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Tuesday 13 November 2018

प्राइवेट नौकरी करने वालों को मोदी सरकार जल्द दे सकती है तोहफा, जेब में आ सकते हैं लाखों

नई दिल्ली :  मोदी सरकार प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को जल्द ही बड़ा तोहफा दे सकती है। इससे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों को लाखों रुपए का फायदा हो सकता है। मोदी सरकार प्राइवेट सेक्टर में ग्रेच्युटी के लिए न्यूनतम सेवा की अवधि घटा कर 3 साल करने की तैयारी कर रही है। यानी अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 3 साल तक नौकरी कर ली है तो उसे ग्रेच्युटी मिलेगी। मौजूदा समय में ग्रेच्युटी के लिए सेवा की न्यूनतम अवधि 5 साल है। 
लेबर मिनिस्ट्री ने इंडस्ट्री से मांगी राय 

ट्रेड यूनियन लंबे समय से प्राइवेट सेक्टर में ग्रेच्युटी के लिए सेवा की अवधि को घटाने की मांग कर रहे हैं। ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरी को लेकर अनिश्चतता लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा कर्मचारी भी जल्दी जल्दी नौकरी बदलते रहते हैं। लेकिन ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की नौकरी जरूरी है। ऐसे में 5 साल से पहले नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का नुकसान होता है। लेबर मिनिस्ट्री ने इस बारे में हंडस्ट्री से राय मांगी है कि ग्रेच्युटी की अवधि घटाने से क्या प्रभाव होगा। 

30 दिन की सैलरी पर तय होगी ग्रेच्युटी 

इसके अलावा लेबर मिनिस्ट्री ग्रेच्युटी की गणना करने के तरीकों में भी बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके तहत ग्रेच्युटी की गणना 30 दिन की सैलरी पर की जा सकती है। मौजूदा समय में प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारी की 15 दिन की सैलरी पर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है। 

क्या है ग्रेच्युटी

ग्रेच्युटी कर्मचारी के वेतन यानी सैलरी का वह हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानी एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है. ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है। 

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