** तीसरे पेपर में 75 प्रश्नों के लिए दिए गए थे ढाई घंटे
नई
दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा रविवार को
आयोजित की गई राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में ऑल इंडिया प्री मेडिकल
टेस्ट की तर्ज पर चौकस इंतजाम किए गए थे। छात्र परीक्षा रूम में कलम भी
नहीं ले जा सकते थे। परीक्षा केंद्रों को भी विशेष एहतियात बरतने की सलाह
दी गई थी। खास बात यह रही कि तीसरे प्रश्नपत्र के लिए इतना वक्त मिला कि
छात्र प्रश्न
हल करने के बाद परीक्षा रूम में ही खर्राटे लेते नजर आए।
सीबीएसई से
प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस परीक्षा में कुल
7,65031 प्रतिभागियों ने नामांकन किया था। 83 विषयों की
परीक्षा के लिए 88 शहरों में 1344 केंद्र बनाए गए थे। इस परीक्षा में जहां
पहले और दूसरे प्रश्नपत्र में छात्रों को समय कम पड़ जाता है, वहीं तीसरे
प्रश्नपत्र में 75 सवालों के जवाब के लिए छात्रों को ढाई घंटे का समय मिल
जाता है। ऐसे में ज्यादातर छात्र एक से सवा घंटे में इस प्रश्नपत्र को हल
करने के बाद कक्षा में सोते नजर आए।
अतिरिक्त समय पर सवाल :
शास्त्री पार्क से द्वारका परीक्षा देने गईं हिना ने बताया कि सीबीएसई को प्रश्नों
के हिसाब से समय देना चाहिए। सुबह 9 बजे से परीक्षा देने आए छात्र शाम
साढ़े चार बजे तक परीक्षा रूम में थक जाते हैं। जब तीसरा प्रश्नपत्र अधिकतम
डेढ़ घंटे में समाप्त हो जाता है तो इसके लिए अतिरिक्त एक घंटा देने की
क्या आवश्यकता है।
समिति के समक्ष रखी जाएगी बात
सीबीएसई के एक अधिकारी का
कहना है कि कामर्स और साइंस के बच्चों को ध्यान में रखकर यह समय रखा गया
है। कई छात्रों से तीसरे प्रश्नपत्र का समय कम किए जाने के संबंध में
फीडबैक मिला है। यह बात समिति में रखी जाएगी और इस पर समिति जो निर्णय लेगी
उसका पालन किया जाएगा।
देर से पहुंचने पर बाहर ही रहे छात्र
राजधानी में
कई परीक्षा केंद्रों पर छात्रों के समय से नहीं पहुंचने के कारण उन्हें
बाहर ही रोक दिया गया था। ठंड से बचाव के लिए कक्षाओं में पर्याप्त इंतजाम न
किए जाने के कारण कई छात्रों ने परीक्षा केंद्र के प्रबंधन से इसकी शिकायत
भी की। dj
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