नई दिल्ली : देश भर में पांचवीं और आठवीं कक्षाओं की परीक्षा अब फिर से
बोर्ड से होगी। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय इसके लिए जल्द ही संसद
में विधेयक लाने की तैयारी में है। देश के करीब 24 राज्यों ने इसके लिए
अपनी सहमति भी दे दी है।
केंद्रीय एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया
कि शिक्षा में सुधार के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत अब पांचवीं
और आठवीं कक्षाओं में छात्रों को फेल न करने की प्रणाली खत्म होगी। नई
व्यवस्था के तहत फेल होने वाले छात्रों को एक और मौका दिया जाएगा। मार्च
में जो छात्र फेल होंगे, उन्हें मई में परीक्षा पास करने का मौका मिलेगा।
यदि इस परीक्षा को भी छात्र पास नहीं कर सका, तो उसे स्कूल से बाहर करने का
अधिकार होगा। खास बात यह है कि इस नए विधेयक के दायरे में केंद्र और राज्य
के सभी सरकारी और निजी स्कूल आएंगे। एचआरडी मंत्रलय के मुताबिक नए विधेयक
के तहत राज्यों के पास बोर्ड के गठन और परीक्षा कराने का अधिकार रहेगा। इस
बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पढ़ाई न करने वालों को भी पांचवीं और
आठवीं कक्षाओं से आंख मूंदकर प्रमोट किया जा रहा है। इसके चलते शिक्षा की
गुणवत्ता खराब हो रही है।
सरकारी स्कूलों से बच्चों के भागने की बढ़ती
रफ्तार को देखते हुए सरकार स्कूलों में ऐसे पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है,
जिससे छात्रों में पढ़ाई की रुचि जगे। जावड़ेकर ने कहा कि कर्नाटक,
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने कई अनूठे प्रयोग शुरू किए हैं। आने
वाले दिनों में इसके अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे।
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