कनीना : पंचायत चुनावों को लेकर बेशक चुनाव लड़ने वाले प्रसन्न है, किंतु चुनावी तैनाती देने वाले कर्मी बेहद परेशान हैं। एक ओर जहां कड़ाके की ठंड बढ़ रही है तो दूसरी ओर अवकाश की समय है। दूर-दराज तैनाती और साधनों के अभाव में उनके सर्दी में भी पसीने छूटने लगे हैं।
एक ओर जहां पंचायत चुनावों को लेकर चुनाव लड़ने वालों के पसीने छूट रहे हैं, वहीं चुनाव में तैनाती देने वाले कर्मी तो पहले से ही पसीना पसीना हो रहे हैं। सरकारी कर्मियों का कहना है कि 25 दिसंबर से उनके सरकारी अवकाश होने जा रहे हैं। इसी अवकाश में वे दैनिक कार्यो का निपटारा करते हैं। इसी अवधि में उनकी तैनाती होने जा रही है। तैनाती भी ऐसे दूर दराज गांवों में होती है जिसकी घर से दूरी 60 किमी तक होती है। साधनों का अभाव होता है। प्रतिदिन आने जाने के लिए निजी वाहन रखने जरूरी हो गए हैं।
अध्यापक नेता कंवरसेन वशिष्ठ ने कर्मियों की तैनाती घर से कम दूरी पर लगाने की मांग की है। एक ओर चुनाव लड़ने वाले वोट मांग मांगकर पसीना पसीना हो रहे हैं। वहीं कर्मियों के पहले से ही पसीने छूटने लगे हैं। कर्मियों का कहना है कि सबसे कठिन काम पंचायत के चुनाव संपन्न कराना है। फिर मशीनों से नहीं अपितु मत पेटियों से पंचों के चुनाव होने हैं। उधर विद्यार्थी भी इन चुनावों को लेकर अच्छे खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि अब परीक्षा नजदीक आ रही है और पूरी जनवरी उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी। ऐसे में विद्यालयों से कम से कम स्टाफ की तैनाती करने की मांग उठने लगी है। उनका कहना है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी हर वर्ष कम रहता है। कड़ाके की ठंड होने से भी कर्मियों को अपने साथ बोरी बिस्तर का व्यापक प्रबंध करना होगा। dj17121506:57
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