.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday, 8 July 2017

अव्यवस्था : हरियाणा बोर्ड की लापरवाही भुगत रहे सैकड़ों विद्यार्थी

** डीयू के कई कॉलेजों ने दाखिला देने से किया इन्कार
** हरियाणा बोर्ड को डीयू ने लिखा पत्र, फिर भी नहीं निकला हल
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की चाह रखने वाले हरियाणा बोर्ड के छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आरोप है कि हरियाणा बोर्ड ने ऑनलाइन मार्कशीट व मूल मार्कशीट में अंतर रखा है जिससे डीयू के कई कॉलेज दाखिला देने से मना कर रहे हैं। हालांकि कॉलेजों का कहना है कि अंक पत्र के ऑनलाइन और मूल प्रति में अंतर है। ऐसे में हम किसे सही माने और किस आधार पर बेस्ट बनाएं। 
अभिभावक युद्धवीर सिंह का कहना है कि उनका भतीजा 12वीं पास है। ऑनलाइन परीक्षा परिणाम व मूल मार्कशीट में अंतर होने के कारण बेस्ट फोर में अंतर आ जा रहा है। ऑनलाइन में कोई विषय यदि 100 अंकों का है तो उसमें थ्योरी में 60 अंक, प्रैक्टिकल में 20 और 20 अंक इंटरनल असेसमेंट का रखा है जबकि मूल मार्कशीट में यह 70 और 30 में विभाजित है। जिसके कारण कई कॉलेज दाखिला देने से मना कर चुके हैं। डीयू भी थ्योरी में 70 और प्रैक्टिकल में 30 अंक के आधार पर ही मूल्यांकन करता है। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय यह निर्णय ले कि वह किस आधार पर दाखिला देगा। क्योंकि कुछ कॉलेज दाखिला दे रहे हैं जबकि कुछ कॉलेज मना कर रहे हैं। डीयू भी यदि नियम तय कर दे तो छात्रों को परेशानी नहीं होगी। बड़ी संख्या में छात्र इससे प्रभावित हो रहे हैं। इस वर्ष हरियाणा बोर्ड से रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों की संख्या 9093 है। यह संख्या सीबीएसई और उत्तर प्रदेश बोर्ड के बाद है। दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.आइएस बख्शी का कहना है कि कॉलेजों के अंकपत्र अलग-अलग हैं। हमने हरियाणा बोर्ड के छात्रों से कहा है कि वह अपने प्रिंसिपल से लिखवा लाएं कि कौन सा अंक सही है उसे प्रमाणित करवा दें। डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हरियाणा बोर्ड को इस बाबत हमने एक मेल भेजी है लेकिन अब तक उसका कोई जवाब नहीं आया है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.