गुरुग्राम: लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ ही स्कूलों ने ऑनलाइन शिक्षण में मामूली तब्दीलियां की हैं। स्कूल और अभिभावकों को यह अंदेशा हो गया है कि स्कूल आने वाले कुछ महीनों में भी शायद न खुलें। ऐसे में उन्हें ऑनलाइन शिक्षण को ही मजबूती देनी होगी ताकि विद्यार्थियों को चीजें अच्छी तरीके से समझ में आ सकें।
धीमी चलेगी प्रक्रिया
बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में चीजें थोड़ी कम समझ में आ रही है या फिर इंटरनेट की स्पीड के कारण उन्हें शिक्षक की बातें सुनने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में कुछ स्कूलों ने पढ़ाई को हफ्ते में तीन दिन कर दिया है और शिक्षक भी विषयों को अपेक्षाकृत धीमी गति से पढ़ा रहे हैं ताकि बच्चे अच्छे से समझ सकें।
बच्चों से सीधे संपर्क की कवायद
कुछ स्कूल बच्चों की सवालों का समाधान करने का अलग से सत्र चला रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्कूलों में शिक्षक बच्चों की समस्याओं का निदान फोन पर कर रहे हैं। स्कूली शिक्षक वैसे बच्चों को सीधे तौर पर फोन पर सुझाव या सलाह नहीं देते थे लेकिन लॉकडाउन में यह बदलाव भी देखा जा रहा है कि शिक्षक बच्चों के सवालों के जवाब के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
अपलोड होंगे विडियो
"सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों ने विषयों से संबंधित विडियो बनाए हैं। इन विडियो में बेहतरीन कंटेंट और क्वालिटी वाले विडियो का चयन करके राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा उनकी वेबसाइट पर अपलोड किए जाने की तैयारी है। इसके लिए एससीईआरटी के विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। शिक्षक लगातार मेहनत कर रहे हैं और टेक्नोलॉजी की मदद से विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। धीरे-धीरे ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली में सुधार भी किए जा रहे हैं और बच्चों को बेहतर तरीके से समझाने के नए-नए तरीके भी इजाद हो रहे हैं।"-- कै. इंदू बोकन, जिला शिक्षा अधिकारी
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