अदालत के आदेश के बाद जहां शिक्षा विभाग ने अतिथि अध्यापकों को स्कूलों में लगाने के लिए अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए है। वहीं विभाग की ओर से लगाई गई वर्कलोड की शर्त ‘अतिथि’ अध्यापकों की उनके पूर्व स्कूलों में तैनाती की राह में रोड़ा बन गई है। विभाग उन्हें उक्त शर्त का हवाला देते हुए दूसरे ब्लॉकों के स्कूलों में तैनात करवाने में जुट गया है। बता दें कि कुछ माह पहले ‘अतिथि’ अध्यापकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अब कोर्ट के आदेश पर उन्हें पुन: तैनात करवाया जा रहा है। शिक्षा निदेशालय द्वारा सूचना आने के बाद वर्कलोड के आधार पर उन्हें स्कूलों में नियुक्त करवाया जा रहा है।
"सरकार भले ही कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति देने जा रही है। मगर उन्हें नियमित किया जाने का सरकार को कदम उठाना चाहिए, क्योंकि 31 मार्च 2016 के बाद उनकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।"-- यूनियन प्रधान राधा कृष्ण djsrs
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