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Thursday 28 December 2017

कर्मचारियों के लिए बदला एचसीएस बनने का पैमाना

चंडीगढ़: विभिन्न सरकारी महकमों के कर्मचारी-अफसरों को हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) में आने के लिए प्रदेश सरकार ने नए सिरे से मानदंड निर्धारित किए हैं। विभागों को उम्मीदवारों के नाम की संस्तुति करने से पहले उनके सेवा रिकॉर्ड, अनुभव, शैक्षिक उपलब्धियों और वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट का ध्यान रखना होगा। योग्यता के आकलन के लिए कुल सौ अंक रखे गए हैं। 
हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के तहत रजिस्टर ए-1 और रजिस्टर-सी से एचसीएस (कार्यकारी शाखा) के लिए नियुक्ति के लिए कसौटी पर खरे उतरने वाले नाम ही मुख्य सचिव कार्यालय को भेजे जाएंगे। आकलन के लिए निर्धारित कुल अंकों में से आठ साल की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के संदर्भ के साथ सेवा रिकॉर्ड के लिए 70, प्रासंगिक अनुभव और शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए 13-13 तथा वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर जारी प्रशंसा पत्रों के लिए चार अंक दिए जाएंगे। आठ साल की प्रत्येक एसीआर में ‘आउटस्टैंडिंग’ के लिए 8.75 अंक, ‘वेरी गुड’ के लिए सात और ‘गुड’ के लिए पांच अंक दिए जाएंगे। आठ वषों के दौरान उम्मीदवार की छह एसीआर ‘वैरी गुड’ श्रेणी की हों और दो एसीआर ‘गुड’ श्रेणी से कम नहीं होनी चाहिए। आठ साल लगातार सेवा पर हर साल के लिए आधा अंक दिया जाएगा। 
सेवा में नियुक्ति के बाद स्नातकोत्तर डिग्री या पीजी डिप्लोमा के लिए अधिकतम नौ अंक मिलेंगे। फस्र्ट डिवीजन पर नौ, द्वितीय श्रेणी पर सात और तृतीय श्रेणी के लिए पांच अंक मिलेंगे। इसके अलावा एलएलबी, एलएलएम, बीएड, प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, पीजीडीसीए, पीएचडी या कोई अन्य डिप्लोमा के लिए अधिकतम चार अंक निर्धारित किए गए हैं। वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर जारी प्रशंसा पत्रों के लिए अधिकतम चार अंक रखे गए हैं।

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