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Monday, 28 December 2015

बैटरी से चलेंगे बंद एजुसेट

** शिक्षा निदेशालय ने मंगाए आंकड़े
पानीपत : बिजली की किल्लत में बंद पड़े एजुसेटों के दिन फिरने वाले हैं। शिक्षा निदेशालय ने इन्हें बैटरी से संचालित करने की योजना तैयार की है। नए शैक्षणिक सत्र 2016-17 से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
बच्चों को उपग्रह आधारित एक समान शिक्षण देने के लिए 2004 में एजुसेट प्रणाली को मंजूरी दी गई थी। 2005-06 से सरकारी स्कूलों में इसे लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया। एजुसेट पर किया गया पाठ प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल करने वाले बच्चों को समान रूप से उपलब्ध होता है। लेकिन यह व्यवस्था फेल हो गई। नियमित रूप से बिजली की आपूर्ति न होने से स्कूलों में एजुसेट बंद हो गए। एंटीना और कैमरे चोरी कर लिए गए। लचर तरीके से जैसे-तैसे एक दशक खींच गया। निदेशालय ने अब इसे नियमित रूप से चलाने की योजना बनाई है।  
एक्साइड की लगेगी बैटरी : 
शिक्षा निदेशालय ने नामी एक्साइड बैटरी कंपनी को इसके लिए हायर किया है। स्कूलों में बैटरी लगाने का जिम्मा इंचार्ज के कंधों पर होगा। लेकिन वे मनमर्जी से बैटरी नहीं खरीद सकेंगे। एक्साइड कंपनी स्कूल में पांच वर्ष की वारंटी अवधि पर बैटरी की आपूर्ति करेगी। इस दौरान किसी तरह की खराबी आने पर उसे बदल देगी। 
फंड से खरीदेंगे इंचार्ज 
राजकीय उच्च विद्यालयों के इंचार्ज नौवीं व दसवीं कक्षा में संग्रह किए जाने वाले फंड से बैटरी खरीदेंगे। लेकिन सवाल उठता है कि सलाना फंड इतना नहीं होता जिससे एक्साइड की महंगी बैटरी खरीदी जा सके। विभाग इस वजह से जिस उच्च विद्यालय में प्राइमरी अटैच है उसे इस योजना में शामिल करेगा। निदेशालय को सूचित करने के बाद ही बैटरी खरीदने की मंजूरी मिलेगी।                                                dj

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