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साल से संबद्धता पा रहे स्कूलों को स्थायी करने पर हो रहा विचार
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से
संबद्धता प्राप्त स्कूलों को हर तीन साल में नए सिरे से संबद्धता की
अनिवार्यता से राहत मिल सकती है। बोर्ड 15 सालों से लगातार सीबीएसई की
संबद्धता पाने वालों को यह राहत देने पर विचार कर रही है।
सीबीएसई की
प्रबंध समिति की सदस्य ज्योति अरोड़ा ने बताया कि हर तीन साल में स्कूलों
को अनावश्यक रूप से संबद्धता प्रक्रिया से गुजरना होता है। इस प्रक्रिया
में समय लगता है और इसके लिए एक साल पहले से ही आवेदन करना होता है। यदि
स्कूल प्रबंधन चूक जाएं तो संबद्धता खत्म हो जाती है। ऐसे में यह व्यवस्था
खत्म करने की जरूरत है।
यहां बता दें कि अकेले दिल्ली में ऐसे स्कूलों की
संख्या 500 से ज्यादा होगी जो 15 से अधिक सालों से सीबीएसई की संबद्धता
प्राप्त कर रहे हैं। इस बाबत बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि संबद्धता की
प्रक्रिया स्कूलों में बोर्ड की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप शिक्षा
प्रदान करने के लिए जरूरी है। स्कूलों की ओर से की जा रही स्थायी संबद्धता
की मांग पर भी विचार जारी है, लेकिन इस व्यवस्था को उसी स्थिति में लागू
किया जा सकता है, जबकि स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग हो।
पुन: संबद्धता के
स्थान पर मूल्यांकन का विकल्प :
स्कूलों को स्थायी संबद्धता दिए जाने के
विषय में प्रबंध समिति के सदस्यों का कहना है कि इसके लिए बोर्ड मूल्यांकन
की व्यवस्था लागू कर सकता है। डेढ़ दशक से अधिक समय से संबद्धता पाने वाले
स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता की पड़ताल के लिए नियम निर्धारित कर सकता है
और उनके आधार पर ही स्कूलों की स्थायी संबद्धता जारी किया जा सकता है। dj
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