हिसार : एडिड स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन की एक बैठक फव्वारा चौक स्थित छाजूराम पार्क में आयोजित हुई। इसकी अध्यक्षता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जयवीर ने की। प्रदेश सचिव राकेश मोर विशेष तौर पर उपस्थित थे। बैठक में एडिड स्कूलों में कार्यरत स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने के सरकारी प्रयासों पर कड़ा रोष प्रकट किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव राकेश मोर ने कहा कि एडिड स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले लाखों मेधावी जरूरतमंद छात्र अध्ययनरत हैं।
बिना सरकारी मदद के इन स्कूलों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। एक तरफ तो सरकार बार-बार निजी स्कूलों को बंद करने की बात कह रही है, वहीं दूसरी तरफ इन स्कूलों को जानबूझ कर निजी स्कूल बनाए जाने की साजिश रची जा रही है। विभिन्न क्षेत्रों में सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप नीति को बढ़ावा देने की बात कर रही है, जबकि ये स्कूल पहले ही पीपीपी के सर्वोच्च उदाहरण है। फिर भी सरकार इन स्कूलों से पीपीपी बंद कर रही है।
उन्होंने मांग की कि इन स्कूलों की सहायता बंद करने के बजाए और अधिक सहायता दी जाए ताकि उन्हें मॉडल स्कूलों का दर्जा दिया जा सके। बैठक में कीमतीलाल, रमेश कुमार, विजयंती, वाणी, मनोज कुमार, राजबीर सिंह, अनिल कुमार, सुखवीर, दीपक कौशिक, पूनम, सुनीता, राजेंद्र कौर, सुनीता कुंडू सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
शिक्षा नियमावली सरलीकरण हो : कुंडू
प्राइवेटस्कूल संघ ने शिक्षा नियमावली 2007 का सरलीकरण करने से पूर्व ही मान्यता के लिए स्कूलों का निरीक्षण करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मांग की है कि सरकार पहले शिक्षा नियमावली 2007 को सरल बनाए। इसके बाद ही स्कूलों का मान्यता के लिए निरीक्षण किया जाए। अगर शिक्षा नियमावली का सरलीकरण करने से पहले ही स्कूलों का निरीक्षण करके उसकी फाइल को रिजेक्ट कर स्कूल बंद करने की कोशिश की गई तो प्राइवेट स्कूल संघ इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए स्कूल संचालकों को चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों देनी पड़े। इस मामले को लेकर प्राइवेट स्कूल संघ का एक प्रतिनिधिमंडल 16 दिसंबर को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मिलेगा। db
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