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Tuesday 30 May 2017

शिक्षा का सुधरे ढांचा, पांचवीं और आठवीं कक्षा में हो बोर्ड की परीक्षा : हसला


** प्रधान प्राध्यापक बोले-पहल आठ वर्षो में छात्र पर ध्यान देने की जरूरत
** नौवीं में प्रवेश के समय बहुत से बच्चे नहीं लिखपाते अपना सही नाम
** दोषी कौन? : पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले अध्यापक या नौवीं से पढ़ाने वाले प्राध्यापक? : बीर सिंह राणा
करनाल : शिक्षा ढांचे में सुधारों की मांग को लेकर हरियाणा स्कूल लेक्चरर  एसोसिएशन ने सेक्टर 12 में प्रदर्शन किया। जिलाभर से प्राध्यापक प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर एसोसिएशन के जिला प्रधान बीर सिंह राणा ने कहा कि कक्षा पांचवी एवं आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं लागू की जाएं। 
उन्होंने कहा कि खेद का विषय है कि एक छात्र जो आठ वर्षो तक स्कूल में पढ़ता है और जब वह छात्र नौंवी कक्षा में प्रवेश लेता है तो वह अपना नाम, पिता का नाम व घर का पता तक नहीं लिख पाता है। उसे सामान्य ज्ञान तक नहीं होता तो इसका दोषी कौन है? पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले अध्यापक या नौवीं से पढ़ाने वाले प्राध्यापक? उन्होंने कहा कि एसोसिएशन शिक्षा में ढांचागत सुधार चाहती है। इसके लिए पांचवी व आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को तुरंत लागू किया जाए। परीक्षा में फेल नहीं करने की नीति के कारण बच्चों ने पढ़ना छोड़ दिया और ज्यादातर शिक्षकों ने भी पढ़ाना छोड़ दिया है। एसोसिएशन की यह भी मांग है कि पहली से आठवीं कक्षा तक प्रवेश तिथि निर्धारित हो।

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