नई
दिल्ली : लोकसभा ने मंगलवार को बोनस की पात्रता सीमा 10,000
रुपये मासिक वेतन से 21,000 रुपये करने और उसकी गणना की सीमा 3,500 से
7,000 रुपये करने के प्रावधान वाले विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
अगले सत्र में इसके राज्यसभा से भी पारित होने की प्रबल संभावना है। जिसके
बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा।
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने
बोनस भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि
इस बिल के कानून बनने पर उसे एक अप्रैल, 2014 से लागू माना जाएगा। श्रम
मंत्री ने कहा कि सरकार श्रमिकों के वेतन, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा
सुनिश्चित करेगी। कामगारों के अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं होगा। सरकार
उनके हितों के लिए काम करेगी। विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए दत्तात्रेय ने
कहा कि इससे सरकार के खजाने पर 6,203 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन में एकरुपता लाने के बारे में सभी राज्यों के
साथ चर्चा की जाएगी। जल्द ही इस बारे में एक राष्ट्रीय वेतन विधेयक लाया
जाएगा। दत्तात्रेय ने कहा कि अभी हमारे देश में सिर्फ 1.7 प्रतिशत ही कुशल
कामगार हैं, जो अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। सरकार कौशल विकास के
जरिये इसे बढ़ाना चाहती है। मंत्री के अनुसार, भारत में 93 फीसद या करीब 40
करोड़ श्रमशक्ति असंगठित क्षेत्र से है। इस कारण भी इनमें से अधिकतर लाभ
पाने से वंचित रह जाते हैं। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल की
मुमताज संघमिता ने कहा, यह विधेयक गरीब मजदूरों के कल्याण वाला है। अच्छी
बात है कि इसे एक अप्रैल, 2014 से लागू किया जाना है। dj
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