.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday, 26 July 2017

नहीं सुधरे हालात, स्कूलों में थमा दिए धुंधले पेपर, आंखें मलते रह गए विद्यार्थी

** मासिक परीक्षा के दूसरे दिन भी बोलकर नोट कराए गए प्रश्न तो कहीं वाट्सएप पर मंगवाया पेपर
हिसार : शिक्षा विभाग की लापरवाही जारी रही, इसके कारण मासिक परीक्षा दूसरे दिन भी मजाक बनी रही। साथ ही अव्यवस्था के कारण यह परीक्षा अब शिक्षकों और बच्चों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। परीक्षा के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी सरकारी स्कूलों में अनियमितताएं देखने को मिलीं। न तो स्कूलों में पेपर पहुंचे और न ही एग्जाम सही समय पर शुरू हुआ। 
हद तो तब हुई, जब अधिकांश स्कूलों में बच्चों को धुंधले पेपर थमा दिए गए, जिस कारण बच्चे आंखें मलते हुए एक-दूसरे के मुंह ताकते नजर आए। शिक्षकों को प्रश्न बोलकर बच्चों को समझाने पड़े, जिसमें शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिस कारण एक तो वक्त ज्यादा बर्बाद हुआ, तो दूसरा धुंधले पेपर होने के कारण बच्चों ने कुछ प्रश्न बिना हल किए ही छोड़ दिए। मंगलवार को सरकारी स्कूलों में हंिदूी, मैथ और सोशल साइंस का पेपर था, लेकिन अधिकांश स्कूलों में अव्यवस्था के कारण प्रश्न पत्र ही नहीं पहुंचे, जिससे शिक्षकों को वाट्सएप का सहारा लेना पड़ा। इससे परीक्षा आधे से एक घंटे की देरी से शुरू हुई। वहीं दूसरी ओर, उच्च अधिकारी दुरुस्त व्यवस्था का हवाला देते हुए मामले से ¨पड छुड़ाते नजर आए। सोमवार को मासिक परीक्षा के पहले दिन ही सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था देखने को मिली थी। अधिकांश स्कूलों ने वाट्सएप का सहारा लिया तो कहीं प्रश्न पत्र न होने से शिक्षकों को बोलकर बच्चों को प्रश्न बताने पड़े।
यहां वाट्सएप पर मंगवाया पेपर
एचएयू स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में दूसरे दिन मंगलवार को प्रश्न पत्र काफी हद तक पहुंचे। लेकिन कुछ कक्षा में प्रश्न पत्र की कमी से बच्चों को परेशानी हुई। पहली कक्षा में कुल 35 बच्चे हैं, जिनमें एक भी प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं हो पाया, जिस कारण शिक्षकों ने पहले तो आसपास क्षेत्रों से संपर्क साधा, लेकिन बात न बनने पर शिक्षकों ने सिरसा के सरकारी स्कूलों से प्रश्न पत्र वाट्सएप से मंगवाए, जिस के बाद ¨पट्र निकालकर बच्चों को प्रश्न पत्र वितरित किए गए, जिस कारण एग्जाम आधे घंटे की देरी से उपलब्ध हुए। इस संदर्भ में प्राचार्य चंद्रकांता ने बताया कि मंगलवार को प्रश्न पत्र काफी हद तक मौजूद थे। लेकिन पहली कक्षा में एक भी प्रश्न पत्र उनके पास नहीं थे। हालांकि व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
"मंगलवार को काफी हद तक प्रश्न पत्र संबधित समस्या का हल किया गया। अधिकांश स्कूलों में प्रश्न पत्र पर्याप्त संख्या में भेजे गए। आने वाले दिनों में प्रश्न पत्र उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।"-- संतोष हुड्डा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।
अब आगे की चिंता..कैसे पहुंचेगा अगला पेपर 
शिक्षा विभाग की ओर से एक के बाद एक लापरवाही सामने आ रही है। 27 जुलाई को सरकारी स्कूलों में मैथ, साइंस और एच्छिक विषय का पेपर है। लेकिन लापरवाही के कारण विभाग की ओर से अभी तक स्कूलों में एक भी प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए गए हैं। नियमानुसार सुबह आठ बजे ही सरकारी स्कूलों में मासिक परीक्षा की शुरुआत करनी होती है, लेकिन शिक्षा विभाग के लापरवाही रवैये से लगता नहीं है कि स्कूलों में प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाया जा सकेगा।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.