** 2016-17 के सत्र में 5 लाख 83 हजार बच्चों के खाते में वर्दी की राशि नहीं आई
सिरसा : प्रदेश सरकार डिजिटल लेन देन के दावे कर रही है। सरकारी स्कूलों में
पढ़ने वाले छात्रों को पिछले वर्ष की वर्दी की राशि अभी तक नहीं मिली है।
जिस पर 15 माह से प्रदेश के 5 लाख 23 हजार छात्र वर्दी की राशि मिलने का
इंतजार कर रहे हैं। पिछले सत्र 2016-17 की वर्दी की राशि 5 लाख 83 हजार
बच्चों के खाते में नहीं आई। शिक्षा विभाग द्वारा बाकायदा एक पत्र जारी
करके यह आंकड़ा दिया गया है लेकिन आधार कार्ड बैंक के साथ लिंक न होने का
मुद्दा बनाकर स्कूल मुखियों को जिम्मेवार बनाने की कोशिश की गयी है जबकि
आधार कार्ड को बैंक खाते के साथ लिंक करने का कार्य ही बैंक का है।
नहीं
मिली राशि :
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों
को वर्दी की राशि दी जाती है। जिसके तहत प्रति छात्र 400 रुपये वर्दी के
दिए जाते हैं। वर्दी की राशि बैंक में छात्रों के खाते में डाली जाती है।
मगर स्कूलों की तरफ से सभी बच्चों के आधार कार्ड बैंकों में देने के बावजूद
भी बच्चों को उनकी वर्दी की राशि नहीं मिली। राशि नहीं मिलने का छात्र
प्रतिदिन इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि स्कूलों में कई छात्रों के खाते में
राशि डाली जा चुकी है।
"सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर वर्दी की राशि
ऑनलाइन का ड्रामा किया जिससे सबसे ज्यादा नुकसान गरीब बच्चों का हुआ तथा
एक प्रकार से भ्रष्टाचार का भी केन्द्रीयकरण हो गया। पिछले वर्ष प्रदेश के 5
लाख 23 छात्रों को राशि नहीं मिली। वहीं इस सत्र के भी तीन महीने बीत जाने
को हैं लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली।"--बूटा सिंह, जिला प्रधान, हरियाणा
विद्यालय अध्यापक संघ
इस वर्ष के दावे भी फेल
शिक्षा विभाग ने जहां अभी तक
पिछले सत्र के छात्रों को वर्दी राशि उपलब्ध नहीं करवाई है। वहीं इस सत्र
में दाखिला लेने वाले छात्रों को वर्दी राशि नहीं मिली है। जबकि शिक्षा
विभाग ने 15 मई तक छात्रों के खाते में राशि डालने का दावा किया था। यही
नहीं कक्षा प्रथम के सभी बच्चों, कक्षा दूसरी से आठवीं कक्षा तक छात्रों की
एमआईएस पोर्टल पर भी विभाग ने स्कूलों से रिपोर्ट मांगी थी।
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