नई दिल्ली : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को शिक्षा और सरकारी
नौकरियों में 10% आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन बिल को गुरुवार को
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। 124वां संविधान संशोधन बिल, 2019 बुधवार
को संसद ने पारित कर दिया था। एनजीओ यूथ फॉर इक्विलिटी और कौशल कांत मिश्रा
ने याचिका में यह बिल खारिज करने की मांग की है। इनकी दलील है कि भारतीय
संविधान के तहत सिर्फ आर्थिक पिछड़ापन आरक्षण का आधार नहीं बन सकता है। इस
दलील के समर्थन में उन्होंने इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार केस में सुप्रीम
कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है। यह भी कहा है कि एम नागराज बनाम भारत
सरकार एवं अन्य केसों में जारी फैसलों के अनुसार आरक्षण की अधिकतम सीमा
50% से अधिक नहीं हो सकती।
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News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
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