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Saturday 30 June 2018

गैरहाजिरी से खफा हो शिक्षक ने काट दिया छात्र का नाम, एडीसी तक पहुंचा मामला

हिसार : गांव तलवंडी रूक्का स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में गैरहाजिरी से नाराज शिक्षक ने छात्र का नाम काट दिया। कारण यह रहा कि छात्र के भाई रोहित को मानसिक बीमारी थी, जिस कारण छात्र परिवार के संग भाई का इलाज करवाने के लिए मजार पर जाती थी। वहीं शिक्षक ने कक्षा में अनुपस्थित रहने का कारण बताते हुए छात्र का नाम काटने की बात कही। 
छात्र का आरोप है कि मजार पर जाने के कारण स्कूल स्टाफ आपत्ति जताता था, जिस कारण खफा टीचरों ने उसका नाम काट दिया। छात्र ने बताया कि मानसिक बीमारी के कारण भाई रोहित की हालत ठीक नहीं रहती थी, जिस कारण वह कक्षा में ही टीचरों पर हमला कर देता था, लेकिन प्राचार्य रोहित कुमार से लेकर दो अन्य टीचर भाई को डंडे से पीटते थे, उसे मजार जाने पर ताने देते थे, तनाव में आ उसने दो साल पहले पढ़ाई छोड़ दी। शुक्रवार को मामला अतिरिक्त उपायुक्त एएस मान के दरबार में पहुंचा, एडीसी ने छात्र को स्कूल में एडमिशन लेने की नसीहत दी व कहा अगर स्कूल स्टाफ एडमिशन देने पर एतराज जताता है तो वे उन्हें तुरंत सूचित करें। स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी। 
छात्र बोली, तानों के कारण स्कूल जाने से लगता है डर
गांव तलवंडी रूक्का निवासी छात्र ने बताया कि मजार जाने से खफा स्कूल प्रबंधन ने 2016 में उसका नाम काट दिया। दो साल तक उसने बार-बार पढ़ने के लिए एडमिशन लेने का प्रयास किया, लेकिन हर बार शिक्षकों के ताने से परेशान होकर वह स्कूल जाने से भी डरती थी। भाई रोहित को मानसिक रूप से बीमारी है, जिस कारण वह परिवार संग राजस्थान स्थित गांव नरड़ में हाजी शमशूद्धीन की दरगाह पर मन्नत मांगने जाते थे। लेकिन स्कूल स्टाफ हर बार मजार पर जाने के लिए उस पर ताने कसते थे, इस भय के कारण वह स्कूल जाने से कतराती थी।
लगाए गए आरोप बेबुनियाद : प्राचार्य 
गांव तलवंडी रूक्का स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य राकेश कुमार ने बताया कि छात्र की ओर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। कक्षा में गैर-हाजिरी के कारण छात्र को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन छात्र ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसा दो साल तक चलता रहा। जिससे नाराज होकर शिक्षकों ने नाम काटा होगा। अगर छात्र रोजाना स्कूल आती है तो एडमिशन जल्दी ही मिलेगा।
"मामला मेरे संज्ञान में आया है। छात्र को गांव के ही स्कूल में एडमिशन लेने की बात कही है। अगर स्कूल प्रबंधन एडमिशन नहीं देता है तो प्राचार्य पर कार्रवाई की जाएगी।"-- एएस मान, अतिरिक्त उपायुक्त

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