चंडीगढ़ : हरियाणा में विभागीय कर्मचारियों की बायोमीटिक हाजिरी पर सरकार
और कर्मचारी संगठनों में टकराव के हालात पैदा हो गए हैं। प्रदेश मुख्यालय
पर बायोमीटिक हाजिरी का सफल प्रयोग कर चुकी राज्य सरकार अब जिलों के सरकारी
दफ्तरों में भी बायोमीटिक हाजिरी की मशीनें लगाएगी। कर्मचारी संगठनों ने
सभी कर्मचारियों के बायोमीटिक हाजिरी प्रणाली का खुला विरोध किया है। उनकी
दलील है कि फील्ड स्टाफ को बायोमीटिक हाजिरी लगाने से छूट देने का भरोसा
सरकार ने पहले से दिला रखा है। इसलिए सभी विभागों में इस व्यवस्था को
स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सरकारी विभागों में करीब सवा तीन लाख पक्के और
कच्चे कर्मचारी हैं। सरकार को शिकायतें मिल रही थी कि अधिकारी और कर्मचारी
अपनी सीटों पर नहीं बैठते। लिहाजा सरकार ने पहले मुख्यालय स्तर पर
बायोमीटिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एलान
किया कि अब हर जिले में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। विभिन्न जिलों में
बायोमीटिक हाजिरी लग भी रही है, लेकिन यह सिर्फ मिनिस्ट्रीयल स्टाफ व
अधिकारियों के लिए है। फील्ड कर्मचारी व तकनीकी कर्मचारी अभी बायोमीटिक
हाजिरी प्रणाली के दायरे में नहीं आए हैं। दूसरी तरफ सर्व कर्मचारी संघ
हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा का कहना है कि सेवाओं में कमी रखने वाले
कर्मचारियों के खिलाफ बेशक कार्रवाई हो पर सरकार को मार्च में हुई समझौता
वार्ता पर भी अडिग रहना चाहिए।
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