यमुनानगर : प्रदेशभर के स्कूलों में मनमर्जी से आने और जाने वाले
शिक्षक अब और मनमानी नहीं चला पाएंगे। क्योंकि दिसंबर माह का वेतन अब
उन्हीं शिक्षकों को मिलने वाला है जिन्होंने बायोमीट्रीक मशीन के जरिए अपनी
स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराई है। ऐसे में अब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
करने वाले शिक्षकों को हर हाल में स्कूल आना ही होगा। यह आदेश मौलिक
शिक्षा निदेशक की ओर से जारी किया गया है।
स्कूल में शिक्षकों की हाजिरी
लगाने के लिए स्कूल में रजिस्टर लगाए गए थे। यह स्कूल मुखिया के संरक्षण
में रहता था। कुछ शिक्षक मुखिया से सांठगांठ करके मनमर्जी से स्कूल में आते
थे और रजिस्टर में हाजिरी दर्ज कर देते थे। कई बार गैरहाजिर होने के
बावजूद अगले दिन आकर हाजिरी भर देते थे। इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान
होता था, लेकिन स्कूल रजिस्टर में उसकी हाजिरी पूरी होती थी।
मशीन देने के
बावजूद नहीं लगाते थे हाजिरी :
सरकार द्वारा छह माह पूर्व शिक्षा विभाग को
शिक्षकों की हाजिरी बायोमीट्रीक मशीन से लगवाने के निर्देश दिए थे। विभाग
की ओर से सभी स्कूलों में मशीने दे दी गई थी और स्कूल मुखियों को निर्देश
दिए थे कि मशीन को इंस्टॉल कराकर सभी शिक्षकों की उपस्थिति मशीन से ही दर्ज
कराएं। इसके बावजूद शिक्षक रजिस्टर में हाजिरी लगा रहे थे। इन मशीनों का
रिकार्ड सीएम कार्यालय में जाता है, वहां रजिस्टर्ड शिक्षकों की संख्या की
अपेक्षा हाजिरी काफी कम शिक्षकों की जा रही थी। इस पर मुख्यमंत्री द्वारा
मौलिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए गए कि सभी शिक्षकों की उपस्थिति मशीन
से दर्ज करना अनिवार्य करें।
निदेशक ने जारी किया पत्र :
निर्देश मिलने के
बाद मौलिक शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश
दिए कि सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिती मशीन से दर्ज कराएं। जिन
शिक्षकों की उपस्थिती मशीन से दर्ज नहीं होगी, उसकी दिसंबर माह का वेतन
नहीं दिया जाएगा। इससे सभी शिक्षकों को अब मशीन में हाजिरी लगानी ही
पड़ेगी। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षक को वेतन से वंचित रहना पड़ सकता
है।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगर यमुनानगर के राजकीय उच्च व
वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 1663 शिक्षक रजिस्टर्ड हैं तो इनमें से केवल
359 शिक्षक ही अब तक मशीन से उपस्थिति दर्ज कराते थे। इसी प्रकार राजकीय
प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में 949 शिक्षक रजिस्टर्ड हैं, इनमें से
केवल 14 ही मशीन से उपस्थिति दर्ज कराते थे। इससे ही शिक्षकों की मंशा
जाहिर हो जाती है कि वह मशीन से उपस्थिती दर्ज कराने को कितने गंभीर हैं।
यदि शिक्षकों की मंशा सही होती, तो सभी स्वयं ही मशीन से उपस्थिती दर्ज
कराते। dj
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