के बाद कई वर्ष पूर्व ये शिकायत बॉक्स लगाए गए थे। इन बॉक्स की चाबी और जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की थी, जिनको एक तय समय पर इनकी शिकायत बॉक्स की जांच करनी थी। जमीनी हकीकत ये नहीं है। ये शिकायत बॉक्स कभी भी लड़कियों और महिलाओं के लिए सुरक्षा पाने और शिकायत करने का अतिरिक्त विकल्प का काम नहीं कर सके। संस्थानों में लगे इन शिकायत बॉक्सों के अंदर दीमक और जाले लग चुके हैं, जो इनकी हालत और इनके महत्व को बयान करने के लिए काफी हैं। अंतिम बार इनकी जांच कब हुई थी इसकी जानकारी किसी को नहीं।आइजी कन्या महाविद्यालय में लटकाई गई शिकायत पेटी, जिस पर जाले लगे हैं
"शिकायत बॉक्स की जांच का जिम्मा उनके पास ही है। अंतिम बार चार पांच महीने पहले जांच की गई थी। अब उनकी कोशिश रहेगी की हर महीने इन बॉक्स की जांच की जाए और छात्रओं को इनके बारे में जागरूक भी किया जाए। जल्द ही इन बॉक्स की चेकिंग की जाएगी।"-- निर्मला देवी, एसएचओ, महिला थाना कैथल।
शिकायत बॉक्स लगा है इसकी सूचना तो दी जानी चाहिए 
स्कूल, कॉलेजों में ये शिकायत बॉक्स लगाने, इनकी जांच कब और कौन करेगा इसकी कोई जानकारी संस्थान को मुखिया को नहीं दी गई है। मुखियाओं का कहना है कि वह न तो इसको उतार सकते हैं और न ही इसका कोई महत्व है। अब स्वास्थ्य विभाग ने लिंगानुपात संबंधी एक शिकायत बॉक्स और सभी संस्थानों में लगा दिया है। यह कब लगा है और किसकी परमिशन से लगा है यह किसी को नहीं पता।शिकायत नहीं मिली, इसलिए जांच भी नहीं होती 
संस्थानों में लगे इन शिकायत बॉक्स की शुरुआत में जांच जरूर की गई थी, लेकिन शिकायतें नहीं मिल पाने के कारण पुलिस प्रशासन का रवैया नरम पड़ गया। पुलिस प्रशासन खुद कई महीनों से जांच नहीं करने की बात कबूल कर रहा है। जबकि पुलिस प्रशासन को भी पता है कि शिक्षण संस्थानों के अंदर और बाहर अब भी छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं।
प्रिंसिपल को नहीं जानकारी 
इंदिरा गांधी महिला कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ.साधना ठुकराल ने बताया कि कॉलेज में कब शिकायत पेटी लगी, कब इसकी जांच हुई, अंतिम बार इसको कब खोला गया था इसकी उनके पास कोई जानकारी नहीं है। शिकायत पेटी लगी है यह जरूर मालूम है, इसके अलावा उनके पास इससे संबंधी कोई सूचना नहीं है। शिकायत पेटी के बारे में किसी स्टाफ सदस्य को भी मालूम नहीं था।कब जांच करते हैं नहीं मालूम 
जाट डिग्री कॉलेज के ¨प्रसिपल डॉ. दिनेश सिंह ने बताया कि शिकायत बॉक्स की चाबी पुलिस वालों के पास है। वे कब जांच करके जाते हैं इसकी कोई जानकारी उनके पास नहीं है। बस उनको इतना मालूम है अभी तक शिकायत संबंधी कोई सूचना पुलिस प्रशासन की तरफ से कॉलेज प्रशासन को नहीं दी गई है। अगर कोई शिकायत आती है तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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