भिवानी : सरकार व शिक्षा विभाग प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के चाहे जितने दावे क्यों न करे, लेकिन परीक्षा परिणामों पर कुछ और ही आंकड़े पेश कर रहा है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा बृहस्पतिवार को घोषित पहले सेमेस्टर का 10वीं का परीक्षा परिणाम गत वर्ष के 45 फीसदी के मुकाबले गिरकर 35 फीसदी रह गया है। सरकारी स्कूलों में तो परीक्षा परिणाम और भी निराशाजनक रहा।
सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम केवल 26 प्रतिशत रहा। निजी स्कूलों का परिणाम 46.44 फीसदी रहा। अम्बाला को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से पिछड़ गये।
मुख्यमंत्री के क्षेत्र करनाल में 10वीं का परिणाम नीचे से तीसरे स्थान 16.53 फीसदी है, शिक्षामंत्री रामबिलास के क्षेत्र महेन्द्रगढ़ का परीक्षा परिणाम सबसे बेहतर 39.80 फीसदी रहा।
मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री दोनों के गृह जिलों में निजी स्कूलों का सरकारी स्कूलों के मुकाबले कहीं बेहतर रिजल्ट रहा है। महेंद्रगढ़ में निजी स्कूलों का पास प्रतिशतत 62.52 फीसदी रहा, जबकि करनाल में यह 39.88 फीसदी रहा। भिवानी में भी निजी स्कूलों ने बाजी मारी। यहां निजी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 55.70 फीसदी जबकि सरकारी स्कूलों का परिणाम केवल 27.20 फीसदी रहा।
कई विषयों में 98 फीसदी से ऊपर अंक
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की बारहवीं के घोषित नतीजों में रेगुलर परीक्षार्थियों का एग्रीकल्चर सब्जेक्ट में 99.21 फीसदी विद्यार्थी पास हुए, जबिक प्राइवेट परीक्षा देने वाला एक भी परीक्षार्थी इस विषय में पास नहीं हो पाया। दूसरी तरफ ऑटो मोबाइल में प्राइवेट परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा। डांस के भी सभी नियमित परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। नियमित बच्चों का आईटी का रिजल्ट 98.02 प्रतिशत रहा। इसी तरह पंजाबी विषय का भी रिजल्ट 98.15 प्रतिशत बच्चे उत्तीर्ण हुए। dt
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