चंडीगढ़ : आधा शिक्षा सत्र बीत जाने के बावजूद जिलों में स्कूली किताबें
नहीं पहुंचाने वाले प्रकाशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। शिक्षा
विभाग ने किताबों की उपलब्धता पर सभी जिलों से रिपोर्ट मांग ली है। इस
रिपोर्ट के आधार पर न केवल प्रकाशकों की पेमेंट रोकी जा सकती है, बल्कि
उन्हें ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है। 1प्रदेश के कई जिलों के स्कूल
किताबों से वंचित हैं। मान्यता प्राप्त प्रकाशकों द्वारा किताबें पहले जिला
मुख्यालय पर पहुंचाई जाती हैं। वहां से बच्चों की संख्या के अनुसार
स्कूलों में किताबों की सप्लाई होती है। किताबें छपवाने से लेकर पहुंचाने
तक सारा काम प्रकाशक का होता है। मुख्याध्यापक की रिसीविंग के आधार पर
प्रकाशक सरकार से भुगतान हासिल करता है। 1शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य
सचिव पीके दास का कहना है कि पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता
के देरी किस स्तर पर हुई, यह जांच का विषय है। यदि प्रकाशकों की वजह से
देरी हुई है तो उनके खिलाफ
कार्रवाई होगी।
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