भिवानी : मौलिक हेडमास्टरों के पद समाप्त करने के फैसले से अब मौलिक शिक्षा
विभाग ने हाथ खींच लिए हैं। साथ ही विभाग ने कहा कि मौलिक हेडमास्टरों को
अब कक्षा लेना अनिवार्य होगा। उनको सप्ताह में लिए जाने वाले सभी 36 पीरियड
लेने होंगे। इसके अलावा कुछ पदों को कैप्ट रखा गया है। बता दें कि मौलिक
शिक्षा विभाग के निदेशक की साइट पर 14 जुलाई को मौलिक मुख्य अध्यापकों की
रेशनलाइजेशन के तहत अपडेट लिस्ट में 5610 पदों में से 2374 पद नहीं दिखाए
थे। इस पर मौलिक मुख्य अध्यापकों ने सड़क पर आंदोलन के साथ अदालत में जाने
की चेतावनी दी थी।
शिक्षा विभाग के अनुसार कर्ण सिंह बनाम हरियाणा सरकार के बीच चले
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए वर्ष 2012 में मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकों
के पदों को सृजित किया गया था। जून 2013 में इन पदों को भरा गया। विभाग के
अधिकारियों के अनुसार शुरू में मौलिक हेड मास्टरों के 5548 पद थे। बाद में
इनको 5610 किया गया। टीजीटी का प्रमोशन करने के बाद मौलिक हेडमास्टर का
दर्जा देने के समय भी यह तय किया गया था कि उनके लिए पढ़ाना भी अनिवार्य
रहेगा। अब जिन स्कूलों में ज्यादा जरूरी है वहां उनको भेजा जाएगा। उनके लिए
यह भी अनिवार्य किया गया है कि वे कक्षा जरूर लें।
सेकेंडरी एजुकेशन के
अतिरिक्त निदेशक विरेंद्र सहरावत ने बताया कि मौलिक हेडमास्टरों के पद को
खत्म नहीं किया जा रहा है। उनके पदों को जरूरत के अनुसार कैप्ट किया जा रहा
है। तबादले के बाद वे जिस भी स्टेशन पर जाएंगे वहां उनको कक्षा लेना
अनिवार्य होगा।
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