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Thursday 24 January 2013

60 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों की कमी


अदालती फैसले के बाद भी जेबीटी का भविष्य अनिश्चित


एच टेट के प्रश्न-पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं ऑनलाइन


3206 शिक्षकों पर संकट गहराया


बीकॉम व बीए प्रथम वर्ष रि-अपीयर का परीक्षा परिणाम घोषित

बीटैक के रद्द किए गए पेपरों की तिथि घोषित

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय बीटैक के रद्द किए गए पेपरों की तिथि घोषित कर दी गई है। जनसंपर्क अधिकारी दविंदर सचदेवा ने बताया कि बीटेक सातवें सेमेस्टर ईसीई-415 ई तथा तृतीय सेमेस्टर का पेपर ईसीई 203 ई अनलोग कम्युनिकेशन की जो परीक्षा 9 जनवरी तथा 10 जनवरी 2013 को हुई थी वह रद्द कर दी गई है। यह परीक्षा अब 28 जनवरी को बीटेक सातवें सेमेस्टर का पेपर ईसीई 415 ई माइक्रो कंट्रोल तथा 29 जनवरी 2013 को बी.टैक तृतीय सेमेस्टर पेपर ईसीई 203 ई अनलोग कम्युनिकेशन की होगी।

Wednesday 23 January 2013

अब चौटाला द्वारा भर्ती शिक्षकों पर अदालत की गाज गिर सकती है

हरियाणा में जे.बी.टी शिक्षक घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे सहित 55 आरोपियों को सजा देने के बाद अब अदालत की गाज शिक्षकों पर गिर सकती है। दरअसल, अदालत ने कहा है कि जिन लोगों ने गलत तरीके से नौकरी ली है, उन्हें नौकरी में रहने का हक नहीं है।
अदालत को इस बात की जानकारी है कि अयोग्य उम्मीदवारों को 17 या इससे अधिक अंक दिए गए,  यानी कि इन उम्मीदवारों ने चयन के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया। साथ ही अदालत ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए गलत तरीके से नौकरी पाने वाले अध्यापकों को भी साजिशकर्ता मानते हुए कहा है कि ऐसे शिक्षकों को नौकरी में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
अदालत का यह भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में पेश सूचियों के अनुरूप जिला स्तर पर चयन सूचियां बनाई जाए और जहां पर सुप्रीम कोर्ट की सूचियां उपलब्ध नहीं हैं , वहां पर शैक्षिक योग्यता या नए सिरे से साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाए। अदालत ने सीबीआई को इस मामले की गहराई से जांच करने को भी कहा है।

Tuesday 22 January 2013

जेबीटी घोटाले में चौटाला पिता-पुत्र समेत नौ को 10-10 साल जेल की हुई सजा

*सीबीआइ अदालत ने एक दोषी को पांच वर्ष व शेष 45 दोषियों को चार साल की सजा सुनाई
*रोहिणी कोर्ट के बाहर समर्थकों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठी चार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़े
*अस्पताल में भर्ती होने के कारण सजा सुनाए जाते समय कोर्ट में मौजूद नहीं थे चौटाला

हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में रोहिणी जिला अदालत स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश सिंह चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला, दो आइएएस अधिकारियों संजीव कुमार, विद्याधर, विधायक शेर सिंह बड़शामी सहित नौ दोषियों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। एक दोषी पुष्कर वर्मा को पांच साल व अन्य 45 दोषियों को चार साल की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने से नाराज ओमप्रकाश चौटाला के समर्थकों ने रोहिणी कोर्ट के पास जमकर हंगामा किया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। जीबी पंत अस्पताल में भर्ती होने के कारण सजा सुनाए जाते वक्त ओम प्रकाश चौटाला कोर्ट में मौजूद नहीं थे।
मंगलवार को सुबह से ही रोहिणी कोर्ट के बाहर समर्थकों की भीड़ लग गई। जैसे-जैसे फैसले का वक्त नजदीक आ रहा था समर्थकों का उबाल बढ़ रहा था। समर्थक अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और पुलिस पर पथराव व हंगामा शुरू कर दिया। समर्थकों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार सीबीआइ का दुरुपयोग कर रही है। समर्थकों के पथराव के कारण पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में करीब 10 राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ हटाने के लिए लाठी चार्ज किया। मौके पर अब भी तनाव बना हुआ है। वर्ष 1999-2000 में हुए 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती घोटाले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने विगत 16 जनवरी को ओमप्रकाश चौटाला सहित 55 आरोपियों को दोषी ठहराया था। उनकी सजा पर सुनवाई के बाद फैसले के लिए 22 जनवरी की तिथि तय की गई थी। 
नौ लोगों को दस साल की सजा : पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, विधायक अजय सिंह चौटाला, आइएएस विद्याधर, संजीव कुमार, शेर सिंह बड़शामी, मदन लाल कालरा, दुर्गा दत्त प्रधान, बानी सिंह व दया सैनी को दस साल की सजा हुई। 
एक को पांच साल की सजा : पुष्कर मल वर्मा को पांच साल की सजा हुई।
अन्य 45 को चार साल की सजा : प्रेम बहल, शशि मल्होत्रा, कृष्णा गुप्ता, ब्रह्मा नंद, विनोद कुमारी, मामन चांद, सावन लाल, कांता शर्मा, फूल खुराना, हरबंस लाल, राम सरन कुकरेजा, चांद सिंह वर्मा, योगेश कुमार शर्मा, अभिलाष कौर, शेर सिंह, अनार सिंह, कैलाश कौशिक, अजीत सिंह सांगवान, राम कौर, महावीर सिंह लाथर, नारायण सिंह रुहिल, कृष्णा लाल नारंग, उषा रानी, वीर भान मेहता, दिलबाग सिंह, राम कुमार, राम सिंह, शीश पाल सिंह, रेखा शर्मा, रक्षा जिंदल, जीत राम छोकर, निर्मला देवी, अमर सिंह, सुधा सचदेवा, दर्शन दयाल, सरोज शर्मा, तुलसी राम बागरा, ओम प्रकाश तिवारी, बिहारी लाल, राजेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, राजेंद्र पाल सिंह, सरवन कुमार चावला, उर्मिला शर्मा व जोगिंदर लाल को चार साल की सजा सुनाई गई।

हरियाणा में बिना मुखिया के चल रहे हैं 11285 स्कूल

चंडीगढ़, 21 जनवरी। हरियाणा सरकार के शिक्षा में सुधार के दावों की जमीनी हकीकत यह है कि आज भी प्रदेश के 11285 स्कूल बिना मुखिया के चल रहे हैं। स्थिति यह है कि लगभग 4500 प्राइमरी स्कूलों में हैड टीचर के पद रिक्त पड़े हैं। इतना ही नहीं, पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई कराने वाले विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के भी 28 हजार 327 पद खाली हैं।
स्कूलों में सुविधाएं देने में प्रदेश की हुड्डा सरकार ने भले ही दूसरे राज्यों से बाजी मार ली है किंतु पढ़ाई का स्तर पिछले वर्षों के मुकाबले चालू सत्र में गिरा है। शिक्षा के स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे करने वाली प्रथम संस्था की वर्ष 2012 की ‘असर’ नामक रिपोर्ट में भी साफ कर दिया है कि सरकार के प्रयासों का असर पढ़ाई पर नहीं पड़ा है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नियमित भर्ती करने के आदेश प्रदेश सरकार को दिए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया समय भी फरवरी माह के दौरान पूरा हो जाएगा। सरकार ने प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन किया हुआ है और विभिन्न पदों के लिए बोर्ड की ओर से प्रक्रिया भी शुरू की गई है किंतु अभी तक कोई परिणाम देखने में नहीं आए हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो प्रदेश में जेबीटी शिक्षकों के कुल 41815 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 28710 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 13105 पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं। इसी तरह से सी. एंड वी. (हिंदी, पंजाबी, ड्राइंग, संस्कृत आदि) मास्टरों के 21622 स्वीकृत पदों में से 17558 पर शिक्षक काम कर रहे हैं जबकि 4064 पद रिक्त हैं। मास्टरों के कुल 25889 स्वीकृत पदों में से 7301 पद लम्बे समय से खाली चल रहे हैं।
इन पदों के विरुद्ध 18588 पदों पर मास्टर कार्यरत हैं। स्कूल प्राध्यापकों (लेक्चरर) के लिए प्रदेश के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 12850 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 8723 भरे हुए हैं जबकि 3857 काफी समय से खाली हैं।
स्कूलों के मुखिया की बात करें तो प्रदेश में संचालित 1622 हाई स्कूलों में से 900 स्कूल बिना हैड मास्टर के चल रहे हैं। सवा सात सौ के करीब ही स्कूलों में हैड मास्टर लगे हुए हैं, बाकी स्कूलों का कार्यभार वरिष्ठ मास्टरों को सौंपा गया है। इसी तरह से प्रिंसिपल के कुल 1605 पदों में से 337 रिक्त हैं जबकि 1268 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल लगे हुए हैं। पूर्व तक सरकार में मिडिल हैड का कोई पद नहीं था। विभाग की ओर से 5548 मिडिल हैड के पद सृजित किए गए हैं किंतु अभी तक सभी बिना मुखिया के चल रहे हैं। प्रदेशभर में कुल प्राइमरी स्कूलों की संख्या 9434 हैं, जिनमें से लगभग 4500 स्कूल बिना हैड टीचर के चल रहे हैं।
पदोन्नति हुई पर नियुक्ति नहीं विगत दिवस ही प्रदेश सरकार ने 2120 मास्टरों को पदोन्नत कर एलीमेंटरी मिडिल हैड बनाया है किंतु इनकी नियुक्ति में भी अभी लम्बा समय लगेगा। मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से इनकी पोस्टिंग के लिए काउंसङ्क्षलग शुरू की जाएगी और फिर इन्हें स्टेशन अलॉट होंगे। खास बात यह भी है कि 2120 मास्टरों के पदोन्नत होने के बाद प्रदेश में मास्टरों की संख्या 2120 और घट जाएगी। ऐसे में कुल खाली पदों की संख्या भी 7301 से बढ़कर 9421 हो जाएगी।

Monday 21 January 2013

2120 अध्यापकों को एलीमेंट्री मिडिल हेड के पद पर तरक्की मिली

हरियाणा सरकार ने मौलिक शिक्षा विभाग के 2120 अध्यापकों को एलीमेंट्री मिडिल हेड के पद पर पदोन्नत कर दिया है। इन अध्यापकों को अब पे स्केल 9300-34800 जमा 4800 ग्रेड दिया जाएगा। इनमें मास्टर कैडर के 1757, सी एंड वी हिंदी कैडर के 162, सी एंड वी पंजाबी कैडर के 26 और सी एंड वी संस्कृत कैडर के 175 अध्यापक शामिल हैं। विभाग को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि निर्धारित पदों की तुलना में यह संख्या आधी से भी कम है। 
शिक्षा विभाग की ओर से नए सत्र से शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया जा रहा है। इसको लेकर मिडल हेड के साढ़े पांच हजार से अधिक पद सर्जित किए थे। विभाग की ओर से जारी इस लिस्ट में 3262 वरिष्ठता क्रमांक वाले अध्यापकों को स्थान दिया गया है। हालांकि इन अध्यापकों को नियुक्ति के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे।

Sunday 20 January 2013

Promotion Orders To The Post Of Elementary Middle Heads(Posting Orders Will Be Issued Later on)

     Click Below To Download:--    
          Promotion Orders To The Post Of  Elementary Middle Heads

                                                                          

Total                    :  2120
Masters/Mistress :  1757
C&V Hindi          :  175
C&V Pb.             :  26
C&V Hindi          :  162

बदले जाएंगे एच टेट के सेंटर!

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अप्रैल में अध्यापक पात्रता परीक्षा(एच टेट) कराने की तैयारी कर रहा है। इस बार बोर्ड एच टेट के सेंटरों में फेरबदल सकता है। इसके तहत गुडग़ांव की जगह राजधानी दिल्ली में परीक्षा सेंटर बनाए जा सकते हैं। हालांकि अभी तक परीक्षा सेंटरों को फाइनल नहीं किया गया है। इसके अलावा परीक्षा तिथि पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। 
शिक्षा बोर्ड ने नवंबर 2011 में कराई एच टेट में प्रदेश के 16 जिलों में लगभग 400 सेंटर बनाए थे। इन परीक्षा केंद्रों 4 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। इस दफा बोर्ड पिछली बार बनाए गए परीक्षा केंद्रों में से कुछ केंद्रों को हटाकर उसकी जगह नए सेंटरों को जोड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक एक तो बोर्ड को गुडग़ांव सेंटर बनाने में दिक्कत भी आ रही हैं और दूसरी नई दिल्ली में सेंटर बनने से परीक्षार्थियों को काफी सुविधा होगी। क्योंकि प्रदेश के हर हिस्से से गुडग़ांव की बजाय दिल्ली के लिए ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी बढिय़ा है। इसके अलावा अन्य राज्यों के परीक्षार्थी भी दिल्ली आसानी से आ सकते हैं। 
परीक्षा तिथि में भी हो सकता है बदलाव 
शिक्षा बोर्ड ने यह तो लगभग तय कर लिया है कि एच टेट अप्रैल में होगी। मगर किस तिथि को, इस बारे में अभी भी संशय बना हुआ है। वैसे बोर्ड 13 व 14 अप्रैल को यह परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है, लेकिन इस तिथि को फाइनल करने में बोर्ड को एक दिक्कत आ रही है। दिक्कत यह है कि 14 अप्रैल को एनडीए और सीआरपीएफ की परीक्षा है और इस दिन चंडीगढ़ में सेंटर नहीं बन सकेंगे। 
"परीक्षा के बारे में अभी तक कोई फाइनल प्लानिंग नहीं हुई है। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।" -एचएल पुरूथी, कंसलटेंट, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

Saturday 19 January 2013

जेबीटी घोटाला: प्राथमिक शिक्षक संघ ने बैठक कर शिक्षकों को मदद का आश्वासन दिया

*शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपियों को दोषी ठहराने से जहां सियासी पारा बढ़ गया है, वहीं शिक्षकों पर भी तलवार लटक रही है।
*शिक्षक संघ उतरा सर्मथन में
जेबीटी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला व अन्य को दोषी करार देने के बाद शिक्षकों पर तलवार लटक गई है। मामले पर अब 22 को आने वाले फैसले पर नजर रखी जा रही है। दूसरी तरफ प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षकों के पक्ष में उतर आया है। 
मदद का आश्वासन 
इस मुद्दे पर संघ आपात बैठक बुलाकर मंथन में जुटा हुआ है। नेताओं का कहना है कि इस मामले में शिक्षकों का कसूर नहीं है, वह शिक्षकों के साथ है। राज्य के शिक्षक नेताओं ने एसोसिएशन की ओर से इन शिक्षकों की पूरी मदद करने का आश्वासन भी दे दिया है।
खुशियों पर लगा ग्रहण 
राज्य के शिक्षा विभाग में वर्ष 2000 में लगे प्राथमिक शिक्षकों से विभाग ने प्रमोशन केस मांगे गए हैं, अब जब पदोन्नति का नंबर आया तो बिजली आ गिरी है, जिसके कारण इसकी खुश्ी मना रहे शिक्षकों की खुशी गायब हो गई है। 
पदोन्नति लाभ नहीं मिला 
इनेलो सुप्रीमो और बड़े-बडे दिग्गजों की गिरफ्तारी कुल मिलाकर 55 लोगों के अंदर होने के बाद से ही शिक्षकों में चिंता और भय दोनों ही देखे जा रहे हैं। 
इन शिक्षकों की किस्मत पर शुरुआत से ही संकट के बादल रहे हैं, क्योंकि प्रमोशन सहित अन्य विभागीय लाभ तक इन लोगों को नहीं मिले।ं इनके बाद में अर्थात 2004 और 2006 में भर्ती जेबीटी अध्यापकों को लाभ मिल रहा है। 
प्रमोशन और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर इन अध्यापकों ने दो साल पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सितंबर 2012 में निर्देश दिए थे कि चार महीनों के अंदर सभी लाभ दिए जाएं। इसी 27 जनवरी को यह अवधि पूर्ण होने जा रही है। मामले में 3000 हजार जेबीटी का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। अंबाला। भाजपा विधायक दल नेता व अंबाला छावनी के विधायक अनिल विज ने कहा कि अगर इनेलो सुप्रीमों जेबीटी टीचर भर्ती में अपने चहेतों को लाभ देने के दोषी हैं,तो फिर वर्तमान सरकार के समय हुई भर्तियों की जांच की जानी चाहिए और आरोपियों को जेल भेजा जाना चाहिए। विज ने अंबाला छावनी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हरिभूमि संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा नौकरियों में सबसे खराब रिकॉर्ड कांग्रेस सरकारों का रहा है। जिसकी जांच होनी चाहिए।


सीबीआइ पर लगाया था रिश्वत का आरोप

जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच एजेंसी सीबीआइ पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाना भी आइएएस अधिकारी संजीव कुमार के काम नहीं आया। संजीव कुमार ने सीबीआइ की विशेष अदालत में आरोप लगाया था कि उन्हें सरकारी गवाह बनाने की एवज में सीबीआइ के कुछ अधिकारियों ने रिश्वत की मांग की थी। मांग पूरी नहीं होने पर उनको न केवल फंसा दिया गया, बल्कि जांच में दोषी भी करार दिया गया है। 
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने वाले आइएएस संजीव कुमार ने सीबीआइ कोर्ट से सवाल पूछा था कि वह ही इस मामले का खुलासा करने वाले हैं और उन्हें ही मामले में फंसा दिया गया है। विशेष अदालत में अपने खुद के सवाल का जवाब देते हुए संजीव कुमार ने कहा था कि सीबीआइ के कुछ अधिकारियों ने जांच के दौरान उनसे रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने आप्शन दिया था कि यदि रिश्वत की पेशकश को पूरा कर दिया जाए तो वे संजीव कुमार को सरकारी गवाह बनाकर राहत प्रदान कर सकते हैं। एफआइआर में उनका नाम भी नहीं था। इसके बावजूद उन्हें सीबीआइ के कुछ अधिकारियों ने अपनी मंशा पूरी नहीं होने के कारण फंसा दिया। संजीव कुमार ने सीबीआइ की कोर्ट में खुद को एक विक्टिम (प्रभावित) की तरह पेश किया था और खुद को व्हिसल ब्लोअर (अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने वाला) बताया था। उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए कहा था कि एफआइआर में भी उनका नाम नहीं है। सीबीआइ ने बाद में कुछ राजनेताओं से सांठगांठ कर उन्हें भी फंसा दिया है। 
सीबीआइ के विशेष जज विनोद कुमार ने अपने फैसले में कहा है कि एफआइआर में किसी का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि वह आरोपी या दोषी नहीं है। यह जांच का विषय है। जांच के बाद पता चलता है कि कौन दोषी है या कौन नहीं है। एफआइआर को एवीडेंस मानकर नहीं चला जा सकता। सीबीआइ की कोर्ट ने सीबीआइ की जांच को न केवल फेयर बताया है बल्कि राजनीति से ऊपर भी करार दिया है। सीबीआइ की कोर्ट ने कहा है कि यह जांच दुर्भावना से प्रेरित नहीं है।

इंटरव्यू ठीक तो काहे की फिक्र

प्रदेश में हो रही सरकारी भर्तियों में शैक्षणिक योग्यताओं व लिखित परीक्षा को दरकिनार करते हुए केवल साक्षात्कार को ही महत्व दिया जा रहा है। जिस आवेदक को साक्षात्कार में ज्यादा अंक मिले, उसका सलेक्शन पक्का है, चाहे उसने 10वीं से एमए तृतीय श्रेणी में ही पास क्यों न कर रखी हो।
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने स्कूल लेक्चरर की भर्ती में जो मापदंड अपनाए हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। जींद के पुलिस कालोनी निवासी विकास ने सूचना के अधिकार के तहत एचपीएससी से स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा (विज्ञापन संख्या 3/2009) के बारे में सूचना मांगी थी। कमीशन ने पत्र क्रमांक 17433 के तहत आवेदक को जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक भर्ती में 25 नंबर पात्रता, पांच नंबर एम.फिल, पांच नंबर पीएचडी और पांच नंबर अन्य योग्यताओं को दिए गए हैं। साक्षात्कार को सर्वाधिक महत्व दिया गया है, जिसके लिए 60 अंक निर्धारित किए गए। यहां यह सोचने वाली बात है कि जो 25 नंबर पात्रता के दिए गए हैं, वह उन सभी को मिलेंगे, जिन्हें कम या ज्यादा नंबरों से पात्रता पास कर रखी है। इसी प्रकार से एम.फिल व पीएचडी धारक बहुत कम मिलते हैं और अन्य योग्यताओं जिनमें एनसीसी बी, सी सर्टिफिकेट, एम.ए में 75 प्रतिशत से ज्यादा, खेलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट पर पर पांच नंबर देने की बात कही गई है। ये योग्यताएं भी बहुत कम लोगों के पास होती हैं। 60 अंक साक्षात्कार के हैं, जबकि शैक्षणिक योग्यता व लिखित परीक्षा को कोई अंक नहीं दिया गया है। यदि कोई आवेदक दसवीं से एम.ए तक तृतीय श्रेणी में पास है तो उसे आसानी से पिछली दरवाजे से साक्षात्कार में अधिक नंबर देकर स्कूल लेक्चरर बनाया जा सकता है।
कोर्ट का लेंगे सहारा : स्कूल लेक्चरर भर्ती में चयन से वंचित रहे आवेदकों ने अब भर्ती में निर्धारित मापदंडों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती देने का मन बना लिया है।

Thursday 17 January 2013

हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में फर्जी सूची बनी

सीबीआई ने टीचर भर्ती घोटाले में चार साल तक की जांच के बाद यह साबित कर दिया कि टीचरों की भर्ती के इंटरव्यू की बदली गई दूसरी सूची दिल्ली में हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के एक गेस्ट हाउस में बनाई गई। इसके लिए हरियाणा के 18 जिलों की जिला चयन समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों को बुलाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी की मौजदूगी में प्राथमिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक के निर्देश पर यह दूसरी सूची तैयार की गई। मुख्यमंत्री के आदेश पर हेराफेरी कर बनाई गई दूसरी सूची पर दस्तखत करने वाले इन्हीं लोगों ने पहली असली सूची बनाई थी। 
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी तो बाहर मीडिया और इनेलो समर्थकों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। फैसला आने के बाद इनेलो समर्थकों में रोष था। 
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा नहीं है, जेबीटी की भर्ती से जुड़ा है। इस फैसले में कहीं ना कहीं कोई कमी रही है। अभी देश में और भी न्यायालय हैं। हम हाईकोर्ट जाएंगे, जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। इस भर्ती घोटाले में हमारा या हमारे किसी साथी का दोष नहीं है। जेबीटी भर्ती ठीक रही है। सीबीआई तो कांग्रेस की एजेंसी बन गई है। जहां भी रीजनल पार्टियां हैं, वहां सीबीआई का दुरुपयोग किया जाता है। 
अंतिम जिरह पूरी 
17 दिसंबर, 2012 को सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। 
क्या था घोटाला और कैसे कसा शिकंजा 
वर्ष 1999-2000 में हरियाणा सरकार ने जूनियर बेसिक ट्रेंड टीचर्स यानी जेबीटी की नौकरियां निकालीं। 
1 दिसंबर 1999 को भर्ती के लिए साक्षात्कार हुआ। 
12 अक्टूबर, 2000 को चुने गए उम्मीदवारों को जेबीटी का नियुक्ति पत्र दे दिया गया। हरियाणा के 18 जिलों के विभिन्न स्कूलों में 3206 जेबीटी नियुक्त कर दिए गए। भर्ती में अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल। 
25 नवंबर 2003 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। 
12 दिसंबर 2003 को सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। 
25 मई 2004 को सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में उस वक्त के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के ओएसडी व आईएएस अधिकारी को दोषी पाते हुए मामला दर्ज किया। 
6 जून, 2008 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की। 
4 अगस्त, 2012 को बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें व साक्ष्य पूरे किए। 
ये पांच हैं मुख्य आरोपी 
ओमप्रकाश चौटाला : 24 जुलाई 1999 से लेकर पांच मार्च 2005 तक मुख्यमंत्री थे और शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार भी उनके पास था। 
अजय चौटाला : 24 जुलाई वर्ष 2000 में भिवानी से लोकसभा सदस्य। अब इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव हैं। 
संजीव कुमार : हरियाणा में 1985 बैच के आईएएस व हरियाणा प्राथमिक शिक्षा परियोजना परिषद के परियोजना निदेशक चंडीगढ़ में 11 जुलाई 2000 से लेकर 29 दिसंबर 2000 तक। उनके पास हरियाणा के प्राथमिक शिक्षा निदेशक का अतिरिक्तप्रभार भी था। 
शेर सिंह बड़शामी : ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री बनते ही इन्हें 28 जुलाई 1999 को मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार नियुक्तकिया गया। 
विद्याधर : जुलाई 1999 को मुख्यमंत्री के ओएसडी नियुक्त किए गए और मई 2003 तक इस पद पर रहे। 
चौटाला ने बदली भर्ती प्रक्रिया: 
सीबीआई ने तफ्तीश में पाया कि इसके पहले हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के द्वारा भर्तियां की जाती थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौटाला जिनके पास शिक्षा  मंत्रालय भी था उनकी अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई जिसमें यह तय किया गया कि टीचरों की भर्ती जिला स्तरीय चयन समितियों से कराई जाए। इन समितियों पर प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री का नियंत्रण था।
ये हैं आरोपी अपराध के वक्त इन पदों पर तैनात थे:
प्रेम बहल जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी, अंबाला(चेयरपर्सन) 
कृष्णा शिक्षा अधिकारी, भिवानी (सेवानिवृत्त सदस्य) 
शशि मल्होत्रा प्रधानाचार्य, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अम्बाला (सदस्य) 
ब्रहमानंद जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी, भिवानी (चेयरमैन ) 
विनोद कुमारी प्रधानाचार्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भिवानी (सदस्य) 
स्वर्ण लाल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
मामन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद (सदस्य) 
रामशरण कुकरेजा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
हरबंस लाल डीपीईओ (चेयरमैन) 
कांता शर्मा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरपर्सन) 
फूल खुराना ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गुडग़ांव (सदस्य) 
चांद सिंह वर्मा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
अभिलाषा कौर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
योगेश कुमार शर्मा सहायक जिला अधिकारी झज्जर (सदस्य) 
शेर सिंह जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
अनार सिंह उप जिला शिक्षा अधिकारी 
कैलाश कौशिक वरिष्ठ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जींद 
अजित सिंह संगवान जिला शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
राम कोर उप जिला शिक्षा अधिकारी 
महावीर सिंह ब्लॉक शिक्षा अधिकारी करनाल 
नत्थू सिंह जिला प्राथमिक शिक्षा (चेयरमैन) 
कृष्ण लाल नारंग उप जिला शिक्षा अधिकारी 
उषा रानी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कुरुक्षेत्र 
मदन लाल कालरा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
वीरभान मेहता उप जिला शिक्षा अधिकारी 
दिलबाग सिंह प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
राम कुमार ब्लॅाक शिक्षा अधिकारी 
मेगानाथ शर्मा सहायक जिला शिक्षा अधिकारी, महेंद्रगढ़ 
पुष्कर मल वर्मा प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
दुर्गा दत्त प्रधान प्रिंसिपल एवं सदस्य 
बानी सिंह ब्लाक शिक्षा अधिकारी पंचकुला (सदस्य) 
शीश पाल सिंह प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
रेखा शर्मा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
रक्षा जिंदल पूर्व.प्रिंसिपल गर्वमेंट सीसै स्कूल, पानीपत (सदस्य) 
दया सैनी अस्सिटेंट डायरेक्टर, प्राथमिक शिक्षा 
राम सिंह सहायक जिला शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
जीत प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
अमर सिंह ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
निर्मल देवी उप जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी, (सदस्य) 
सुधा सचदेवा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
दर्शन दयाल वर्मा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
सरोज शर्मा उप जिला शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
तुलसी राम बिहागरा ब्लाक शिक्षा अधिकारी सिरसा (सदस्य) 
राम सरन कुकरेजा प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
ओम प्रकाश तिवारी जिला शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
बिहारी लाल ब्लाक शिक्षा अधिकारी सोनीपत (सदस्य) 
राजेंद्र सिंह दहिया जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
दलीप सिंह उप जिला शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
राजेंद्र पाल सिंह जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (चेयरमैन) 
सवर्ण कुमार चावला उप जिला शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
जोग्रेंद्र लाल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सदस्य) 
उर्मिल शर्मा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सदस्य)

जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर लटकी तलवार, संशय

1999 में भर्ती 3206 जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर अब तलवार लटकती दिख रही है। अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने पर इन शिक्षकों का भविष्य तय होगा।
मालूम हो कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 27 सितंबर 2012 को उक्त जेबीटी शिक्षकों को चार माह के भीतर पदोन्नति व अन्य सुविधाओं का लाभ देने के आदेश दिए थे। 27 जनवरी 2013 को चार माह पूरे होने वाले हैं। लाभ मिलना तो दूर की बात रही, अब यह जेबीटी शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं। कैथल के रोशनलाल पंवार ने 2010 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जेबीटी शिक्षकों को नौकरी करते हुए 10 साल से ज्यादा समय हो गया है लेकिन राज्य सरकार न तो उन्हें पदोन्नति दे रही है और न ही अन्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच का हवाला देते हुए इनकी पदोन्नति और सुविधाएं रोक रखी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 27 सितंबर 2012 को राज्य सरकार को चार माह के भीतर पदोन्नति व अन्य सुविधाएं देने के आदेश दिए थे। वर्तमान माहौल में इन शिक्षकों की पदोन्नति पर असर पड़ सकता है।

Wednesday 9 January 2013

Appontment/Posting Orders Of Newly Selected S.S.Masters/Mistress




                      Click Below to Download :
         Appointment Orders Of Newly Selected S.S.Masters/Mistress-2012 




Court Case Decision Regarding 4Yrs. Experience

1. Civil Writ Petition No.15929 of 2012 (O&M)
DATE OF DECISION: December 21, 2012
Shivani Gupta and others
…..Petitioners
versus
State of Haryana and others
   .....Respondents
2. Letters Patent Appeal No.1715 of 2012 (O&M)
Gaytri 
…..Appellant
versus
State of Haryana and others
   .....Respondents

Saturday 5 January 2013

रोहतक में रैली करेंगे शिक्षक

प्राथमिक शिक्षकों ने नववर्ष के आगाज के साथ ही अपनी मांगों  को लेकर संघर्ष का ऐलान कर दिया है। सूबे के प्राथमिक शिक्षकों द्वारा 9 फरवरी को सीएम सिटी रोहतक में प्रदेश स्तरीय रैली करने के ऐलान से एक बार फिर सरकार और शिक्षक आमने-सामने की मुद्रा में होंगे। अपनी लंबित मांगों जैसे वर्ष 2000 के जेबीटी शिक्षकों को प्रमोशन व अन्य लाभ देने, सभी शिक्षकों की अंतरजिला स्थानांतरण नीति, जेबीटी से मुख्य शिक्षक पदोन्नति, 16290 बेसिक वेतनमान, जेबीटी शिक्षकों को प्राध्यापक पद पर पदोन्नति, शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपात, बच्चों को समय पर किताबों की आपूर्ति इत्यादि को लेकर प्राथमिक शिक्षक निरंतर धरना प्रदर्शन कर आवाज उठाते रहे हैं। सरकार व विभाग के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी मांगें जस की तस ही हैं। शिक्षक संघ के महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा सरकार शिक्षकों की अनदेखी कर रही है। शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा।

सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापक अभी दे सकेंगे सेवाएं

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अतिथि अध्यापकों के मामले में नया आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापक ही स्कूल में पढ़ा सकेंगे। सभी डीईओ व डीईईओ को जारी पत्र में इस आदेश को सख्ती से लागू कराने की हिदायत दी गई है। 
शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पत्र (4/43-2012 सीओ (4)) जारी कर अतिथि अध्यापक मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी। निदेशालय के पत्र के मुताबिक अब सरकारी स्कूलों में वही अतिथि अध्यापक सेवाएं दे सकेंगे, जो सर्वोच्च न्यायालय से स्टे लिए हुए हैं। हाई कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। स्कूलों में इस आदेश को सख्ती से तामिल कराने को लेकर पत्र की प्रति उपलब्ध करा दी गई है। इसके मुताबिक प्रधानाचार्य अतिथि अध्यापक को 31 दिसंबर 2012 की तिथि में रिलीव करने के बाद इसकी सूचना निदेशालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे। सूचना न देने वाले स्कूल इंचार्जो के खिलाफ कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए वर्ष 2005 में अतिथि अध्यापकों की भर्ती की गई थी। भर्ती में अनियमितता को देखते हुए उपनिदेशक स्तर के अधिकारियों की 7 टीमें गठित की गईं। अक्टूबर 2010 में सौंपी गई रिपोर्ट में भर्ती में अनियमितता का मामला उजागर हुआ। इस पर पात्र शिक्षक संघ ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले अतिथि अध्यापकों को हटाने की मांग की। मामला हाई कोर्ट में चला गया तो उसने 719 अतिथि अध्यापकों को 31 दिसंबर तक हटाने का आदेश दे दिया। इस पर कुछ अतिथि अध्यापकों ने आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए स्टे प्राप्त कर लिया, जबकि कई इससे वंचित रह गए।

अतिथि अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में अतिथि अध्यापकों की सेवाएं 31 दिसंबर 2012 से ही समाप्त करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने 4 दिसंबर के इस फैसले में यह भी कहा है कि यदि अनीता बनाम हरियाणा सरकार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय कोई फैसला देता है तो याचिकाकर्ता दोबारा उच्च न्यायालय आ सकते हैं। अब अतिथि अध्यापकों को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार रहेगा। 
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 30 मार्च 2012 के आदेश में एसएलपी नं. 5956/2012 के तहत अतिथि अध्यापकों की सेवाएं 31 दिसंबर 2012 को समाप्त करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले के बाद 19 मार्च 2012 को स्कूल शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र दिया था। इस शपथ पत्र में कहा गया कि शिक्षकों की भर्ती तय समय सीमा में कर दी जाएगी। इसी दौरान बिजेंद्र कुमार व अन्य ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। इस याचिका पर उच्च न्यायालय ने 10 सितंबर 2012 को अपने फैसले में अतिथि अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश सरकार को दिया था। 
उधर राजकीय विद्यालयों के मुखिया असमंजस में हैं कि अतिथि अध्यापकों की स्कूल में उपस्थित दर्ज कराएं या नहीं क्योंकि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। राजकीय अध्यापक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष जवाहरलाल गोयल ने कहा कि सरकार अतिथि अध्यापकों को गुमराह कर रही है। 
इस बारे में मैं कोई जानकारी नहीं दे सकता : यादव: मौलिक शिक्षा निदेशक डॉ. अभय यादव ने कुछ बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वे संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकते।

Friday 4 January 2013

सर्दी और स्कूल दोनों अड़े, बच्चे ठंड से कैसे लड़े


हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से शुरू हुआ नया साल बच्चों पर भारी पड़ रहा है। सर्दी ने पिछले दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, बावजूद इसके स्कूलों में छुट्टियां नहीं की जा रहीं। प्रशासन और स्कूल प्रबंधक अपनी बात अड़े हुए हैं।उनका कहना है कि वे तो 7 जनवरी को ही तय कार्यक्रम के अनुसार छुट्टियां करेंगे। वहीं दूसरी ओर ठंड के कारण प्रतिदिन सामान्य अस्पताल में 25 बच्चे ऐसे आ रहे हैं जिनकी छाती ठंड के कारण जकड़ी जा चुकी है। उन्हें लगातार भाप दी जा रही है। चिकित्सक बच्चों को ठंड से बचने की राय दे रहे हैं।
तापमान गिरा
गुरुवार को दूसरे दिन भी ठंड का असर जारी रहा। गुरुवार को अधिकतम पारा 9.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस था।
अभी ठंड से राहत नहीं
मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि आने वाले 24 घंटों में ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। ठंड बढ़ेगी। हालांकि दोपहर के समय मौसम खुलने के भी आसार हैं, लेकिन थोड़ी देर के लिए ही। 
कुछ प्राइवेट व सीबीएसई स्कूलों में छुट्टियां
सर्दी को देखते हुए इक्का दुक्का सीबीएसई व प्राइवेट स्कूलों ने छुट्टियां कर दी हैं। उधर, डीएवी थर्मल के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी व सर छोटूराम हैरिटेज स्कूल के निदेशक बिजेंद्र मान ने कहा कि वे सरकारी स्कूलों के साथ दो दिन बाद 7 जनवरी को ही छुट्टियां करेंगे।