चंडीगढ़ : हरियाणा में अब पीएचडी करने के बाद सहायक प्रोफेसर की नौकरी के
लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा ली जाने वाली नेट
(राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) क्वालीफाई करने की जरूरत नहीं है। पीएचडी करने
वाले अब सहायक प्रोफेसर के लिए आवेदन कर सकेंगे। मनोहर सरकार ने पीएचडी
धारकों को यह राहत अदालत के एक आदेश का अनुपालन करते हुए दी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में
उच्चतर शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है। राज्य में पिछले
कई वषों से यह मामला उलझा हुआ था। वर्ष 2009 से पहले जिन लोगों ने पीएचडी
की हुई थी, उन पर नेट की शर्त नहीं थी लेकिन 2009 के बाद पीएचडी करने वालों
को नेट क्वालीफाई करना अनिवार्य था। मामला कोर्ट तक भी पहुंचा। कोर्ट ने
पीएचडी धारकों के राहत दी थी लेकिन प्रदेश में इसे अभी तक लागू नहीं किया
गया था। मंत्रिमंडल ने अब यूजीपी के नियमों के तहत 2009 के बाद पीएचडी करने
वालों को भी सीधे सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति देने का फैसला लिया
है। यूजीपी के नये नियमों के अनुसार पीएचडी करने वालों के लिए छह महीने का
वर्क कोर्स करना अनिवार्य है। dj
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