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Friday, 28 July 2017

प्राथमिक शिक्षकों ने किया जन सेवा सर्वे का बहिष्कार

** सीएम के आदेशों की खुली अवहेलना कर रहे हैं अधिकारी
** शिक्षकों ने धरना देकर जताया विरोध, सौंपा ज्ञापन
हिसार : प्रदेश में जनसेवा सर्वे के लिए नियमों के विरुद्ध जेबीटी शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर जिले भर के शिक्षकों ने प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में लघुसचिवालय पर रोष स्वरूप जोरदार प्रदर्शन करते हुए धरना देकर विरोध जताया। 
जिला प्रधान प्रदीप कौर की अध्यक्षता में गुरुवार को जिलेभर के शिक्षकों ने प्रशासन की तानाशाही व प्रदेश के मुखिया के आदेशों की अवहेलना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शिक्षक नेताओं ने कहा कि आरटीई के नियम 27 के तहत शिक्षकों से कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता। लेकिन प्रशासन तानाशाही तौर पर उनसे पहले ही बीएलओ का कार्य करा रहा है। यह ड्यूटी तो अभी तक जारी है, वहीं अब घर घर जाकर 113 ¨बदुओं वाले जन सेवा सर्वे में जिले भर से 303 जेबीटी शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है। 
उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में पहले ही प्राथमिक शिक्षकों की औसत संख्या 3 से 5 है, जिनमें एक शिक्षक की ड्यूटी बीएलओ में लगी हुई है। कम शिक्षक होने के कारण पहले ही बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं अब इस नए सर्वे में शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने से स्कूल शिक्षक विहिन हो जाएंगे। 
शिक्षा विभाग और प्रशासन रहा नाकाम : 
शिक्षक नेताओं ने जिला शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि इस सर्वे को लेकर माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा की अध्यक्षता में हुई। शिक्षकों की ड्यूटी से बच्चों की पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित होगी। इसलिए जिस स्कूल में दस से कम शिक्षक है, वहां पर शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इस निर्णय को लेकर सेकंडरी एजुकेशन के निदेशक ने छह जुलाई को स्पष्ट तौर पर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अवगत करा दिया था, लेकिन जिले के शिक्षा विभाग के तथाकथित मालिकों ने रा?य के मुखिया व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशों को हवा में उड़ा दिया। 
मासिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की कमी पर सवाल आरोप लगाया कि हर स्कूल में सभी स्कूलों में हर रोज कम पेपर भेजे जा रहे हैं, वहीं कई विषयों के तो एक भी पेपर नहीं पहुंचा। शिक्षकों को अपनी जेब से दूसरे गांवों के स्कूलों से पेपर्स की फोटोकॉपी करवानी पड़ रही है, लेकिन अधिकारी पेपर पूरे होने का दावा कर अपनी पीठ ठपठपा रहे हैं। शिक्षक नेताओं ने सुझाव दिया कि इस सर्वे के लिए संबंधित क्षेत्र के ही शिक्षित बेरोजगारों को ट्रेनिंग देकर कार्य दिया जाए। सरकार ने भी बेरोजगार युवाओं को हर महीने बेरोजगारी भत्ते के बदले कार्य देने का ऐलान कर रखा है। 

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