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Wednesday, 16 December 2015

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा केवल इंग्लिश मीडियम में ही परीक्षा लेने पर अभ्यार्थियों में रोष

** मुख्यमंत्री से मिलकर हिंदी, अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा लेने की करेंगे मांग 
हिसार : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विभिन्न पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया के दौरान केवल इंग्लिश मीडियम में ही परीक्षा लेने पर हिंदी माध्यम के अभ्यार्थियों में रोष है। विभिन्न पदों के आवेदकों ने मंगलवार शाम मधुबन पार्क में एकत्रित होकर भविष्य की रणनीति के लिए विचार-विमर्श किया। इस बैठक की अध्यक्षता नवीन शर्मा ने की। इन अभ्यार्थियों का कहना है कि एचएसएससी की तरफ से जब विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, तब सिर्फ इंग्लिश मीडियम में एग्जाम लेने का कोई शर्त नहीं लगाई गई है। प्रदेश के करीब 80 फीसदी आवेदकों ने गांव शहरों के स्कूलों से हिंदी माध्यम में ही पढ़ाई की है। 
पहले भी हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में होती रही हैं परीक्षाएं 
अभ्यर्थियोंने नवीन शर्मा, संदीप कुलाना, महेश सहरावत, राजेंद्र कुमार, कुलदीप सिंह, मनदीप कुमार, जयबीर शर्मा, निरंजन सैनी, मीना रानी, कविता, सुमन पूनम रानी का कहना है कि अब तक एचएसएससी, एचएसटीएसबी एचपीएससी द्वारा जितनी भी परीक्षाएं ली गई हैं, उनमें दोनों भाषाओं में प्रश्र पूछे जाते रहे हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि इस मामले को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर हिंदी अंग्रेजी मीडियम में परीक्षा आयोजित करवाने की मांग की जाएगी। मांग नहीं मानी तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। 
अभ्यार्थियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की विभिन्न पदों के लिए परीक्षा को अंग्रेजी के साथ हिंदी में कराने की मांग को लेकर अभ्यार्थियों का एक शिष्टमंडल अतिरिक्त उपायुक्त से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। अभ्यार्थी अजय गोदारा, सुनील मुंदलिया, जितेंद्र नारू, शमशेर सिंह, राजेश भादू, पारस, साहिल, अनिल बसीर तथा राजीव आदि ने कहा कि एचएसएससी की ओर से विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे गए इन परीक्षाओं का माध्यम केवल अंग्रेजी ही है। इसके कारण हिंदी माध्यम के अभ्यार्थियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार हिंदी को प्रोत्साहन देने की बात कर रही है, दूसरी तरफ ऐसी परीक्षाओं को अंग्रेजी के माध्यम से लेकर हिंदी माध्यम के अभ्यार्थियों के हितों के साथ कुठाराघात कर रही है। उन्होंने मांग की कि ये परीक्षाएं हिंदी इंग्लिश दोनों माध्यम में ली जाए।                                                          db 

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