** लापरवाही : 596 स्कूलों में एक लाख 10 हजार बच्चों को देना था मासिक पेपर, क्वेश्चन पेपर न पहुंचने से रद कर दी गई परीक्षा
कैथल : शिक्षा विभाग द्वारा 24 जुलाई से जिलेभर के स्कूलों में बच्चों से
मासिक पेपर लिए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे पहली से बारहवीं
कक्षा के करीब एक लाख 10 हजार बच्चों को पेपर देने थे, लेकिन दोपहर को दो
बजे तक भी स्कूलों में पेपर ही नहीं पहुंचे। 1करीब 596 स्कूलों के बच्चे व
अध्यापक पेपर आने का इंतजार करते रहे, लेकिन पेपर स्कूलों में नहीं पहुंचे।
अध्यापकों के पास भी पेपर आने के मैसेज आते रहे, लेकिन दोपहर तक पेपर नहीं
पहुंचे। अध्यापक सुबह आठ बजे, 11 बजे व एक बजे तक डीईओ कार्यालय के चक्कर
लगाते रहे।
स्कूलों में अभी तक पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को पूरी
किताबें तक नहीं मिली है और उनसे पेपर लिए जा रहे हैं। दिनभर इंतजार करने
के बाद अध्यापकों के पास पेपर रद होने का संदेश आया। स्कूलों में पेपर ना
पहुंचने के कारण बच्चों व अध्यापकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।1राजकीय
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सुबह आठ बजे बच्चों के पेपर होने थे, लेकिन
वहां भी पेपर नहीं पहुंचे। स्कूल में पहले ही बोर्ड द्वारा दसवीं व बारहवीं
की पूरक परीक्षाओं का सेंटर दिया हुआ है। सुबह 11 बजे से स्कूल में पूरक
परीक्षा देने वाले बच्चे पहुंच गए थे, जिनका पेपर लिया गया। सरकार ने
स्कूलों के पेपर किसी प्राइवेट कंपनी से छपवाए हैं, जिस कारण बृहस्पतिवार
को पेपर समय पर नहीं पहुंच पाए। स्कूलों में पेपर भी मासिक की जगह
त्रिमासिक लिए जाने चाहिए। पेपर किसी एजेंसी की बजाय एससीआरटी से छपवाए
जाएं या जिला शिक्षा अधिकारी की देखरेख में छपवाए जाएं।
"सरकार जिसे भी पेपर
छापने का टेंडर देती है, उसकी जिम्मेदारी निश्चित की जानी चाहिए। स्कूलों
में बच्चों को पूरी किताबें ही नहीं मिल रही हैं और अब पेपर भी स्कूलों में
समय से नहीं पहुंच रहे हैं। स्कूलों में पेपर समय पर ना पहुंचने से
परेशानी उठानी पड़ रही है।"-- दलबीर राठी, शिक्षक नेता।
कलायत:
शिक्षा विभाग की विद्यार्थियों को भारी पड़ रही है। खंड के सरकारी
स्कूलों में परीक्षा दिवस पर प्रश्न पत्र न पहुंचने की डगमगाई व्यवस्था से
अभिभावक-छात्र निराश है। शिक्षा विभाग द्वारा इन दिनों स्कूलों में मासिक
परीक्षा ली जा रही है। 24 जुलाई से शुरू हुई इस परीक्षा के लिए न केवल
डेटशीट जारी की गई बल्कि कुछ पेपर भी लिए जा चुके है। बच्चों की ली जा रही
परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र जहां जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से खंड
शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आते है। 1इसके पश्चात ही परीक्षा के दिन
इन्हें स्कूलों में भेजा जाता है, जिसके पश्चात ही परीक्षा ली जाती है।
शिक्षा विभाग की कमी के चलते आज आयोजित होने वाली परीक्षा को इस लिए स्थगित
करना पड़ा क्योंकि इसके लिए प्रश्नपत्र ही स्कूलों में नहीं पहुंचे। कई
स्कूलों का दौरा करने पर जब इसकी जानकारी ली तो संबंधित स्कूलों के मुखिया
ने बताया कि आज भी बच्चों की परीक्षा ली जानी थी। जब प्रश्न पत्र ही उपलब्ध
नहीं होंगे तो परीक्षा कैसे होगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में खंड
शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अवगत करवाया जा चुका है। वहां से संदेश मिला है
कि जैसे ही प्रश्नपत्र उनके कार्यालय में आएंगे उसके साथ ही स्कूलों में
इन्हें भेज दिया जाएगा। अभिभावकों को कहना है कि बिना किताबों व शिक्षकों
की कमी के बीच परीक्षा ली जा रही है।
"जिस स्थान पर पेपर छापे जा रहे हैं
वहां कोई दुर्घटना होने की सूचना मिली थी, जिस कारण पेपर समय पर नहीं पहुंच
सके। बृहस्पतिवार का पेपर रद कर दिया गया है और रद किया गया पेपर आज लिया
जाएगा। "--शमशेर सिंह सिरोही, मौलिक शिक्षा अधिकारी
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