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Thursday, 17 December 2015

पांच साल से दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में लगातार गिरावट

** इस बार भी प्रथम सेमेस्टर में दसवीं कक्षा में 2 लाख 14 हजार 497 विद्यार्थी हो गए फेल
भिवानी : पिछले पांच साल के दौरान दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इस बार भी प्रथम सेमेस्टर में दसवीं कक्षा में 2 लाख 14 हजार 497 छात्र फेल हो गए हैं। इसी तरह बारहवीं में 1 लाख 7 हजार 215 छात्र फेल हुए। वार्षिक परीक्षा में क्या हालात होंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है क्योंकि उस दौरान री-अपीयर परीक्षा का भी बोझ होगा। औसतन आठ विषयों की परीक्षा देने के कारण रिजल्ट में सुधार की गुंजाइश बहुत कम है। 
क्यों गिर रहा परिणाम 

  • प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में शिक्षा में सर्वाधिक प्रयोग किए जा रहे हैं। कभी विषय तो कभी पढ़ाने का तरीका बदला जा रहा है। कभी परीक्षा सिस्टम का पैटर्न बदल दिया जाता है। इससे छात्र व शिक्षक एकाग्र नहीं हो पाते। 
  • बच्चों में गिरता मौलिक नैतिकता का स्तर। शिक्षकों के सिर्फ वेतन बढ़ाने से उनका मनोबल नहीं बढ़ेगा। स्कॉलरशिप, मिड डे मिल जैसी सुविधा के बावजूद सीबीएसई की ओर छात्रों का रुझान होने से इन योजनाओं पर भी सवाल उठा रहा है। 
  • शिक्षक का चेक एंड बैलेंस हो और जिम्मेदारी निर्धारित की जाए। 
  • साल में छह माह छुट्टियां रहती हैं। छुट्टियों के दौरान शिक्षक को पढ़ाने की प्लानिंग करनी चाहिए। छुट्टियां बच्चों की हों न कि शिक्षक की। 
  •  अभिभावकों को भी भविष्य को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। केवल नकल से पास कराने की सोच खुद उनके ही बच्चों का नुकसान करा रही है। 
  •  सामाजिक स्तर पर शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास हों। कोई ऐसा मंच भी चाहिए, जो शिक्षा को बढ़ावा दे।                                              dj 

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