सोनीपत : शिक्षक को समय के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए शिक्षा विभाग में लागू बायोमैट्रिक सिस्टम लागू होने के एक पखवाड़े पहले ही फ्लाप हो गया। कुछ दिन से कभी किसी शिक्षक तो कभी की हाजिरी लगने में परेशानी हो रही थी, लेकिन मंगलवार तो को शिक्षकों में नहीं बल्कि स्कूलों में यह समस्या उत्पन्न हो गई। 9.15 पर हाजिरी लगाने की प्रक्रिया थी। शिक्षक साढ़े दस बजे तक प्रयास करते रहे, लेकिन हाजिरी दर्ज नहीं हो सकी। शिक्षक प्रदेश सरकार की ओर से हाजिरी के लिए बनाई गई खास वेबसाइट अटेंड्स डाट इन पर भी डाटा फीड नहीं हुआ।
प्राइमरी स्कूलों में अब तक व्यवस्था नहीं :
सरकार की ओर से प्राइमरी स्कूलों के लिए हाजिरी हाईटेक प्रबंध नहीं किया गया है। यहां शिक्षक अभी भी रजिस्टर पर हाजिरी दर्ज कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से प्राइमरी स्कूलों में टैबलेट देने की योजना है।
इसलिए लागू की गई है व्यवस्था
स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीन लगाए जाने से अध्यापकों का लेट-लतीफा का बहाना खत्म हो जाएगा और सभी कर्मचारी समय पर पहुंचेंगे। कई मर्तबा आरोप लगता है कि इतना ही नहीं कई शिक्षक सुबह हाजिरी लगाने के बाद सरकारी कार्य का बहाना लगाकर निकल जाते हैं और वापस नहीं लौटते। लेकिन अब ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी क्योंकि दिन में दो बार हाजिरी लगाई जा रही है।
शुरुआत से ही इस व्यवस्था में रही है परेशानी
पहले चरण में यह व्यवस्था फेल होने के बाद शिक्षा विभाग ने इस बार भी कोई सबक नहीं लिया है। स्कूलों में मशीन भिजवाई हैं कम और स्टाफ ज्यादा है। हर शिक्षक को 9.15 तक पहुंचना अनिवार्य है, लेकिन उन्हें आना पड़ रहा है आठ बज। मशीनें हर स्टाफ सदस्य के आधार नंबर से लिंक की गई हैं। हाजिरी मशीन पर पंच लगाते समय आधार के अंतिम 8 डिजिट की भी एंट्री करनी पड़ती है। ऐसे में एक स्टाफ सदस्य को 30 सैकेंड से ज्यादा का समय लगता है। जहां पर स्टाफ 50 से अधिक है, वहां पर ज्यादा दिक्कत रही है। जिले में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां स्टाफ की संख्या 70 से 100 सदस्यों के बीच हैं। एक मशीन कम पड़ जाती है। विभाग की योजना के अनुसार 400 स्कूलों में ये मशीनें भेजनी है। यहां परेशानी उन शिक्षकों को भी काफी होती है जिन्हें अवकाश मशीनों में दर्ज करवाना होता है। db
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