चंडीगढ़ : दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में खराब रिजल्ट वाले
सरकारी स्कूलों के स्टाफ पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। प्रदेश भर के 160
स्कूलों के 800 अध्यापकों और प्रिंसिपलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे
जवाब तलब किया गया है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए
शिक्षा विभाग ने पूरी ताकत लगा रखी है। इसके बावजूद इस साल हरियाणा
विद्यालय शिक्षा बोर्ड के दसवीं के परीक्षा परिणाम में पिछले साल की तुलना
में दो फीसद की गिरावट आई। बारहवीं के परीक्षा परिणाम से भी सरकार संतुष्ट
नहीं। प्रदेश के 160 स्कूलों का परीक्षा परिणाम दस फीसद से भी कम रहा। इन
स्कूलों के करीब आठ सौ अध्यापकों और मुखियाओं को नोटिस जारी करते हुए
शिक्षा निदेशालय ने पूछा है कि तमाम सुविधाएं होने के बावजूद शर्मनाक
रिजल्ट के क्या कारण रहे। क्यों न उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। सभी को तुरंत
प्रभाव से अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश है।
खास बात यह कि अभी तक
कई शिक्षक तबादला होने की आड़ में जवाबदेही से बच जाते थे। नए आदेश में साफ
कर दिया गया है कि सत्र के दौरान ज्यादा समय तक बच्चों को पढ़ाने वाला
शिक्षक ही रिजल्ट का जिम्मेदार होगा। राज्य के औसत रिजल्ट से बेहतर परिणाम
देने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी एसीआर में इसकी एंट्री
होगी।शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि खराब
रिजल्ट वाले शिक्षकों से कारण पूछा गया है।
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