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Tuesday, 18 July 2017

आरटीई के नियम लागू किए तो 47 हजार शिक्षकों की पड़ेगी जरूरत

** इसलिए सीमित संख्या में तय किए हेड मास्टर के पद
** विभाग के पास गेस्ट, टीजीटी, सीएंडवी समेत 27500 शिक्षक
** मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्यस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा नियमों के खिलाफ सरकार कर रही कार्य
** शिक्षक संघ 20 से शुरू करेगा आंदोलन
हिसार : 
प्राथमिक शिक्षा विभाग के सामने शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर अजीब विडंबना खड़ी हुई है। करीब 47 हजार शिक्षकों की कमी के कारण प्राथमिक शिक्षा विभाग प्रदेश में मिडिल स्कूलों के 5648 में से 3194 हेड मास्टरों के पद ही शेष रखे गए हैं। जो स्थानांतरण के लिए उपलब्ध रहेंगे। 

सोमवार को मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्यस्तरीय पदाधिकारी एडिशनल डायरेक्टर विरेंद्र सिंह दहिया एसीएस पीके दास से मिलने पहुंचे तो उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ मिला। उन्होंने बताया उच्चाधिकारी अपने फैसले पर कायम हैं। ऐसे में संगठन 20 जुलाई से प्रदेश के सभी राज्यों में आंदोलन शुरू करेगा। जिसके तहत प्रत्येक जिले में डीसी विधायकों के माध्यम से शासन को शिक्षकों की मांग पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही संगठन हाईकोर्ट जाने की तैयारी में भी जुट गया है। 
2394 प्राथमिक और 800 को सीनियर सेकंडरी भेजा जाएगा 
एसोसिएशन के राज्य प्रधान रमेश मलिक ने बताया कि राज्य में 5548 हेडमास्टरों के तबादले होने हैं। मगर सूची में 3194 पद ही खाली दिखा रखे हैं। उच्चाधिकारियों ने बताया है कि वह 2394 शिक्षक मिडिल स्कूल और 800 शिक्षकों को सीनियर सेकेंडरी में स्थानांतरित करेंगे। इसके अलावा दूसरा रास्ता नहीं है। 
राज्य प्रधान ने बताया कि सभी शिक्षकों को स्थानांतरित करने की मांग पर उच्चाधिकारी तैयार नहीं है। इसके पीछे कारण है कि अगर वह मौलिक शिक्षा का अधिकार कानून के आधार पर चलते हैं तो उन्हें 1:35 एक शिक्षक पर 35 छात्रों को रखना होगा। इस हिसाब से सभी स्कूलों में 47000 शिक्षकों की डिमांड की आवश्यकता होगी, जबकि विभाग के पास गेस्ट, टीजीटी, सीएंडवी मिलाकर लगभग 27500 शिक्षक हैं। इस कारण एक्ट के प्रावधानों को मानते हुए स्थानातंरण प्रक्रिया सरकार अपने हिसाब से कर रही है।


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