फतेहाबाद : जिले के पंजाबी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू , डीपीई,
साइंस, हिंदी आदि टीजीटी विषयों में पात्रता परीक्षा पास बेरोजगार पात्र
अध्यापकों ने पपीहा पार्क में पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले बैठक की।
टीजीटी के सभी रिक्त पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को लेकर
नारेबाजी की।
टीजीटी भाषा विषयों में पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों
ने आरोप लगाया कि बोर्ड परीक्षाओं में लगातार कई वर्षों से आ रहे खराब
परीक्षा परिणाम के बावजूद भी सरकार रेगुलर टीजीटी शिक्षकों की भर्ती को ले
कर गंभीर नहीं है। प्रदेश में भले ही पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा के तौर पर
मान्यता मिली हुई है लेकिन पंजाबी भाषा के शिक्षकों की नियमित भर्ती हुए 10
साल से ज्यादा की अवधि बीत चुकी है। आलम ये है कि वर्ष 2008, 2009 व 2011
में पंजाबी भाषा में अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने वाले पात्र
अध्यापकों के प्रमाणपत्रों की वैधता की अवधि वर्ष 2016 में समाप्त होने
वाली है लेकिन पंजाबी भाषा की शिक्षक भर्ती का कोई विज्ञापन तक जारी नहीं
हुआ है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में सरकार ने यह नियम लागु कर दिया कि
पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि सिर्फ 5 वर्ष ही होगी।
अध्यापक संघ के जिला प्रधान अजय भोडिय़ा ने कहा कि सरकार पंजाबी, अंग्रेजी,
संस्कृत, डीपीई आदि के रिक्त टीजीटी पदों पर रेगुलर शिक्षकों की भर्ती को
ले कोई कदम नही उठा रही है, जबकि संघ अनेक बार ज्ञापन सौंप कर रेगुलर भर्ती
शुरू करने की मांग कर चुका है। उन्होंने कहा कि पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट
की जस्टिस अमित रावल की बेंच ने 15 सितंबर को पंजाबी, अंग्रेजी, संस्कृत,
उर्दू , डीपीई आदि विषयों के सभी रिक्त पदों पर अविलम्ब रेगुलर भर्ती शुरू
करने का कड़ा आदेश सरकार को दिया था। संघ के प्रदेश संगठन सचिव सतदेव
झाझड़ा ने कहा कि वर्ष 2011 से पहले पात्रता परीक्षा पास करने के बावजूद भी
वर्ष 2015 की समाप्ति तक टीजीटी भर्ती शुरू न होना हजारों योग्य युवाओं के
साथ धोखा है क्योकि पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र तो मात्र 5 वर्ष के लिए ही
वैध है। dj
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