** चौंकाने वाले हैं आंकड़े : पिछले वर्ष की तुलना में पांच लाख छात्र हुए कम
भिवानी : एक ओर जहां शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर मंथन चल रहा है,
वहीं दूसरी ओर एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। सरकारी स्कूलों में
विद्यार्थियों को लुभाने के लिए मिड डे मील, छात्रवृत्ति जैसी
महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद आज तक छात्रों का
रुझान सरकारी स्कूलों की ओर कम और निजी स्कूलों की ओर ज्यादा है। लेकिन यदि
आपको पता चले कि सरकारी स्कूलों के दाखिलों का आंकड़ा भी फर्जी था तो
हैरान होना लाजिमी है। जी हां, प्रदेश में लाखों छात्रों के फर्जी दाखिले
होने की बात सामने आई है। इन छात्रों के नाम पर बांटा जाने वाला मिड डे मील
व छात्रवृति को लेकर भी घपले की आशंका जताई जा रही है। सूत्र बताते हैं
कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में दाखिले के साथ आधार कार्ड
अटैच करने की शर्त लागू की हुई है। इसी के चलते हरियाणा में छात्रों की
संख्या में पांच लाख छात्र घट गए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना
है कि प्रदेश में फर्जी दाखिले दिखाकर मिड डे मील व दूसरी सुविधाओं को
लेकर चपत लगाने का सिलसिला चल रहा था। जल्द ही इस मामले में जांच शुरू की
जा रही है।
आधार कार्ड की व्यवस्था लागू होने से खुली पोल
"निश्चित तौर पर इतने बड़े पैमाने पर
रजिस्ट्रेशन कम होना गड़बड़ी को दर्शाता है। विभाग ने सरकारी व निजी दोनों
ही तरह के स्कूलों में आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। सरकारी स्कूलों में
95 फीसद से ज्यादा यह कार्य हो चुका है, जबकि निजी स्कूलों में अभी 80
फीसद ही आधार कार्ड अटैच हो पाए हैं।"-- एमएल कौशिक, शिक्षा विभाग के निदेशक dj
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