** पैनल से कॉलेजों के निरीक्षण की होगी वीडियो रिकार्डिग
नई दिल्ली : शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने जो
बड़े कदम उठाए हैं, उनमें बीएड, एमएड कॉलेजों का भी ध्यान रखा गया है। इस
दिशा में जहां इन कॉलेजों के मानकों की जांच कराई जा रही है, वहीं इनकी
जांच के तरीके को सख्त बनाने का लिया गया है। इसके तहत कॉलेजों के मानकों
को जांचने वाले एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट पर अब आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया
जाएगा। अब उनके निरीक्षण की वीडियो रिकॉर्डिग कराई जाएगी। साथ ही जरूरत
पड़ने पर दूसरी टीम भेज कर रिपोर्ट का सत्यापन भी कराया जाएगा। 1राष्ट्रीय
शिक्षक शैक्षणिक परिषद (एनसीटीई) ने इस पूरी योजना को अंतिम रूप दे दिया
है। आने वाले दिनों में जिस भी बीएड, एमएड कॉलेज के मानकों को जांचने के
लिए पैनल जाएगा, उसमें शामिल नामों को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। टीम
के निरीक्षण की पूरी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। किसी पैनल को दोबारा किसी
कॉलेज के निरीक्षण के लिए नहीं भेजा जाएगा। इसके अलावा कॉलेजों में मौजूद
प्रत्येक सुविधाओं के लिए एक से 10 के बीच नंबर देना होगा। सबसे अच्छी
सुविधाओं के लिए 10 नंबर दिया जा सकेगा। बता दें कि बीएड, एमएड कॉलेजों के
मानकों को जांचने के लिए परिषद ने एक्सपर्ट शिक्षकों का एक पैनल बना रखा
है। इसमें देशभर के करीब एक हजार विशेषज्ञ शिक्षक शामिल हैं। कॉलेजों के
संचालन के लिए इनकी रिपोर्ट काफी अहम होती है।
गलत रिपोर्ट पर बाहर होंगे शिक्षक
एनसीटीई के मुताबिक यदि जांच में कॉलेजों के मानकों की
रिपोर्ट गलत मिलती है, तो पैनल में शामिल ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई
होगी। साथ ही उन्हें पैनल से हमेशा के लिए निकाला भी जा सकता है। एनसीटीई
ने सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा है। इसे फिलहाल सैद्धांतिक सहमति मिल गई
है। बता दें कि देशभर में इस समय करीब 15 हजार बीएड और एमएड कॉलेज चल रहे
हैं।
शिकायतें मिलने के बाद बदला पैटर्न
एनसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी के
मुताबिक पैनल में शामिल शिक्षकों के काम-काज पर काफी समय से उठ रहे सवालों
के बाद परिषद ने इसे पारदर्शी बनाने का लिया है। हाल ही में परिषद द्वारा
आनलाइन मांगी गई शिकायतों के बाद पैनल द्वारा तैयार की जा रही झूठी रिपोर्ट
से जुड़े तमाम सवाल भी किए गए थे।
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