चंडीगढ़ : सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का पूरा स्टाफ प्रदेश सरकार
टेकओवर करेगी। स्कूल प्रबंधनों की छह साल पुरानी मांग पर सरकार ने मुहर लगा
दी है। इससे प्रदेश के 204 अनुदान प्राप्त स्कूलों के करीब 2000 शिक्षकों व
गैर शिक्षकों को फायदा होगा। वर्तमान
में इन कर्मचारियों को 75 फीसद वेतन सरकार और 25 फीसद प्रबंधन
कमेटियां देती हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई
मंत्रिमंडल की बैठक में एडेड स्कूलों के स्वीकृत पदों पर कार्यरत शिक्षण
तथा गैर शिक्षण कर्मचारियों के टेकओवर के लिए स्वैच्छिक राज्य शिक्षा सेवा
नियम तैयार करने की मंजूरी दे दी। नए नियमों में स्कूल प्रबंधन की
जिम्मेदारियों और शिकायतों के निवारण के लिए कमेटियां बनाई जाएंगी ताकि
विद्यार्थियों और अभिभावकों के हितों का ध्यान रखा जा सके। प्रबंधन द्वारा
भूमि तथा भवन का दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा।
सुनिश्चिचत की जाएगी बकाया
राशि की स्वीकृति :
कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले उनकी बकाया राशि की स्वीकृति सुनिश्चित की जाएगी। उन पदों पर तैनात स्टाफ के लिए अनुदान देय नहीं होगा जिन्हें स्कूल प्रबंधन ने अपनी मर्जी से लगा लिया है। यदि कोई कर्मचारी स्वैच्छिक शिक्षा सेवा के लिए विकल्प नहीं देता है तो उनके लिए सहायता अनुदान की प्रतिपूर्ति पूर्व में किए गए प्रावधान के अनुसार जारी रहेगी।
कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले उनकी बकाया राशि की स्वीकृति सुनिश्चित की जाएगी। उन पदों पर तैनात स्टाफ के लिए अनुदान देय नहीं होगा जिन्हें स्कूल प्रबंधन ने अपनी मर्जी से लगा लिया है। यदि कोई कर्मचारी स्वैच्छिक शिक्षा सेवा के लिए विकल्प नहीं देता है तो उनके लिए सहायता अनुदान की प्रतिपूर्ति पूर्व में किए गए प्रावधान के अनुसार जारी रहेगी।
वापस ले ली जाएगी दोषी स्कूलों की एनओसी और मान्यता :
प्रबंधन को
स्टाफ की लंबित देय राशि देनी होगी। स्कूल प्रबंधन को मौजूदा विद्यार्थियों
के उत्तीर्ण होने तक उनकी फीस न बढ़ाने के लिए क्षतिपूर्ति या सुरक्षा
बांड के रूप में प्रतिबद्घता जतानी होगी। कर्मचारियों के टेकओवर के बाद गैर
शैक्षिक उद्देश्यों के लिए स्कूलों की भूमि और भवनों के उपयोग पर हर बार
एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार उल्लंघन पर दोषी स्कूलों की
एनओसी और मान्यता वापस ले ली जाएगी। विद्यार्थियों और अभिभावकों द्वारा
दर्ज कराई गई किसी भी शिकायत के समाधान के लिए जिला शिक्षा अधिकारी या
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी गठित की जाएगी।
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