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Tuesday 18 December 2012

जेबीटी घोटाला: आरोपियों को हो सकती है 3 से 7 साल की कैद

16 जनवरी को आएगा फैसला, आरोपियों में ओमप्रकाश चौटाला, अजय, बड़शामी, विद्याधर और संजीव कुमार भी
विशेष सीबीआई कोर्ट हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी भर्ती घोटाले में आगामी 16 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय सिंह, पूर्व राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी, आईएएस अधिकारी एवं पूर्व ओएसडी विद्याधर व आईएएस संजीव कुमार समेत कुल 55 आरोपी हैं। इन पर भर्ती में धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र, गलत दस्तावेजों का प्रयोग व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (1) बी व 13 (डी) के तहत आरोप निर्धारित हैं। दोषी पाए जाने पर आरोपियों को तीन से सात साल तक कैद हो सकती है। सोमवार को आदेश जारी करते हुए जज विनोद कुमार ने कहा कि फैसले के दिन सभी आरोपी सुबह 10 बजे कोर्ट में हाजिर हों। 
यह है मामला: तत्कालीन चौटाला सरकार ने सितंबर 1999 में जेबीटी शिक्षकों के 3206 पदों के लिए 18 जिलों में जिलास्तरीय चयन कमेटियों के जरिए भर्ती प्रक्रिया आरंभ की। आईएएस अधिकारी व पूर्व शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर करके दो मैरिट सूचियों का प्रयोग करने का आरोप चौटाला, उनके बड़े बेटे, राजनीतिक सलाहकार व ओएसडी पर लगाया। आरोप था कि कुल 8 हजार आवेदकों के चयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। और मैरिट में आने वाले आवेदकों को 20 में से 3 से 5 अंक दिए गए। दूसरी ओर कम योग्यता वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में 17 से 19 अंक देकर मैरिट में ऊपर लाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच करने के आदेश दे दिए। सीबीआई ने जांच के बाद 6 जून 2008 को चौटाला समेत कुल 59 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप दाखिल किया। 
चार साल चली सुनवाई :आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामले की सुनवाई साढ़े चार साल में पूरी हो पाई है। इस दौरान सैकड़ों गवाही दर्ज की गई। मामले में नामजद कुल 59 आरोपियों में से 4 की मौत भी हो चुकी है।

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