नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आइआइटी दाखिले को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट
ने सोमवार को काउंसलिंग और एडमिशन पर लगी रोक हटाते हुए बोनस अंक के आधार
पर दोबारा मेरिट लिस्ट बनाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया है कि वे
आइआइटी परीक्षा 2017 के बारे में किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं करें।
यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी छात्रों को सात बोनस अंक देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पर दिया। दो गलत प्रश्नों के लिए सभी छात्रों को बोनस अंक देने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसा तंत्र बनाने को कहा है, जिससे कि अगले साल से बोनस अंक देने की नौबत न आए। आइआइटी की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। कोर्ट ने गलत प्रश्नों के लिए सभी छात्रों को बोनस अंक देने को सही ठहराते हुए कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट का 2005 का गुरुनानक विवि का फैसला लागू नहीं किया जा सकता।
यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी छात्रों को सात बोनस अंक देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पर दिया। दो गलत प्रश्नों के लिए सभी छात्रों को बोनस अंक देने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसा तंत्र बनाने को कहा है, जिससे कि अगले साल से बोनस अंक देने की नौबत न आए। आइआइटी की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। कोर्ट ने गलत प्रश्नों के लिए सभी छात्रों को बोनस अंक देने को सही ठहराते हुए कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट का 2005 का गुरुनानक विवि का फैसला लागू नहीं किया जा सकता।
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