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Friday 7 December 2012

सरकारी कॉलेजों में टीचिंग स्टाफ का टोटा

*लिपिकीय स्टाफ की नियुक्ति 1974 के बाद नहीं हुई।
*राज्य के तीस कॉलेजों में नहीं हैं इस समय प्रिंसिपल दूसरे स्थानों पर ज्वाइनिंग की पर्मिशन भी नहीं 
*एचपीएससी को भेजी डिमांड
राज्य का ‘शिक्षा विभाग’ भले ही कितने भी दावे क्यों न करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश में उच्च शिक्षा देने के लिए खोले गए राजकीय कॉलेज इन दिनों टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ के अलावा प्रिंसिपलों का टोटा झेल रहे हैं। कई कॉलेज में तो मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उच्च शिक्षा विभाग में फाइल खिसकने की प्रक्रिया, भर्ती प्रक्रिया के लिए लंबा चौड़ा झमेला सारा कुछ विद्यार्थियों, शिक्षकों व इस विभाग के अफसरों के लिए झमेला बना गया है। सूत्रों के अनुसार राजकीय कॉलेज में लिपिकीय वर्ग के कुछ पद तो ऐसे हैं, जिन पर 1974 के बाद नियुक्ति ही नहीं हुई। कॉलेज में 350 गेस्ट टीचर काम कर रहे हैं। कईकॉलेज में नियमों को ताक पर रखकर इन्हें एडजस्ट किया है। करीब 80 कॉलेज ऐसे हैं। 30 में तो प्रिंसिपल नहीं हैं। टीचिंग स्टाफ की कमी देखते हुए 1035 पोस्टों को भरने के लिए एचपीएससी से डिमांड की है। हाल ही में 19 पदों पर भर्ती की गई हैं।
कुछ स्टाफ2013 में होगा रिटायर 
कुछ स्टाफ मार्च 2013 में रिटायर होने जा रहा है। टीचिंग के लिए 3320 स्वीकृत पोस्ट हैं। कुछ लोगों को सर्विस विस्तार कर एक्सटेंशन पर रखा है। महाविद्यालयों में लैब अस्टिेंट के 110 पद, 10 पद हास्टल सुपरीटेंडेंट के खाली पड़े हैं।
अधिकारियों ने नहीं दिखाई गंभीरता
हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान इकबाल सिंह संधू का कहना है कि कॉलेज में स्टाफ की कमी के बारे में कई अधिकारियों को ज्ञापन दिए हैं। उसके बावजूद अधिकारियों द्वारा इस मामले पर गंभीरता नहीं दिखाई गई।- योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
कुछ कॉलेजों को मिलेंगे प्रिंसिपल
राज्य के जिन कॉलेजों में प्रिंसिपलों की कमी बनी हुई है, उन्हें जल्द ही प्रिंसिपल मिल जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि काफी संख्या में पदोन्नति हुई हैं, जिसके बाद में खाली पड़े पदों को भर लिया जाएगा। एचपीएससी को भेजी डिमांड  राज्य के उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि पूर्व में 2011-12 में 497 में भर्तियां की गई थीं। अब 1035 पोस्टों के लिए हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को डिमांड भेज दी गई है, वहां भी प्रक्रियां में समय लगता है। जिसके बाद ही कॉलेजों में स्टाफ की कमी को पूर्ण किया जा सकेगा। यह डिमांड मार्च 2013 तक होने वाली सेवानिवृत्ति को ध्यान में रखकर भेजी गई है, इसके अलावा टीचिंग भर्ती में कुछ नये नियम बनाए गए हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इस कारण से भी कुछ समय भर्ती में समस्याएं रही हैं। 


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