रेवाड़ी : सरकारी शिक्षा के गिरते स्तर को बायोमैट्रिक से उठाने की कवायद शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में तो विभाग पहले ही बायोमैट्रिक से अटेंडेंस के आदेश जारी कर चुका है।
अब प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी नेट कनेक्ट मशीन पर पंच कर हाजिरी लगाएंगे। इसके लिए जिन स्कूलों में कंप्यूटर नहीं है उनमें विभाग द्वारा टेबलेट भेजे जाएंगे। विभाग का तर्क है कि रजिस्ट्रार की हाजिरी की बजाय बायोमैट्रिक अटेंडेंस के कारण शिक्षक स्कूल समय पर पहुंचेंगे तथा छुट्टी के समय से पहले स्कूल नहीं छोड़ सकेंगे।
इसी माह प्रदेश के सभी सरकारी सेकेंडरी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीनें पहुंचाई गई। इन स्कूलों में नेट और कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक भी मशीन पर ही पंच कर हाजिरी लगाएंगे। इन स्कूलों में कंप्यूटर लैब नेट की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए यहां टेबलेट भेजे जाएंगे। इन्हें नेट से कनेक्ट किया जाएगा। ये टेबलेट उन स्कूलों को ही दिए जाएंगे जो कि हाई या सीनियर सेकेंडरी से अलग यानी स्वतंत्र रूप से चल रहे हैं। प्रदेश में ऐसे 3580 प्राइमरी स्कूल हैं, जहां टेबलेट भेजे जाएंगे। जबकि 5303 स्कूल हाई या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के साथ अटैच हैं, जहां पहले से ही बायोमैट्रिक भेजी जा चुकी है। जिला में कुल प्राथमिक स्कूल 411 हैं, लेकिन स्वतंत्र प्राथमिक 222 स्वतंत्र माध्यमिक स्कूल 97 हैं। इन स्कूलों में टेबलेट की व्यवस्था की जाएगी।
योजना नहीं पकड़ रही गति
विभाग स्कूलों को तो मशीनें भेज चुका है, लेकिन आधे से ज्यादा स्कूलों में योजना गति नहीं पकड़ पाई है। दरअसल मशीनों में सॉफ्टवेयर अपडेट कर इन्हें चालू नहीं किया जा सका है। हालांकि अभी स्कूलों की छुट्टियां हो गई हैं, इसलिए इन्हें चालू करने के लिए समय मिल गया है।
आधार और इंटरनेट से होंगी कनेक्ट
बायोमेट्रिक मशीनों की खास बात ये है कि ये इंटरनेट से कनेक्ट होंगी। साथ ही कर्मचारियों को अपना आधार कार्ड भी देना होगा। नेट और आधार कार्ड के साथ ही मशीन में कर्मचारी की फोटो भी लगेगी। इसके बाद ही हाजिरी सिस्टम शुरू हो पाएगा। इस पर हाजिरी लगाने के लिए शिक्षकों अन्य कर्मियों को हाजिरी के लिए आधार की लास्ट कुछ डिजिट भी डालनी होंगी।
नजर में रहेगा अटेंडेंस रिकॉर्ड : डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आरपी सांगवान का कहना है कि एकबार चार्जिंग के बाद ये टेबलेट दो-तीन दिन तक चालू रहेंगे। यानी बिजली नहीं आने की स्थिति में आसानी से काम चल सकेगा। टेबलेट और आगे निर्देश अभी विभाग से आने बाकी हैं। बायोमैट्रिक अटेंडेंस के बाद शिक्षक कब स्कूल पहुंचा इसका पूरा रिकॉर्ड अधिकारियों की नजर में रहेगा। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.