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Monday, 28 December 2015

विधानसभा कूच करेंगे कर्मचारी


रोहतक : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने 2 माह का समय देते हुए चेतावनी दी है कि अगर इस समय सीमा में सरकार ने चुनावी घोषणा-पत्र में किये वादों पर अमल नहीं किया तो बजट सत्र में प्रदेश के कर्मचारी हरियाणा विधानसभा की ओर  कूच करेंगे।
इससे पहले 7 फरवरी को सभी विधायकों के  आवासों पर प्रदर्शन करके ज्ञापन दिये जायेंगे और कर्मचारियों की मागों को बजट-सत्र में उठाने की मांग की जाएगी।
यह निर्णय आज कर्मचारी भवन में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में किया गया। बैठक की अध्यक्षता राज्य प्रधान धर्मबीर फौगाट ने की।
संघ महासचिव सुभाष लाम्बा द्वारा संचालित इस मीटिंग में संघ की राज्य कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्य जिलों के प्रधान व सचिवों के अलावा संघ से सम्बन्धित विभागीय संगठनों के प्रधान व महासचिवों ने भी  भाग लिया।
बैठक में 10 जनवरी को महिला कर्मचारियों को संगठित करके भावी आन्दोलनों में जोड़ने  के लिए राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन रोहतक में किया जाएगा।  राज्य कार्यकारिणी में 15 जनवरी से 29 फरवरी तक जिला सम्मेलन एवं जिला कमेटियों के चुनाव व अप्रैल में राज्यस्तरीय सम्मेलन करवाने का निर्णय लिया।
राज्य कार्यकारिणी में 10 दिसम्बर को मुख्यमन्त्री के साथ हुई मीटिंग में सरकार का कर्मचारियों की मागों के प्रति रुख की विस्तृत समीक्षा  की गई।
राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में लिये निर्णयों की जानकारी देते हुए महासचिव सुभाष लाम्बा, मुख्य संगठन कर्ता विरेन्द्र सिंह डंगवाल व प्रेस प्रवक्ता वजीर सिंह ने बताया कि भाजपा सरकार कर्मचारियों की प्रमुख मागों के प्रति गंभीर नहीं है।
विभाग निजी हाथों में सौंपने का विरोध होगा
उन्होंने कहा कि सरकार नई परिवहन नीति के नाम पर रोडवेज बेड़े में निजी बसों को घुसाने के प्रयास में है। बिजली जैसे अति महत्वपूर्ण विभाग में सब डिवीजनों को प्राइवेट हाथों में देने का प्रयास कर रही है, जिसका तीखा विरोध किया जाएगा।
पंचायत चुनाव के चलते जनवरी के कार्यक्रम स्थगित
उन्होने कहा कि पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए जनवरी माह में होने वाले कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया।
कर्मचारी महासंघ ने भी दी चेतावनी
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह धनखड़ ने राज्य सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि या तो सरकार वार्ता की मेज पर मांगों का निपटारा करे, वर्ना नये वर्ष में भी राज्य के कर्मचारी वर्ग के आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे।
उन्होंने कहा कि 2015 में प्रदेश सरकार का कर्मचारियों के प्रति नजरिया नकारात्मक व कर्मचारी विरोधी रहा। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो मुख्य वादे कर्मचारी वर्ग से किये थे उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। उच्चाधिकारियों ने भी किसी वार्ता को सिरे नहीं चढ़ने दिया।                                                   dt 

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